जंग में उतरे थाईलैंड और कंबोडिया के पास कितनी बड़ी सेना है, कितने लड़ाकू विमान, टैंक-मिसाइलें हैं

थाईलैंड ने कंबोडिया के सैन्य ठिकानों पर F-16 से हवाई हमला किया. कारण है प्रीह विहार मंदिर विवाद और सीमा विवाद. कंबोडिया ने भी हमले का जवाब दिया. ग्लोबल फायरपावर 2025 में थाईलैंड 24वें और कंबोडिया 83वें स्थान पर. थाई सेना हर क्षेत्र में कंबोडिया से कहीं मजबूत है. तनाव अब भी बरकरार है.

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ये हैं कंबोडिया की सेना के जवान. (File Photo: AKP/AP) ये हैं कंबोडिया की सेना के जवान. (File Photo: AKP/AP)

ऋचीक मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 09 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:26 AM IST

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा पर एक बार फिर गोलीबारी और हवाई हमला हो गया है. थाईलैंड ने अपने F-16 लड़ाकू विमानों से कंबोडिया के सैन्य ठिकानों पर बमबारी की, जबकि कंबोडिया ने जवाब में रॉकेट और तोपों से हमला किया. इस झड़प में दोनों तरफ के सैनिक मारे गए हैं. आइए जानते हैं कि दोनों की वॉर पावर कितनी है. जुलाई में हुए छोटे संघर्ष के बाद फिर झड़प हुई. इसकी वजह भी जानते हैं.

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क्या हुआ?

दोनों देशों के बीच सबसे बड़ा विवाद प्राचीन प्रीह विहार मंदिर को लेकर है. यह मंदिर UNESCO विश्व धरोहर है. 1962 में अंतरराष्ट्रीय अदालत ने मंदिर कंबोडिया को दे दिया था, लेकिन उसके आसपास का 4.6 वर्ग किलोमीटर इलाका आज भी विवादित है.

यह भी पढ़ें: भारत का नया ‘आसमानी शिकारी’ तैयार... बाज ड्रोन जल्द होगा सेना में शामिल

जुलाई में थाईलैंड का कहना था कि कंबोडिया ने उसके इलाके में ड्रोन उड़ाए, जिसे उसने उकसावा माना. इसके जवाब में थाईलैंड ने 6 F-16 लड़ाकू विमानों से कंबोडिया के सैन्य कैंपों पर हमला कर दिया. कंबोडिया ने आत्मरक्षा के लिए रॉकेट लॉन्चर से पलटवार किया.

दोनों देशों की सेना में कितना फर्क है?

दुनिया की सबसे विश्वसनीय सैन्य रैंकिंग ग्लोबल फायरपावर 2025 के अनुसार...

  • थाईलैंड: दुनिया में 24वां स्थान.
  • कंबोडिया: दुनिया में 83वां स्थान.

सैनिकों की संख्या

  • थाईलैंड: 3.60 लाख एक्टिव + 2 लाख रिजर्व सैनिक.
  • कंबोडिया: 1.70 लाख एक्टिव + 1 लाख रिजर्व सैनिक. 

रक्षा बजट (2025)

  • थाईलैंड: करीब 46,000 करोड़ रुपये.
  • कंबोडिया: करीब 6,000 करोड़ रुपये (थाईलैंड से 7-8 गुना कम).

वायु सेना

  • थाईलैंड: 40-50 F-16 और स्वीडन के ग्रिपेन लड़ाकू विमान, अटैक हेलिकॉप्टर, आधुनिक ड्रोन.
  • कंबोडिया: एक भी आधुनिक लड़ाकू विमान नहीं, सिर्फ पुराने हेलिकॉप्टर और कुछ सस्ते ड्रोन.

थल सेना (आर्मी)

  • थाईलैंड: आधुनिक टैंक, अमेरिकी HIMARS रॉकेट सिस्टम, नई तोपें.
  • कंबोडिया: ज्यादातर 50-60 साल पुराने सोवियत और चीनी टैंक-तोपें.

नौसेना

  • थाईलैंड: एक छोटा एयरक्राफ्ट कैरियर, फ्रिगेट जहाज, नई चीनी पनडुब्बी.
  • कंबोडिया: सिर्फ छोटी गश्ती नावें, कोई बड़ा जहाज या पनडुब्बी नहीं.

थाईलैंड की सेना हर क्षेत्र में कंबोडिया से कहीं आगे है, खासकर हवाई ताकत में.

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थाईलैंड ने हमला क्यों किया?

पुराना सीमा विवाद फिर भड़क गया है. थाईलैंड को लगा कंबोडिया ड्रोन से उसकी जासूसी कर रहा है. थाईलैंड को अपनी बेहतर वायु सेना पर पूरा भरोसा था कि कंबोडिया जवाब नहीं दे पाएगा. थाईलैंड क्षेत्र में अपनी ताकत दिखाना चाहता है.

भारत के लिए क्या मायने हैं?

दोनों देश दक्षिण-पूर्व एशिया (ASEAN) के सदस्य हैं. यहां अस्थिरता भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी को नुकसान पहुंचा सकती है. कंबोडिया चीन का बहुत करीबी दोस्त है. चीन से हथियार लेता है. यह झड़प चीन की क्षेत्रीय ताकत पर भी सवाल उठाती है. भारत को इस मौके पर दोनों देशों से अपने रिश्ते और मजबूत करने चाहिए. 

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