UP: मायावती ने सपा पर फिर किया वार, बोलीं- अखिलेश को अपने स्थानीय नेताओं पर भरोसा नहीं

बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) से निकाले गए विधायकों के समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल होने की अटकलों के बीच बसपा प्रमुख मायावती ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर एक बार फिर निशाना साधा है.

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बसपा अध्यक्ष मायावती (फाइल फोटो) बसपा अध्यक्ष मायावती (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 17 जून 2021,
  • अपडेटेड 10:14 AM IST
  • यूपी चुनाव से पहले मायावती VS अखिलेश
  • मायावती बोलीं- सपा की हालत ज्यादा खराब

अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ही उत्तर प्रदेश का सियासी पारा बढ़ गया है. बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) से निकाले गए विधायकों के समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल होने की अटकलों के बीच बसपा प्रमुख मायावती ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर एक बार फिर निशाना साधा है.

मायावती ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा, 'सपा की हालत इतनी ज्यादा खराब हो गई है कि अब आए दिन मीडिया में बने रहने के लिए दूसरी पार्टी से निष्कासित व अपने क्षेत्र में प्रभावहीन हो चुके पूर्व विधायकों व छोटे-छोटे कार्यकर्ताओं आदि तक को भी सपा मुखिया को उन्हें कई-कई बार खुद पार्टी में शामिल कराना पड़ रहा है.'

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अपने अगले ट्वीट में मायावती ने कहा, 'ऐसा लगता है कि सपा मुखिया को अब अपने स्थानीय नेताओं पर भरोसा नहीं रहा है, जबकि अन्य पार्टियों के साथ-साथ खासकर सपा के ऐसे लोगों की छानबीन करके उनमें से केवल सही लोगों को बीएसपी के स्थानीय नेता आएदिन बीएसपी में शामिल कराते रहते है, जो यह सर्वविदित है.'

इससे पहले मायावती ने कहा था, 'घृणित जोड़तोड़, द्वेष व जातिवाद आदि की संकीर्ण राजनीति में माहिर समाजवादी पार्टी द्वारा मीडिया के सहारे यह प्रचारित करना कि बीएसपी के कुछ विधायक टूट कर सपा में जा रहे हैं घोर छलावा, जबकि उन्हें काफी पहले ही सपा व एक उद्योगपति से मिलीभगत के कारण राज्यसभा के चुनाव में एक दलित के बेटे को हराने के आरोप में बीएसपी से निलम्बित किया जा चुका है.' 

मायावती ने कहा था, 'सपा अगर इन निलम्बित विधायकों के प्रति थोड़ी भी ईमानदार होती तो अब तक इन्हें अधर में नहीं रखती, क्योंकि इनको यह मालूम है कि बीएसपी के यदि इन विधायकों को लिया तो सपा में बगावत व फूट पड़ेगी, जो बीएसपी में आने को आतुर बैठे हैं.' 

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आगे मायावती ने कहा था, 'जगजाहिर तौर पर सपा का चाल, चरित्र व चेहरा हमेशा ही दलित-विरोधी रहा है, जिसमें थोड़ा भी सुधार के लिए वह कतई तैयार नहीं, इसी कारण सपा सरकार में बीएसपी सरकार के जनहित के कामों को बन्द किया व खासकर भदोई को नया संत रविदास नगर जिला बनाने को भी बदल डाला, जो अति-निन्दनीय.'

 

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