दिल्ली:'ऑड-ईवन' को बड़ा झटका, ऑपरेटर्स ने DTC को बसें देने से किया इनकार

श्याम लाल गोला, महासचिव, STA एकता मंच का कहना है, "सरकार चाहती है कि हम साल भर फुर्सत में बैठे रहें 15 दिन के इंतजार में, अगर सरकार नई बसें नहीं खरीद पा रही तो हम नई बसें सरकार को देने को तैयार हैं पर कांट्रैक्ट साल भर से कम ना हो."

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प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर

अंकित यादव / कौशलेन्द्र बिक्रम सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 01 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 4:58 PM IST

दिल्ली सरकार प्रदूषण से निपटने के लिए ऑड-ईवन को दोबारा लाने की कवायद में है तो वहीं दूसरी तरफ प्राइवेट बस ऑपरेटर्स ने डीटीसी को बसें देने से इंकार कर दिया है. दिल्ली की सबसे बड़ी प्राइवेट बस आपरेटर संस्था में से एक एसटीए एकता मंच का कहना है कि पिछली बार जहां बसें हजार की संख्या में दी थीं लेकिन इस बार बमुश्किल 100 बसें दे पाएंगे.

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श्याम लाल गोला, महासचिव, STA एकता मंच का कहना है, "सरकार चाहती है कि हम साल भर फुर्सत में बैठे रहें 15 दिन के इंतजार में, अगर सरकार नई बसें नहीं खरीद पा रही तो हम नई बसें सरकार को देने को तैयार हैं पर कांट्रैक्ट साल भर से कम ना हो."

ये हैं बड़ी रुकावटें...

1- स्कूल खुले होना

2- बसें साल भर के कांट्रैक्ट पर लगी हैं

3- सैकड़ों बसें चलने की समयसीमा खत्म कर चुकी हैं

4- पिछले साल पेमेंट को लेकर समस्याएं थीं

5- बस डिपो अलाटमेंट को लेकर नाराजगी (उदाहरण पूर्वी दिल्ली के बस ऑपरेटर को बाहरी दिल्ली का डिपो एलाट किया)

बस ऑपरेटर भी हैं नाराज

दिल्ली सरकार के नियम और काम करने के तरीकों से नाराज कई ऑपरेटर इस बार बस नहीं देना चाहते. पिछली बार पेमेंट से लेकर बस डिपो एलॉट करने के तरीकों को लेकर नाराजगी है.

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हरीश सबरवाल, महासचिव, दिल्ली कांट्रैक्ट बस एसोसिएशन का कहना है कि दिल्ली सरकार के नियम प्राइवेट बस आपरेटर्स के हित में नजर नहीं आते हैं यही वजह है कि कोई भी प्राइवेट ऑपरेटर डीटीसी से जुड़ना नहीं चाहता.

यानी आज की तारीख में जहां दिल्ली को सामान्य यातायात के लिए 10 हजार डीटीसी बसों की जरूरत है तो वहीं आड-ईवन के दौरान तो मांग और बढ़ जाती है.

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