फैक्ट चेक: वायरल हो रही तस्वीरों का बालाकोट एयर स्ट्राइक से कोई सरोकार नहीं

हिंदुस्तान में कुछ लोग भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान में घुसकर की गई एयर स्ट्राइक के सबूत मांग रहे हैं, तो दूसरी ओर सोशल मीडिया पर इसके सबूत के तौर पर कुछ तस्वीरें वायरल हो रही हैं. आखिर क्या है इन तस्वीर का सच....जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
बालाकोट में एयर स्ट्राइक में मारे गए आ​तंकियों की लाशों को दफनाया जा रहा है.
सच्चाई
वायरल तस्वीरों में से दो वर्ष 2015 की हैं, जब पाकिस्तान में भीषण गर्मी के कारण 1,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी, जबकि एक साल 2013 में हुए बम धमाके के बाद की है.

अमनप्रीत कौर

  • नई दिल्ली,
  • 07 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 11:12 PM IST

पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में घुसकर एयर स्ट्राइक की थी. भारत में एक तरफ जहां इस कार्रवाई को लेकर कुछ लोग सबूत मांग रहे हैं, तो दूसरी ओर सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें इसके सबूत के तौर पर वायरल हो रही हैं. फेसबुक पर कुछ तस्वीरें साझा की जा रही हैं, जिसमें कई लाशों को दफनाने की प्रक्रिया नजर आ रही है. इन तस्वीरों के साथ दावा किया जा रहा है कि ये बालाकोट में भारतीय वायुसेना की कार्रवाई के बाद मारे गए आतंकवादियों की तस्वीरें हैं.

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इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है. इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पड़ताल में पाया कि वायरल हो रही तस्वीरें बालाकोट में की गई भारतीय वायुसेना की कार्रवाई के बाद की नहीं, बल्कि पाकिस्तान में कुछ वर्षों पहले की अलग-अलग घटनाओं की हैं.

फेसबुक यूजर संजय तोमर ने यह तस्वीरें पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा:- "पाकिस्तान का बालाकोट...एयर स्ट्राइक में 358 आतंकी मारे गए...और भी सबूत चाहिए किसी को।।....जय जवान जय भारत।।" इन तस्वीरों को फेसबुक पेज वी सपोर्ट बीजेपी ने भी शेयर किया है. खबर लिखे जाने तक यह पोस्ट 2600 से ज्यादा बार शेयर की जा चुकी थी.

तस्वीरों की सच्चाई जानने के लिए हमने एक-एक करके इन्हें रिवर्स सर्च के जरिए ढूंढना शुरू किया. पहली तस्वीर को जब सर्च किया, तो हमें न्यूयॉर्क टाइम्स का एक न्यूज आर्टिकल मिला, जिसमें इस तस्वीर का इस्तेमाल कैप्शन के साथ किया गया था. कैप्शन के अनुसार यह तस्वीर 26 जून 2015 को ली गई थी, जब कराची में गर्मी के कहर से मारे गए लोगों में से करीब 50 लावारिस लाशों को एक साथ दफनाया गया था. कराची में उस समय करीब 1,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी.

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दूसरी तस्वीर में खुदी हुई कब्र में कतारों में लाशें देखी जा सकती हैं. यह तस्वीर 17 फरवरी 2013 को पाकिस्तान के क्वेटा में ली गई थी. न्यूयॉक टाइम्स की खबर के अनुसार उस समय क्वेटा में हुए बम धमाके में मारे गए 84 लोगों को दफनाने के लिए ये कब्रें खोदी गई थीं. न्यूज आर्टिकल में इस्तेमाल की गई फोटो वायरल तस्वीर से मेल खाती है. हालांकि दोनों तस्वीरों को अलग-अलग एंगल से क्लिक किया गया है.

तीसरी और चौथी तस्वीरें जिसमें एक कमरे में बहुत सारी लाशें रखी दिख रही हैं. ये तस्वीरें भी पाकिस्तान के कराची की ही हैं. साल 2015 की भीषण गर्मी के कारण मारे गए कई लागों की लाशें कराची के मुर्दाघर में रखी गई थीं. इंटरनेशनल बिजनेस टाइम्स सहित कई मीडिया संस्थानों ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था.

पड़ताल में स्पष्ट हुआ कि वायरल तस्वीरें बालाकोट में भारतीय वायुसेना की एयर स्ट्राइक के बाद की नहीं हैं, बल्कि पाकिस्तान की कुछ पुरानी घटनाओं की हैं.

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