मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018: सतना सीट पर कांग्रेस की जीत

मध्य प्रदेश में 230 सीटों में से कांग्रेस 114 सीट पर जीत दर्ज कर चुकी है. 2013 के मुकाबले कांग्रेस को 2018 के विधानसभा चुनाव में 56 सीटों का फायदा हुआ है.कांग्रेस का वोट प्रतिशत 4 प्रतिशत बढ़कर 41 फीसदी हुआ.

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मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 : सतना मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 : सतना

चिराग गोठी

  • न्‍ाई द‍िल्‍ली,
  • 11 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 3:41 PM IST

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं और कांग्रेस 15 साल बाद सूबे की सत्ता में वापसी कर रही है. यहां की सतना विधानसभा सीट पर कांग्रेस के डब्‍बू स‍िद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा ने बाजी मार ली है. उन्होंने बीजेपी के शंकरलाल त‍िवारी को 12558 वोटों से शिकस्त दी है.

सतना एक बड़ी विधानसभा है और करीब ढाई लाख लोगों ने यहां अपने मताधिकार का इस्तेमाल क‍िया. ब्राह्मण और व्यापारी वर्ग की बड़ी आबादी वाले इस क्षेत्र में बीजेपी को फायदा होता आया है.

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साल 2013 के विधानसभा चुनाव में सतना सीट पर लड़ाई दो ब्राह्मणों के बीच थी. बीजेपी की ओर से शंकरलाल तिवारी तो कांग्रेस की ओर से राजाराम त्रिपाठी मैदान में थे. आखिर में बीजेपी को इस सीट पर 15332 वोटों के बड़े अंतर से जीत हासिल हुई थी. सवर्णों की लड़ाई से बीएसपी को फायदा पहुंचा और पिछले चुनाव में मायावती की पार्टी को भी 21 फीसदी वोट मिले. इस सीट पर समाजवादी पार्टी और अपना दल समेत करीब 22 दलों ने चुनाव लड़ा था.

सतना सीट पर 2008 के विधानसभा चुनाव में हिन्दू-मुस्लिम कार्ड खेला गया. इस चुनाव में बीजेपी के शंकरलाल तिवारी के खिलाफ कांग्रेस ने मुस्लिम प्रत्याशी सईद अहमद को मैदान में उतारा था. हालांकि ये दांव भी काम न आया और कांग्रेस यह सीट 10800 वोटों के अंतर से हार गई थी. बीएसपी को इस चुनाव में 19 फीसदी वोट मिले और वह तीसरे स्थान की पार्टी रही. 2008 के चुनाव में 25 उम्मीदवारों ने अपने किस्मत दांव पर लगाई थी.

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2013 में विधानसभा की क्या थी तस्वीर

मध्य प्रदेश विधानसभा की 230 सीटों में से 35 सीट अनुसूचित जाति जबकि 47 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. 148  गैर-आरक्षित सीटें हैं. 2013 में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने 165 सीटों पर जीत हासिल कर राज्य में लगातार तीसरी बार सरकार बनाई थी, जबकि कांग्रेस को 58 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था. वहीं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने 4 जबकि 3 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी.

कितने लोगों ने किया मताधिकार का प्रयोग...

निर्वाचन आयोग के मुताबिक 2013 में मध्य प्रदेश में कुल 4,66,36,788 मतदाता थे जिनमें महिला मतदाताओं की संख्या 2,20,64,402 और पुरुष मतदाताओं की संख्या 2,45,71,298 और अन्य वोटर्स 1088 थे. 2013 में 72.07 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था.

वोटिंग में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी....

निर्वाचन आयोग के मुताबिक इस बार मध्य प्रदेश में 75.05 फीसदी मतदान हुआ. जबकि 2013 में 72.07 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. इस बार महिलाओं का मतदान प्रतिशत पिछले चुनाव के मुकाबले करीब 4 फीसदी बढ़कर 74.03 प्रतिशत रहा. 2013 में महिलाओं का मतदान प्रतिशत 70.11 प्रतिशत रहा था.

इसके पहले कैसा रहा है वोटिंग का प्रतिशत...

1990 में स्व. सुंदरलाल पटवा के नेतृत्व में भाजपा मैदान में उतरी और 4.36 फीसदी वोट बढ़ गए. तत्कालीन कांग्रेस की सरकार को हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद 1993 में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस चुनाव में उतरी तो 6.03 प्रतिशत मतदान बढ़ा और बीजेपी की पटवा सरकार हार गई थी.

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वहीं, 1998 में वोटिंग प्रतिशत 60.22 रहा था जो 1993 के बराबर ही था. उस वक्त दिग्विजय सिंह की सरकार बनी. लेकिन 2003 में उमा के नेतृत्व में भाजपा सामने आई और दिग्विजय सिंह की 10 साल की सरकार सत्ता से बाहर हो गई. उस वक्त भी 7.03 प्रतिशत वोट बढ़े थे.

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