दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नकली दवाओं के कारोबारियों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए एक फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है. यह फैक्ट्री गाजियाबाद के लोनी इलाके में चल रही थी, जहां भारी मात्रा में स्किन से जुड़ी बीमारियों की नकली दवाएं तैयार की जा रही थीं. इन नकली दवाओं की सप्लाई पूरे नॉर्थ इंडिया में की जाती थी, जिससे आम लोगों की सेहत के साथ गंभीर खिलवाड़ हो रहा था.
दरअसल, दिल्ली क्राइम ब्रांच को सूचना मिल रही थी कि दिल्ली और आसपास के इलाकों में नकली दवाओं का नेटवर्क एक्टिव है. इसी आधार पर पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू की.
इसके बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने गाजियाबाद के लोनी में चल रही फैक्ट्री तक पहुंच बनाई और छापेमारी कर दी. इस दौरान पुलिस ने बड़ी संख्या में स्किन रोगों की नकली दवाएं, बड़ी मात्रा में कच्चा माल, मशीनें, लेबल और नामी कंपनियों की दवाओं जैसे दिखने वाले पैकेट बरामद किए.
इस पूरे मामले को लेकर पुलिस ने जब जांच की तो सामने आया है कि फैक्ट्री में तैयार की जा रही नकली दवाओं को दिल्ली के सदर बाजार समेत कई बड़े दवा बाजारों में सप्लाई किया जाता था. इसी कड़ी में क्राइम ब्रांच की टीम ने सदर बाजार में भी छापेमारी कर नकली दवाओं की खेप बरामद की. पुलिस का कहना है कि यह नेटवर्क काफी समय से सक्रिय था और बड़ी संख्या में लोग इसके जरिए मुनाफा कमा रहे थे.
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इस कार्रवाई में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनमें से एक आरोपी नकली दवाएं बनाने वाली फैक्ट्री का मालिक बताया जा रहा है, जबकि दूसरा आरोपी सप्लाई और वितरण के काम में शामिल था. दोनों से पूछताछ की जा रही है, ताकि इस रैकेट से जुड़े अन्य लोगों और पूरे नेटवर्क का पता लगाया जा सके.
यह फैक्ट्री बड़े पैमाने पर स्किन से जुड़ी बीमारियों की नकली दवाएं तैयार कर रही थी. फैक्ट्री में बनाई जाने वाली दवाओं को देखकर असली दवाओं के पैकेट जैसा ही बनाया जाता था, जिससे आम लोग बिना शक किए खरीद लें. लोगों का कहना है कि अधिकृत मेडिकल स्टोर से ही दवाएं खरीदी जानी चाहिए और किसी भी संदिग्ध दवा की जानकारी तुरंत पुलिस या ड्रग कंट्रोल अधिकारियों को दी जानी चाहिए. जानकारों का कहना है कि नकली दवाएं बेहद खतरनाक हो सकती हैं और इससे गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं. फिलहाल इस मामले में आगे की जांच जारी है.
अरविंद ओझा