'हमें प्रवचन मत दीजिए...', वेणुगोपाल पर भड़के रविशंकर प्रसाद, कर दी पूरा भाषण डिलीट करने की डिमांड

लोकसभा में चुनाव सुधार पर दूसरे दिन की चर्चा की हंगामेदार शुरुआत हुई. कांग्रेस की ओर से पहले वक्ता केसी वेणुगोपाल ने चुनाव आयोग पर बीजेपी के एजेंट की तरह काम करने का आरोप लगाया. वहीं, बीजेपी के रविशंकर प्रसाद ने वेणुगोपाल को यह नसीहत दी कि बीजेपी को सलाह न दें.

Advertisement
केसी वेणुगोपाल ने चुनाव आयोग पर उठाए सवाल, रविशंकर प्रसाद का पलटवार (Photo: ITG) केसी वेणुगोपाल ने चुनाव आयोग पर उठाए सवाल, रविशंकर प्रसाद का पलटवार (Photo: ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 10 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 3:22 PM IST

लोकसभा में चुनाव सुधार पर चर्चा के दूसरे दिन कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने बिहार में चुनाव से दो महीने पहले एसआईआर पर सवाल उठाया और चुनाव आयोग को घेरा. केसी वेणुगोपाल ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत का उदाहरण देते हुए चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा किया. वहीं, वेणुगोपाल के वार पर बीजेपी की ओर से बोलने खड़े हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पलटवार किया. रविशंकर प्रसाद ने केसी वेणुगोपाल का पूरा भाषण डिलीट करने की मांग की.

Advertisement

केरल के अलप्पुझा से कांग्रेस के सांसद केसी वेणुगोपाल ने चुनाव आयोग पर बीजेपी के चुनाव एजेंट की तरह काम करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि इस सवाल का जवाब दिया जाना चाहिए कि इस डिजिटल युग में मशीन रीडेबल वोटर लिस्ट क्यों नहीं है. केसी वेणुगोपाल ने पीएम मोदी के चुनावी जनसभाओं में मंगलसूत्र वाले बयान का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पीएम मोदी के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत की, जिसे चुनाव आयोग ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को रेफर कर दिया.

केसी वेणुगोपाल ने 2003 में हुए एसआईआर के लिए चुनाव आयोग के ऑर्डर की कॉपी सदन में दिखाई और कहा कि तब इसके लिए छह महीने का समय था. तब चुनाव से दो महीने पहले नहीं हुआ था. बिहार में ऐसा क्या हुआ कि चुनाव से दो महीने पहले एसआईआर कराना पड़ा. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर आधार कार्ड को मान्य किया गया. उन्होंने यह भी कहा कि एसआईआर के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में मैं खुद भी पिटीशनर हूं. वेणुगोपाल के बाद बीजेपी के वक्ता पूर्व मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आसन से वेणुगोपाल का पूरा भाषण डिलीट करने की मांग की.

Advertisement

रविशंकर प्रसाद ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि ये कहते हैं कि हम संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर रहे. कैबिनेट के अप्रूवल के बिना इमरजेंसी लगाने का प्रस्ताव राष्ट्रपति फखरुद्दीन अहमद को किसने भेजा और उनको साइन करने पर मजबूर होना पड़ा. उन्होंने गिल और नवीन चावला को मुख्य चुनाव आयुक्त बनाए जाने का जिक्र करके भी विपक्ष पर पलटवार किया और कहा कि वेणुगोपाल जी कृपा करके हमें भाषण न दें, जरा अपने अतीत में झांकें. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी को ध्यान से सुनता हूं. पहला सुनता हूं कि उन्होंने होमवर्क किया कि नहीं किया. कल फिर नहीं किया.

यह भी पढ़ें: कैसे होती है रेलवे स्टेशनों की ग्रेडिंग? अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में बताया पूरा सिस्टम

उन्होंने कहा कि संघ (आरएसएस) पर बोलने की उनके परिवार (गांधी परिवार) की परंपरा रही है. प्रियंका गांधी को कहूंगा इससे दूर रहिए. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि संघ सौ साल का हो गया और देश का सबसे बड़ा संगठन बन चुका है. आजादी के 75 साल बाद वह संघ की आलोचना करते रहे, संघ बढ़ता रहा. आज देखिए, हम कहां पहुंच गए और वह कहां पहुंच गए. उन्होंने आगे कहा कि समस्या ये है कि जनता इन पर विश्वास नहीं करती. जनता ने 50 साल इनको मौका दिया था. जनता नमस्ते करती है, तो क्यों कर रही है. जनता ने बीजेपी, एनडीए और नरेंद्र मोदी की अगुवाई में एक विकल्प खोजा है.

Advertisement

बैलट पर लौटने की मांग पर प्रसाद ने विपक्ष को घेरा

रविशंकर प्रसाद ने फ्रीबिज को लेकर विपक्ष के आरोप पर पलटवार करते हुए कहा कि नीतीश कुमार की सरकार क्या सिर्फ 10 हजार रुपये की वजह से है. उन्होंने साइकिल योजना से लेकर महिलाओं को लेकर चलाई जा रही तमाम योजनाएं गिनाईं और कहा कि ये आज बैलट पर लौटने की मांग कर रहे हैं. यूपी-बिहार में जिस दिन वोटिंग होती थी, 10-12 लाशें गिरती थीं. पटना में भी बूथ कैप्चरिंग होती थी. इसे 1989 में अपराध माना गया. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि बैलट लाने की मांग का मतलब लूट का बाजार लाने की डिमांड है.

यह भी पढ़ें: Parliament Winter Session Live: कंगना ने उठाया सोनिया गांधी के वोटर कार्ड का मुद्दा, गांधी फैमिली को घेरा

उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के दो दर्जन से अधिक फैसले ईवीएम को वैलिडेट करते हैं. बिहार चुनाव में विपक्ष ने एक भी शिकायत नहीं दी. पटना साहिब से सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जो बाजार में हैं ही नहीं, वो लेवल प्लेयिंग फील्ड की बात करते हैं. उन्होंने चुनाव बॉन्ड से चंदे के सिस्टम का बचाव करते हुए कहा कि पहले मार्केट में डिमांड तो बनाइए. गुप्त दान भारत की आध्यात्मिक परंपरा है. अपनी खीझ के लिए चुनाव आयोग को दोष देना बंद करिए, खुद को मजबूत करिए.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement