98 साल के पूर्व फौजी ने कोरोना को दी मात, नेवी के अस्पताल में चल रहा था इलाज

भारतीय सेना की महार रेजिमेंट में अपनी सेवा दे चुके सिपाही सकपाल अब तक की अपनी जिंदगी में स्पैनिश फ्लू से लेकर कोरोना वायरस की महामारी देख चुके हैं. हालांकि कोरोना संक्रमण की चपेट में सकपाल जरूर आए लेकिन उन्होंने इसके खिलाफ सफलतापूर्वक जंग जीत ली है.

Advertisement
पूर्व फौजी  लक्ष्मण सकपाल पूर्व फौजी लक्ष्मण सकपाल

अभि‍षेक भल्ला

  • नई दिल्ली,
  • 16 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 1:24 PM IST

  • महार रेजिमेंट में सिपाही रह चुके हैं सकपाल
  • कोविड के चलते न्यूमोनिया की हुई शिकायत

कोरोना महामारी की इस विकट परिस्थिति में ऐसी भी खबरें आ रही हैं, जो लोगों के मन में उम्मीद की किरण जगा रही हैं. देश में एक तरफ कोरोना से मरने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है तो दूसरी ओर इस बीमारी से ठीक होने वाले लोगों की तादाद भी अच्छी खासी है. इसी कड़ी में एक खबर मुंबई से आई जहां 98 साल के एक पूर्व फौजी ने कोरोना को मात देकर जिंदगी की जंग जीत ली है. अब वे पूरी तरह ठीक होकर अपने घर लौट चुके हैं.

Advertisement

98 साल के इस पूर्व फौजी का नाम रामू लक्ष्मण सकपाल है, जो पूर्व में सेना में महार रेजिमेंट में सिपाही रैंक पर तैनात थे. सकपाल नवी मुंबई के नेरूल के रहने वाले हैं. उन्हें कोरोना का संक्रमण होने के बाद नेवी के हॉस्पिटल जहाज (पानी के जहाज पर बना अस्पताल) अश्विनी में दाखिल कराया गया था. सकपाल पूर्व में देश के लिए जंग भी लड़ चुके हैं. कुछ हफ्ते पहले उन्हें कोविड के चलते न्यूमोनिया की शिकायत हुई थी. अश्विनी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद 15 अगस्त को उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया.

कोरोना पर फुल कवरेज के लि‍ए यहां क्ल‍िक करें

भारतीय सेना की महार रेजिमेंट में अपनी सेवा दे चुके सिपाही सकपाल अब तक की अपनी जिंदगी में स्पैनिश फ्लू से लेकर कोरोना वायरस की महामारी देख चुके हैं. हालांकि कोरोना संक्रमण की चपेट में सकपाल जरूर आए लेकिन उन्होंने इसके खिलाफ सफलतापूर्वक जंग जीत ली है.

Advertisement

15 अगस्त को उनकी यह जंग पूर्ण रूप से सफल रही जब वे पूरी तरह ठीक होकर अपने घर लौट गए. सकपाल का यह जज्बा वैसे लोगों के लिए एक प्रेरणा है, जो कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद आत्मविश्वास खो बैठते हैं. सकपाल की सफलता दर्शाती है कि इंसान अगर आत्मविश्वास को मजबूत रखे तो जिंदगी के किसी भी पड़ाव पर बड़ी से बड़ी मुश्किल से निपटा जा सकता है.

कोरोना कमांडोज़ का हौसला बढ़ाएं और उन्हें शुक्रिया कहें...

सिपाही सकपाल को आईएनएचएस अश्विनी पर गर्मजोशी के साथ विदाई दी गई. बता दें, अश्विनी प्राइमरी नेवल हेल्थकेयर सेंटर है जो कोविड के लिए तैयार किया गया है. जहाज पर बने अस्पताल में सेना के कार्यरत या रिटायर्ड फौजियों का इलाज किया जा रहा है जो कोरोना से संक्रमित हैं. इसमें नेवी, आर्मी, एयरफोर्स और कोस्ट गार्ड के जवानों का इलाज चल रहा है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement