पीएम मोदी, सीएम योगी और सलमान खान... ChatGpt ने बनाए सबके आधार-पैन, अब सैंपल में किए लिस्टेड

इंडिया टुडे ने दिखायाकि कैसे GPT-4o का उपयोग करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित सार्वजनिक हस्तियों के फर्जी पहचान पत्र बनाए जा सकते हैं. हालांकि, सोमवार को उसी अनुरोध पर मॉडल ने जवाब दिया: "मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे वास्तविक व्यक्ति के लिए एक वास्तविक आधार कार्ड बनाने में मदद नहीं कर सकता."

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AI बना रहा असल जैसे दिखने वाले आधार-पैनकार्ड AI बना रहा असल जैसे दिखने वाले आधार-पैनकार्ड

आकाश शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 07 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 9:07 PM IST

ओपनएआई के सबसे नए मॉडल, GPT-4o, ने हाल ही में जालसाजी को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं. असल में कई यूजर्स ने पाया कि इसके जरिए बिल्कुल सटीक दिखने वाले सरकारी पहचान पत्र जैसे डॉक्यूमेंट बना सकता है. भारी आलोचना के बाद, मॉडल ने अब ऐसे दस्तावेजों को "नकली" के रूप में चिह्नित करने के लिए टेक्स्ट एड करना शुरू कर दिया है.

एआई कंपनी ने कुछ बैकएंड बदलाव किए हैं, जिसके तहत चैटजीपीटी द्वारा बनाए गए आधार कार्ड, पैन कार्ड और पासपोर्ट को "सैंपल", "ऑफिशियल यूज के लिए नहीं", और "डेमो" के रूप में लेबल किया जा रहा है.

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सैंपल के तौर पर किए गए चिह्नित
हालांकि, सभी एआई-जनरेटेड दस्तावेजों को "सैंपल" के रूप में चिह्नित नहीं किया जा रहा है. पिछले हफ्ते, सोशल मीडिया पर एआई-जनरेटेड सरकारी दस्तावेजों की तस्वीरें वायरल हो गईं, जिसने साइबर अपराधियों द्वारा इनके दुरुपयोग की संभावना को लेकर चिंता बढ़ा दी.
शुक्रवार को, इंडिया टुडे ने दिखायाकि कैसे GPT-4o का उपयोग करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित सार्वजनिक हस्तियों के फर्जी पहचान पत्र बनाए जा सकते हैं. हालांकि, सोमवार को उसी अनुरोध पर मॉडल ने जवाब दिया: "मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे वास्तविक व्यक्ति के लिए एक वास्तविक आधार कार्ड बनाने में मदद नहीं कर सकता."

सीएम योगी का बना दिया पैन कार्ड
जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए पैन कार्ड बनाने के लिए कहा गया, तो GPT-4o ने पहले मना कर दिया, लेकिन प्रॉम्प्ट में कुछ बदलाव करने के बाद उसने दस्तावेज बनाया, जिसे "सैंपल पैन कार्ड" के रूप में लेबल किया गया.

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इसी तरह का परिणाम तब देखा गया जब बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान का आधार कार्ड बनाने के लिए कहा गया. इसे "सैंपल / आधिकारिक उपयोग के लिए नहीं" के रूप में चिह्नित किया गया. यह लेबलिंग जालसाजी और पहचान की चोरी की आशंकाओं को कम करने के लिए एक निवारक कदम प्रतीत होता है.

इसके अलावा, अब एआई-जनरेटेड दस्तावेज जारी करने वाली अथॉरिटी द्वारा अपनाए गए सटीक लेआउट और डिज़ाइन का पालन नहीं करते. हालांकि, प्रॉम्प्ट में कुछ स्मार्ट चेंज के बाद, एआई अभी भी कवि कुमार विश्वास के लिए पैन कार्ड और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए आधार कार्ड बना रहा था—जो GPT-4o की दुरुपयोग की संवेदनशीलता और सुधार की संभावना को उजागर करता है.

यूजर्स यह सत्यापित कर सकते हैं कि कोई विशेष आधार नंबर वास्तविक है या सिर्फ 12 अंकों का एक कोई नंबर है, इसके लिए वे यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं, जो आधार जारी करने वाली अथॉरिटी है. इसी तरह, पैन कार्ड की प्रामाणिकता को आयकर विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट पर चेक किया जा सकता है. यह घटना दिखाती है कि हालांकि ओपनएआई ने जालसाजी को रोकने के लिए कदम उठाए हैं, लेकिन तकनीक में अभी भी कमजोरियां मौजूद हैं, जिनका दुरुपयोग संभव है.

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