फैक्ट चेक: सीजफायर के बाद लौट रहे भारतीय सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी का नहीं है ये वीडियो, जानिये क्या है असली मामला

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें पहाड़ी इलाके में गाड़ियों के काफिले पर पत्थर फेंके जा रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि यह जम्मू-कश्मीर का वीडियो है, लेकिन जांच में यह पाक अधिकृत कश्मीर के मुजफ्फराबाद का पुराना वीडियो निकला. यह वीडियो मई 2024 में हुई स्थानीय हिंसा से संबंधित है और हाल के भारत-पाक सीजफायर से इसका कोई संबंध नहीं है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
ये वीडियो जम्मू कश्मीर का है जहां लोगों ने सीजफायर के बाद लौट रहे भारतीय सुरक्षाबलों के काफिले पर पत्थरों से हमला कर दिया.
सच्चाई
ये पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के मुजफ्फराबाद का पुराना वीडियो है. उस वक्त वहां के स्थानीय लोगों ने पाकिस्तानी रेंजर्स पर हमला किया था.

सूरज उद्दीन मंडल

  • नई दिल्ली,
  • 27 मई 2025,
  • अपडेटेड 6:59 PM IST

किसी पहाड़ी इलाके से गुजरती गाड़ियों के काफिले की तरफ पत्थर फेंकते लोगों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल है. इसमें कुछ लोग "मारो, मारो, मारो" चिल्ला रहे हैं. साथ ही, गोलियां चलने की आवाजें भी आ रही हैं.

कुछ लोगों का कहना है कि इस वीडियो में दिख रहे लोग जम्मू कश्मीर के हैं जिन्होंने पाकिस्तान के साथ सीजफायर के बाद वापस लौट रहे सीआरपीएफ और सीआईएसएफ के काफिले पर पत्थरों से हमला कर दिया. दावे के मुताबिक इस हमले के जवाब में सुरक्षाबलों को जवाबी फायरिंग करनी पड़ी जिससे भगदड़ मच गई और इस दौरान पत्थरबाजी कर रहे नौ लोगों की पहाड़ से फिसलकर मौत हो गई.  

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कई फेसबुक यूजर्स इस वीडियो को जम्मू कश्मीर में भारतीय सुरक्षाबलों पर पथराव से संबंधित बताकर शेयर कर रहे हैं.

ऐसे ही एक पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है. लेकिन आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो पाक अधिकृत कश्मीर के मुजफ्फराबाद का है.

कैसे पता लगाई सच्चाई?

वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने से हमें पता लगा कि इसे कई सोशल मीडिया यूजर्स ने मई, 2024 में शेयर किया था. जाहिर है, ये वीडियो भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर से संबंधित नहीं हो सकता क्योंकि सीजफायर 10 मई, 2025 को हुआ था.

13 मई, 2024 के एक फेसबुक पोस्ट में वायरल वीडियो के साथ उर्दू भाषा में कैप्शन लिखा है जिसका अनुवाद है, "मुजफ्फराबाद के लोगों ने कश्मीर में रेंजर्स का स्वागत किया." गौरतलब है कि मुजफ्फराबाद, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की राजधानी है.

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मुजफ्फराबाद में कहां है ये जगह?  

वायरल वीडियो में एक घुमावदार जगह के आसपास से होकर गुजरती एक नदी दिखाई देती है. वीडियो के इस फ्रेम को रिवर्स सर्च करने से हमें इसी जगह की कुछ तस्वीरें विकीमीडिया और

एक ब्लॉग में मिलीं. 'paradise-kashmir.blogspot.com' नाम के इस ब्लॉग में इस जगह का नाम लोहार गली लिखा है.

इस जानकारी की मदद से सर्च करने पर हमें गूगल मैप्स पर ये जगह मिल गई.

गूगल मैप्स पर मौजूद स्ट्रीट व्यू से तुलना करने से ये बात साफ हो जाती है कि ये पाक अधिकृत कश्मीर के मुजफ्फराबाद में स्थित वही लोहार गली नाम की जगह है.  

हमें वायरल वीडियो वाली घटना से संबंधित पाकिस्तानी न्यूज वेबसाइट्स में छपी कई खबरें भी मिलीं जिनमें इस घटना के बारे में विस्तार से बताया गया है. इन रिपोर्ट्स के मुताबिक मई 2024 में 'द जम्मू एंड कश्मीर जॉइंट आवामी एक्शन कमिटी' नाम की संस्था ने बिजली और आटे के दामों में बढ़ोत्तरी को लेकर एक विरोध प्रदर्शन किया था. इस दौरान अचानक हिंसा भड़क गई थी जिसमें चार लोगों की जान चली गई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.

इसी दौरान 13 मई को जब पाकिस्तानी रेंजर्स का एक काफिला इन विरोध प्रदर्शनों को शांत कराने के लिए मुजफ्फराबाद में दाखिल होने की कोशिश कर रहा था, तो अचानक भीड़ में मौजूद लोग उस काफिले पर पत्थरबाजी करने लगे थे.

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ये प्रदर्शन तब शांत हो पाया था जब पाकिस्तान की सरकार ने प्रदर्शनकारियों की मांगों को पूरा करने के लिए 23 बिलियन पाकिस्तानी रुपये के अनुदान की घोषणा की थी.

इस तरह हमारी पड़ताल से ये बात सा​बित हो जाती है कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर का पुराना वीडियो अब भारत का बताकर शेयर किया जा रहा है.

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