India Today Conclave 2024: केजरीवाल पर शाह का वार, 'शरणार्थियों को अपमानित कर रहे, रोहिंग्या पर क्यों चुप हैं' 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में CAA के मुद्दे पर अपनी बात रखी. उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उस बयान को भी आड़े हाथ लिया, जिसमें उन्होंने शरणार्थियों को जेबकतरा बताया था. साथ ही उनकी वजह से चोरी की घटनाओं में इजाफा होने की बात कही थी. जानिए अमित शाह ने क्या-क्या कहा…

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इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में अमित शाह ने CAA के मुद्दे पर रखी अपनी बात. इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में अमित शाह ने CAA के मुद्दे पर रखी अपनी बात.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 15 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 10:00 PM IST

Amit Shah on India Today Conclave 2024: इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने CAA को लेकर अपनी बात रखी. इस दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने केजरीवाल पर बड़ा हमला बोला. दरअसल, जब उनसे सवाल किया गया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने हाल ही में पीसी की थी. उनका कहना है कि अगर आप सिटीजन एमेंडमेंट एक्ट यानी CAA लेकर आ गए, तो जेबकतरे, चोरी ये सब बढ़ जाएगा. 

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इस पर गृहमंत्री अमित शान ने कहा कि केजरीवाल बगैर पढ़े बोलने के लिए माहिर व्यक्ति हैं. उन्होंने यह कानून ही नहीं पढ़ा है. हमने कानून में लिखा है कि 31 दिसंबर 2014 तक जो शरणार्थी भारत आए हैं, उनके लिए यह कानून है. जो 31 दिसंबर 2014 में यहां आ गए, वो तो ऑलरेडी यहां है. इन शरणार्थियों को जेबकतरे, रेपिस्ट कहना ठीक नहीं है. 

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घुसपैठिया और शरणार्थी का समझाया अंतर 

केजरीवाल को इतना ही कहता हूं कि बांग्लादेश से इतने रोहिंग्या घुसपैठिए आए हैं, उनके लिए एक शब्द बोले होते, तो लिब्ररल दिखते. घुसपैठिए और शरणार्थियों में बड़ा अंतर है. जो यहां घुसकर आता है, गैर-कानूनी तरीके से आता है, वो घुसपैठिया होता है. देश इसके स्वीकार नहीं कर सकता है. जो शरण में आता है, धार्मिक प्रताणना के कारण आता है, अपने परिवार की बच्चियों की  आबरू की रक्षा के लिए आता है, अपने धर्म की रक्षा के लिए आता है, इसकी घुसपैठिया के साथ कभी भी तुलना नहीं कर सकते. 

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संसद में पारित कानून है, यह पत्थर की लकीर है 

CAA का कानून 2019 में पारित हो गया है. बार-बार मैंने कहा है कि यह पार्लियामेंट में पारित कानून है, पत्थर की लकीर है. यह होगा ही होगा. अब कहां सस्पेंस बचा है. पांच साल पहले कानून पारित हो गया था, अब सिर्फ रूल्स बनाए हैं. हमारी विल हमने 2019 के घोषणा-पत्र में घोषित कर दी थी कि हम अगर बहुमत में आते हैं, तो सिटीजनशिप एमेंडमेंट एक्ट लेकर आएंगे. 

टाइमिंग को लेकर कोई सवाल ही नहीं है

सरकार बनते ही हमने अगस्त 2019 में यह बिल पारित कर दिया. राज्य सभा में भी यह बिल पारित हो गया. लोकसभा में भी पारित हुआ. कहां कंफ्यूजन था. इसकी टाइमिंग का कोई सवाल ही नहीं है. सवाल इतना है कि इस पर मल डालने के लिए टाइमिंग का क्वेश्चन खड़ा किया जा रहा है. सबको पता था कि यह आने वाला है. मैंने कभी नहीं कहा कि हम इस पर पीछे हटेंगे. 
 

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