किसानों को नहीं जलानी पड़ेगी पराली, केजरीवाल सरकार ला रही ये स्कीम

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दिल्ली सचिवालय में एक अहम बैठक बुलाई है. इस बैठक में पर्यावरण विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक भी मौजूद रहेंगे.

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो- पीटीआई) दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो- पीटीआई)

पंकज जैन

  • नई दिल्ली,
  • 29 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 9:52 PM IST
  • गोपाल राय ने बुलाई बैठक
  • पराली के मुद्दे पर होगी चर्चा
  • केजरीवाल ने लिखी थी चिट्ठी

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा है कि बायो डिकम्पोज तकनीक को ग्राउंड पर लागू करने की योजना बुधवार को तैयार हो जाएगी. पूसा कृषि संस्थान के जरिए पराली को खाद में बदलने वाली तकनीक को दिल्ली में लागू करने के लिए फाइनल प्लान पर बुधवार को मुहर लग सकती है

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को दिल्ली सचिवालय में एक अहम बैठक बुलाई है. इस बैठक में पर्यावरण विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक भी मौजूद रहेंगे. माना जा रहा है कि दिल्ली में तकनीक को लागू करने के फाइनल प्लान का एलान हो सकता है.

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आजतक/इंडिया टुडे से बातचीत में गोपाल राय ने कहा, 'हमारी केंद्र सरकार से मांग है कि वो एक नोडल प्वाइंट बनकर दिल्ली-हरियाणा-पंजाब-उत्तरप्रदेश की सरकारों से बातचीत करे और यहां पूसा कृषि संस्थान की बायो डिकम्पोज तकनीक को लागू करवाया जाए. केंद्र सरकार एक केंद्रित पॉलिसी भी बनाए. अगर सभी राज्य की सरकार मिलकर तकनीक लागू करवाते हैं तो किसानों पर आर्थिक बोझ आए बिना ही सरकारें अपने दम पर पराली का समाधान कर सकती हैं.'

उन्होंने कहा, 'पूसा इंस्टिट्यूट की बायो डिकम्पोज तकनीक को दिल्ली में लागू करने की योजना बन रही है. मुख्यमंत्री ने भी केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को खत लिखकर अन्य राज्यों में इस तकनीक को लागू कराने की अपील की है.

सरकार किसानों की मदद कर सकती है और पराली को जलने से और इससे फैलने वाले प्रदूषण को काफी हद तक रोका जा सकता है. दिल्ली में किसानों को सारी सुविधाएं सरकार की तरफ से दिए जाने का प्लान बन रहा है, जिससे किसानों पर बोझ नहीं आएगा. इससे दिल्ली में पराली जलने से मुक्ति मिलेगी.'

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केजरीवाल ने लिखी थी चिट्ठी

बता दें कि 24 सितंबर को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पूसा कृषि संस्थान में जाकर तकनीक का जायजा लिया था और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से इस तकनीक को पड़ोसी राज्यों में लागू करने की मांग करते हुए मिलने का समय मांगा था. हालांकि मुलाकात का समय न मिलने पर 26 सितंबर को सीएम केजरीवाल ने पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को एक चिट्ठी भी लिखी थी.

सीएम केजरीवाल ने अपनी चिट्ठी में पराली के निपटारे के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान की तकनीक का जिक्र किया था और कहा था कि दिल्ली के आसपास के राज्यों को इस तकनीक के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल के लिए प्रेरित किया जाए. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने पराली का सस्ता और सरल समाधान निकाला है. उन्होंने एक ऐसा केमिकल बनाया है, जिसका खेत में छिड़काव करने से पराली गल जाती है और खाद बन जाती है. ऐसे में किसानों को पराली को जलाना नहीं पड़ेगा.

 

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