कोरोना की नई लहर की दस्तक! कोरोना का नया वैरिएंट पहुंचा भारत, विशेषज्ञों ने दी चेतावनी

Omicron BF.7 in India: कोविड -19 के मामले लगातार कम हो रहे हैं. हाल ही में भारत में ओमिक्रॉन के एक नए सब-वैरिएंट की एंट्री हो चुकी है और एक्सपर्ट ने इसको लेकर चेतावनी दी है. यह नया वैरिएंट कौन सा है और इसके लक्षण क्या हैं? इस बारे में आर्टिकल में जानेंगे.

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प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 17 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 8:13 PM IST

Omicron's new sub-variant in India: देश में कोरोना वायरस के मामलों में लगातार कमी देखते हुए अधिकतर पाबंदियां को खत्म किया जा रहा था. लेकिन हाल ही में कोरोना के एक नए वैरिएंट ने सबकी चिंताएं फिर बढ़ा दी हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोरोना का यह नया वैरिएंट ओमिक्रॉन का सब-वैरिएंट है. इसका नाम BA.5.1.7 है और यह वायरस काफी तेजी से फैलता है. जानकारी के मुताबिक, भारत में BF.7 सब-वैरिएंट के पहले मामले के बारे में गुजरात बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर ने पता लगाया गया है.

नए वैरिएंट के बाद हेल्थ एक्सपर्ट ने सावधानी बरतने की सलाह दी है क्योंकि चीन में कोविड -19 मामलों में आई तेजी का कारण कथित तौर पर BF.7 और BA.5.1.7 वैरिएंट ही बताया जा रहा है. ओमिक्रॉन के नए उप-वेरिएंट बीए.5.1.7 और बीएफ.7, अत्यधिक संक्रामक माने जाते हैं और अब ये दुनिया भर में फैल रहे हैं.

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लॉकडाउन और प्रतिबंधों में ढील मिलने के बाद भारत में लोग उत्साहपूर्वक देश के सबसे बड़े त्योहारों में से एक दिवाली को धूमधाम से मनाने की तैयारी कर रहे हैं लेकिन एक्सपर्ट ने दिवाली, धनतेरस, गोवर्धन पूजा और भाई दूज के पहले भी उचित सावधानी बरतने की सलाह दी है.

एक्सपर्ट ने कहा है किसी को अभी मास्क लगाना नहीं छोड़ना चाहिए और अगर कोई लक्षण नजर आते हैं तो तुरंत आइसोलेट कर लेना चाहिए. दो रिसर्च बताती हैं कि बीएफ.7 वैरिएंट अन्य ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट की तुलना में पहले के वैक्सीनेशन और एंटीबॉडी से बच सकता है इसलिए यह और अधिक संक्रामक माना जा रहा है. 

चीन से फैला वैरिएंट

एशियाई अस्पताल फरीदाबाद की कंसल्टेंट फिजिशियन और संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. चारु दत्त अरोड़ा (Dr Charu Dutt Arora) के मुताबिक, 'ओमिक्रॉन स्पॉन' नाम का एक नया वैरिएंट जिसे तकनीकी रूप से बीए.5.1.7 और बीएफ 7 नाम दिया गया है, चीन के मंगोलिया में पाया गया था. इस वैरिएंट के बारे में यह बताया गया था कि पिछले दो हफ्तों में यह वैरिएंट संयुक्त राज्य अमेरिका में (0.8 से 1.7%) दोगुना हो गया है. यूके, जर्मनी और फ्रांस जैसे यूरोपीय देशों में इस वैरिएंट के लगभग 15-25 प्रतिशत मामले हैं.” 

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डॉ. चारु दत्त ने आगे कहा, हम देख रहे हैं कि पिछले कुछ महीनों से दुनियाभर में कोरोना के मामले लगातार कम हो रहे हैं. लेकिन लगातार इसके और नए वैरिएंट सामने आ रहे हैं.'

सावधान रहने की जरूरत

राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार ग्रुप वैक्सीनेशन (NTAGI) के चेयरमैन डॉ. एन.के.अरोड़ा (Dr N.K. Arora) के मुताबिक, 'अगले दो से तीन सप्ताह हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं. कोविड -19 अभी भी हमारे आसपास ही है और दिन-ब-दिन दुनिया के कई हिस्सों में इसके नए वैरिएंट भी सामने आ रहे हैं. ये वैरिएंट हमसे अलग नहीं हो सकते इसलिए हमें इन वायरस से सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि कुछ दिन बाद ही त्योहार हैं.'

रोटरी क्लब ऑफ मद्रास नेक्स्टजेन में कोरोनाविरोलॉजिस्ट और कोविड अवेयरनेस एक्सपर्ट डॉ. पवित्रा वेंकटगोपालन (Dr Pavithra Venkatagopalan) के मुताबिक, “नए वेरिएंट के साथ ट्रांसमिसिबिलिटी में भी वृद्धि हुई है क्योंकि यह वैरिएंट पूरी तरह से वैक्सीनेट लोगों को भी संक्रमित कर सकता है. इस वैरिएंट को देखकर यह भी लगता है कि यह जींस के साथ अच्छे से बॉन्ड बना लेता है, जिसका अर्थ है कि इसके कुछ वायरल कण भी संक्रमित कर सकते हैं इसलिए पहले वैरिएंट्स की अपेक्षा इस वैरिएंट का जोखिम अधिक है.”

BA.5.1.7 और BF.7 वैरिएंट के लक्षण

एक्सरपर्ट का कहना है कि इन वैरिएंट के लक्षण पुराने वैरिएंट की तरह ही होंगे लेकिन एक निश्चित समय के साथ ही सामने आएंगे. डॉ. अरोड़ा के मुताबिक, शरीर में दर्द इस वैरिएंट का मुख्य लक्षण है. जिन लोगों में इसके लक्षण नहीं नजर आते और अगर वे संक्रमित हैं तो वह भी संक्रमण फैला सकते हैं."

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डॉ. वेंकटगोपालन का कहना है कि, 'हम वास्तव में इस नए वैरिएंट के लक्षणों के बारे में नहीं जानते क्योंकि अभी उतना डेटा उपलब्ध नहीं है. हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा. जहां तक दुनिया की बात करें तो यह दुनिया भर में फैल रहा है और संक्रमण के अधिक फैलने का कारण भी बन रहा है. अधिकांश लोगों की टेस्टिंग जीनोम सीक्वेंसिंग के माध्यम से टेस्टिंग नहीं हुई है इसलिए अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता है.'

डॉ. अरोड़ा का कहना है कि नए वैरिएंट से नई लहर आने की संभावना बढ़ सकती है क्योंकि इस दौरान बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होंगे. कहीं पर भी कोई प्रतिबंध नहीं हैं और ना ही लोग मास्क लगा रहे हैं. अगर भीड़-भाड़ के समय में वायरस फैलता है तो मात्र 3-4 हफ्तों में भारत की आबादी में फैल सकता है. सर्दियों का मौसम भी आ रहा है इसलिए गले में खराश और नाक बहने की समस्या भी बढ़ने की उम्मीद है.

दीपावली से पहले रखें ये सावधानियां

डॉ अरोड़ा कहते हैं कि दिवाली का त्योहार आ ही गया है. लोगों को कोविड वैरिएंट से घबराना नहीं है बल्कि सावधानी रखनी है. जैसे, जितना हो सके कम से कम लोगों से मिलने की कोशिश करें. भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें. साबुन और पानी से अच्छी तरह से हाथ धोकर हाथों को समय-समय पर साफ करते रहें. जो लोग मास्क नहीं पहन रहे हैं, वे लोग मास्क लगाना शुरू करें. इससे वह प्रदूषण से भी बच सकते हैं. अगर कोई भी लक्षण नजर आता है तो उसे हल्के में ना लें.

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