भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक नई रक्षा प्रणाली 'सुदर्शन चक्र' की घोषणा की है, जो देश की सुरक्षा के लिए एक मजबूत कवच बन सकती है. मोदी यहां तक कह दिया कि ये सिर्फ दुश्मन के हवाई हमलों से बचाव ही नहीं करेगा, बल्कि हिटबैक भी करेगा. इसकी तुलना अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 'गोल्डन डोम' से की जा रही है. लेकिन क्या यह सचमुच वैसी ही होगी? और यह फैसला भारत के लिए कितना महत्वपूर्ण है?
सुदर्शन चक्र क्या है?
'सुदर्शन चक्र' भारत की एक नई राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली है यानी एयर डिफेंस सिस्टम, जिसे डीआरडीओ (DRDO) और इसरो (ISRO) ने विकसित किया है. इसका नाम हिंदू पौराणिक कथा के भगवान विष्णु के प्रसिद्ध शस्त्र 'सुदर्शन चक्र' से प्रेरित है, जो दुश्मनों को पराजित करने का प्रतीक है. यह एक एडवांस मिसाइल डिफेंस और निगरानी प्रणाली है, जो भारत को हवाई हमलों, मिसाइलों और ड्रोन हमलों से बचाने के लिए डिजाइन की गई है.
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सुदर्शन चक्र की विशेषताएं
गोल्डन डोम क्या है?
'गोल्डन डोम' अमेरिका की एक मिसाइल रक्षा प्रणाली है, जिसे डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल (2017-2021) में प्रस्तावित किया गया था. इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक ढाल के रूप में डिजाइन किया गया था, जो दुश्मन के मिसाइल हमलों से अमेरिका की रक्षा करे. इसका नाम इसके सुनहरे रंग के डोम (गुंबद) से प्रेरित है.
गोल्डन डोम की विशेषताएं
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समानताएं: दोनों प्रणालियां मिसाइल रक्षा के लिए हैं. दुश्मन के हमले को रोकने में सक्षम हैं. दोनों में एडवांस रडार और लेजर तकनीक का इस्तेमाल हुआ है.
अंतर: सुदर्शन चक्र में AI और स्पेस-बेस्ड तकनीक नई है, जो इसे गोल्डन डोम से अलग और आधुनिक बनाती है. गोल्डन डोम की रेंज और ऊंचाई ज्यादा है, लेकिन यह पुरानी तकनीक पर आधारित है. सुदर्शन चक्र की लागत कम है, जो इसे भारत के लिए किफायती बनाता है.
यह फैसला कितना अहम है?
ऋचीक मिश्रा