"बड़ा सोचो, तेजी से सोचो, आगे की सोचो, कल्पना पर किसी का एकाधिकार नहीं होता". ऐसा कहना था रिलायंस इंडस्ट्रीज की नींव रखने वाले धीरूभाई अंबानी का. आज ही के दिन 28 दिसंबर 1932 को उनका जन्म गुजरात के जूनागढ़ ज़िले में हुआ था. उनका पूरा नाम धीरजलाल हीराचंद अंबानी था. आज उनके द्वारा खड़ा किया हुआ बिजनेस उनके दोनों पुत्र मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी संभाल रहे हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं उन्होंने कैसे अपने बिजनेस की शुरुआत की और कैसे कम उम्र में छोटे- मोटे काम करने लगे थे.
'धीरूभाई' अंबानी ने 50,000 रुपये और दो सहायकों के साथ अपने बिजनेस की शुरुआत की थी. अपने पहले बिजनेस की शुरुआत के लिए धीरूभाई ने 350 वर्ग फुट का कमरा, एक मेज, तीन कुर्सी, दो सहयोगी और एक टेलीफोन के साथ की थी. साल 2002 में उनका देहांत हो गया था.
धीरूभाई अंबानी ने 16 साल की उम्र में अपनी 10वीं कक्षा पास की और 17 साल की उम्र में पैसे कमाने के लिए वो साल 1949 में अपने भाई रमणिकलाल के पास यमन के एडन चले गए. यहां उन्होंने 200 रुपये प्रति महीने में गैस स्टेशन पर अटेंडेंट के पद पर नौकरी की. बता दें, आर्थिक कठिनाई के कारण उन्होंने कम उम्र से ही छोटे-मोटे काम करने शुरू कर दिए थे.
कुछ साल नौकरी करने के बाद वह भारत वापस लौटे और फिर माउंट गिरनार में तीर्थयात्रियों के लिए भाजी बेचना शुरू किया.
बता दें, गुजरात राज्य के जूनागढ़ जिले स्थित पहाड़ियां गिरनार नाम से जानी जाती हैं. यह जैनों का सिद्ध क्षेत्र है यहां से नारायण श्री कृष्ण के सबसे बड़े भ्राता तीर्थंकर भगवन देवादिदेव 1008 नेमिनाथ भगवान ने मोक्ष प्राप्त किया था.
धीरूभाई अंबानी ने अपने पहले बिजनेस की शुरुआत के लिए धीरूभाई ने 350 वर्ग फुट के कमरे से की थी. जिसमें एक मेज, तीन कुर्सी, एक टेलीफोन और दो असिस्टेंट थे.
कुछ दिनों तक बाजार को करीब से देखने के बाद धीरूभाई को यह समझ में आ गया कि भारत में पोलिस्टर की मांग सबसे ज्यादा है और विदेशों में भारतीय मसालों की. बिजनेस का आइडिया उन्हें यहीं से आया.
उन्होंने दिमाग लगाया और एक कंपनी रिलायंस कॉमर्स कॉरपोरेशन की शुरुआत की, जिसने भारत के मसाले विदेशों में और विदेश का पोलिस्टर भारत में बेचने की शुरुआत कर दी. साल 2000 के दौरान ही अंबानी देश के सबसे रईस व्यक्ति बनकर भी उभरे थे.
धीरूभाई ने बाद में अपने कारोबार का विस्तार किया. जिसमें पेट्रोकेमिकल्स, टेलीकम्युनिकेशन, इंफॉर्मेशन, टेक्नोलॉजी, एनर्जी, रिटेल, कैपिटल मार्केट, पॉवर, टेक्सटाइल इंडस्ट्री इत्यादि में अपने बिजनेस स्थापित किए.
एक छोटे से कमरे से करोड़ों की रिलायंस इंडस्ट्रीज खड़ा कर देने वाले धीरूभाई अंबानी ने 6 जुलाई 2002 को दुनिया को अलविदा कह दिया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जब उनकी मौत हुई तब तक रिलायंस 62 हजार करोड़ की कंपनी बन चुकी थी.
धीरूभाई अंबानी के बारे में कहा जाता है उन्हें पार्टी करना बिल्कुल पसंद नहीं था. वह हर शाम अपने परिवार के साथ बिताते थे. उन्हें ज्यादा ट्रैवल करना भी पसंद नहीं था. विदेश यात्राओं का काम ज्यादातर वह अपनी कंपनी के अधिकारियों पर टाल देते थे. वह तब ही ट्रैवल करते, जब ऐसा करना उनके लिए अनिवार्य हो जाता था.
इंडिया टुडे मैगजीन ने एक अपने एक लेख में लिखा है कि धीरूभाई अंबानी हर रोज 10 घंटे काम करते थे. मैगजीन के मुताबिक धीरूभाई कहते थे, '' जो भी यह कहता है कि वह 12 से 16 घंटे काम करता है. वह या तो झूठा है या फिर काम करने में काफी धीमा है.
(सभी तस्वीरें फेसबुक से ली गई है)