भारतीय सेना का स्वदेशी ‘बाज’ (Baaz) अटैक ड्रोन अब बड़े पैमाने पर बनने को तैयार है. सेना ने इसकी पूरी तकनीक (Transfer of Technology – ToT) निजी भारतीय कंपनियों को सौंप दी है. अब ये ड्रोन पूरी तरह मेड इन इंडिया बनेंगे और जल्द ही सेना में शामिल हो जाएंगे. ‘बाज’ को कर्नल विकास चतुर्वेदी ने खुद डिजाइन किया है. ये दिखाता है कि जब सेना का अनुभव और निजी कंपनियों की तेजी मिलती है तो कितनी खतरनाक देसी तकनीक बन सकती है.
यह भी पढ़ें: 120 km वाले रॉकेट ने ऑपरेशन सिंदूर में कर दी थी PAK की हालत खराब... अब आ रहा है 300 km वाला पिनाका
मतलब एक ही ड्रोन से जासूसी भी, हमला भी और सप्लाई भी.
अब तक दुनिया में कोई ड्रोन सिर्फ छोटे बम या ग्रेनेड गिराते थे. ‘बाज’ पहला ड्रोन है जो पूरा रॉकेट लॉन्चर (जैसे RPG या एंटी-टैंक रॉकेट) ले जाकर हवा से दाग सकता है. इससे टैंक, बख्तरबंद गाड़ी या बंकर को दूर से ही खत्म किया जा सकता है. कैमरा और हथियार की साइट आपस में जुड़ी हैं, इसलिए गोली या रॉकेट 100% निशाने पर लगता है.
यह भी पढ़ें: भारत में बनेगा C-130J सुपर हरक्यूलिस का सबसे बड़ा MRO सेंटर
सेना के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि बाज सिर्फ ड्रोन नहीं, भविष्य का हथियार है. ये दुश्मन के टैंक को 5-10 किमी दूर से ही खत्म कर देगा. जवान सुरक्षित रहेंगे और दुश्मन को पता भी नहीं चलेगा हमला कहां से आया. कर्नल विकास चतुर्वेदी ने कहा कि ये उन जवानों के लिए बनाया है जो बॉर्डर पर जान जोखिम में डालते हैं. अब ड्रोन उनकी ढाल और तलवार दोनों बनेगा. बाज ने साबित कर दिया – भारत अब सिर्फ ड्रोन खरीदता नहीं, दुनिया को डराने वाले ड्रोन बनाता है.
शिवानी शर्मा