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अटल बिहारी वाजपेयी... स्वतंत्रता सेनानी से लेकर कुशल राजनेता और कवि तक, तस्वीरों में देखें शख्सियत

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 11:46 AM IST
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अटल बिहारी वाजपेयी की आज 7वीं पुण्यतिथि है. 16 अगस्त 2018 को 93 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था. उन्होंने तीन बार प्रधानमंत्री का पद संभाला. पहली बार सिर्फ 13 दिन के  लिए, दूसरी बार 8 महीने के लिए पीएम बने और तीसरी बार उन्होंने 5 साल का कार्यकाल पूरा किया. आज उनकी पुण्यतिथि पर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह सहित दिग्गज नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. आज के दिन उनकी जिंदगी से जुड़े कुछ वैसे पहलू पर नजर डालते हैं, जिसके लिए उन्हें हमेशा याद किया जाता है. (File Photo - ITG)
 

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स्वतंत्रता सेनानी से लेकर एक राजनेता और कवि तक
अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को एमपी के ग्वालियर में हुआ था. 1942 में वह भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल रहे. उन्होंने करियर के तौर पर पत्रकारिता को चुना था. फिर बाद में जनसंघ में शामिल होकर सक्रिय राजनीति में आ गए. पहली बार सांसद भी वह जनसंघ से ही बने.1957 से 1977 तक वह जनसंघ में रहे. इसके बाद जनता पार्टी की स्थापना के साथ ही वो मोरारजी देसाई की सरकार में विदेश मंत्री रहे. (File Photo - ITG)
 

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भारतीय जनता पार्टी की स्थापना में अहम भूमिका
अटल बिहारी वाजपेयी ने 1980 में जनता पार्टी से असंतुष्ट होकर भारतीय जनता पार्टी की स्थापना में अहम भूमिका निभाई और इसके अध्यक्ष बने. अटल बिहारी वाजपेयी एक राजनेता, पत्रकार और कवि के रूप में भी जाने जाते हैं. उन्हें 2015 में भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था. उनके कुशल नेतृत्व का ही नतीजा रहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) बन पाया. (File Photo - ITG)
 

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12 बार सांसद रहने का रिकॉर्ड 
अटल बिहारी वाजपेयी के नाम सबसे ज्यादा 12 बार सांसद बनने का रिकॉर्ड है. जबकि, वो सिर्फ 10 बार लोकसभा चुनाव जीते थे. वहीं दो बार  राज्यसभा सदस्य के रूप में भी संसद पहुंचे. इस वजह से सबसे ज्यादा लोकसभा चुनाव जीतने वाले  नेताओं की सूची में  वाजपेयी जी दूसरे नंबर पर रहे. (File Photo - ITG)
 

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चार राज्यों के 6 लोकसभा सीटों से अलग-अलग बार लड़ा चुनाव
अटल बिहारी वाजपेयी अपने सियासी जीवन में छह अलग-अलग लोकसभा सीटों से चुनाव लड़े और जीत भी हासिल की. ये छह लोकसभा सीट अलग-अलग चार राज्यों की थी. उन्होंने उत्तर प्रदेश के लखनऊ और बलरामपुर, गुजरात के गांधीनगर, मध्य प्रदेश के ग्वालियर और विदिशा और दिल्ली की नई दिल्ली सीट से लोकसभा चुनावों में जीत हासिल की. अलग-अलग राज्यों की अलग-अलग सीटों से चुनाव लड़ने वाले और जीत हासिल करने वाले यह अकेले शख्स रहे हैं. (File Photo - ITG)
 

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पोखरण परमाणु परीक्षण और कारगिल युद्ध 
13 मई 1998 में पोखरण में परमाणु परीक्षण कर उन्होंने पूरे विश्व को चौंका दिया और भारत की एक सशक्त छवि पेश की. इसके साथ ही वाजपेयी जी ने ये संदेश दिया कि भारत दबाव और धमिकयों से झुकने वाला नहीं है. उनके कार्यकाल के दौरान ही 1999 में कारगिल युद्ध हुआ, जिसमें भारतीय सेना ने अपनी अदम्य साहस का परिचय दिया और एक बार फिर से पूरी दुनिया और पड़ोसी मुल्क को बताया कि भारत किसी भी विपरीत परिस्थिति के लिए हमेशा तैयार है और अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए मुंहतोड़ जवाब दे सकता है. (File Photo - ITG)   
 

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