रूस वेनेजुएला को अपनी नई और घातक ओरेश्निक मिसाइल सिस्टम देने की तैयारी कर रहा है. रूसी संसद के डिफेंस कमिटी के फर्स्ट डिप्टी चेयरमैन एलेक्सी जुरावल्योव ने कहा कि इसमें कोई बाधा नहीं है. उन्होंने चेतावनी दी कि अमेरिका को जल्द ही सरप्राइज मिल सकता है. यह बयान अमेरिका के साथ तनाव बढ़ने के बीच आया है.
रूसी स्टेट ड्यूमा के डिफेंस कमिटी के प्रमुख एलेक्सी जुरावल्योव ने कहा कि मैं ओरेश्निक जैसी नई तकनीक वाले हथियारों को एक दोस्त देश को देने में कोई बाधा नहीं देखता. उन्होंने बताया कि मॉस्को लैटिन अमेरिका के इस 'पार्टनर दोस्त' को छोटे हथियारों से लेकर हवाई जहाज तक सभी तरह के हथियार देने को तैयार है.
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जुरावल्योव ने संकेत दिया कि डिलीवरी पहले से ही चल रही है, लेकिन विवरण गोपनीय हैं. उन्होंने कहा कि डिटेल्स और मात्रा क्लासिफाइड हैं, इसलिए अमेरिकियों को सरप्राइज मिल सकता है. ओरेश्निक मिसाइल यूरोप के किसी भी लक्ष्य को एक घंटे में मार सकती है. इसमें छह न्यूक्लियर वॉरहेड्स लगाए जा सकते हैं.
ओरेश्निक एक नई बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसे रूस ने हाल ही में विकसित किया है. यह हाइपरसोनिक स्पीड से उड़ती है. रूस के मुताबिक यह सूरज से ज्यादा गर्मी पैदा कर सकती है. यह मिसाइल यूक्रेन युद्ध में इस्तेमाल हो चुकी है. अब वेनेजुएला को दी जा सकती है.
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जुरावल्योव ने कहा कि रूस को ओरेश्निक के अलावा कैलिबर क्रूज मिसाइलें देने में भी कोई अंतरराष्ट्रीय बंधन नहीं रोक रहा. यह हथियार वेनेजुएला की रक्षा को और मजबूत बना देंगे.
दो दिन पहले एक रूसी IL-76 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट प्लेन वेनेजुएला की राजधानी काराकस पहुंचा. यह विमान एविएकॉन जितोट्रांस कंपनी का है, जो वैगनर ग्रुप से जुड़ी हुई है. जुरावल्योव ने पुष्टि की कि इस प्लेन ने पंतसीर-एस1 और बक-एम2ई एयर डिफेंस सिस्टम पहुंचाए.
ये सिस्टम वेनेजुएला की हवाई रक्षा को मजबूत करेंगे. जुरावल्योव ने दावा किया कि अब वेनेजुएला के पास लैटिन अमेरिका की सबसे ताकतवर एयर फोर्स है. इसमें रूसी SU-30एमके2 जेट फाइटर्स, S-300वीएम, पंतसीर-एस1 और बक-एम2ई सिस्टम शामिल हैं.
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रूस वेनेजुएला का प्रमुख मिलिट्री पार्टनर है. रूस सालों से वेनेजुएला को हथियार सप्लाई कर रहा है – छोटे हथियारों से लेकर बड़े हथियारों तक. वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो रूस के करीबी दोस्त हैं. अमेरिका के साथ तनाव के बीच रूस वेनेजुएला को समर्थन दे रहा है.
यह साझेदारी 2000 के दशक से चली आ रही है. रूस ने वेनेजुएला को अरबों डॉलर के हथियार दिए हैं. अब ओरेश्निक जैसी नई मिसाइलें देने से यह रिश्ता और गहरा हो जाएगा.
अमेरिका इस खबर से चिंतित है. जुरावल्योव का बयान ऐसे समय आया है जब डोनाल्ड ट्रंप की वापसी के बाद अमेरिका-रूस तनाव बढ़ सकता है. कुछ विशेषज्ञ इसे 1962 के क्यूबा मिसाइल क्राइसिस से जोड़ रहे हैं, जब सोवियत यूनियन ने क्यूबा में मिसाइलें तैनात की थीं.
वेनेजुएला अमेरिका के पड़ोस में है, इसलिए ओरेश्निक जैसी मिसाइलें अमेरिकी सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती हैं. अमेरिकी अधिकारियों ने अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन निगरानी बढ़ा दी है.
यह डेवलपमेंट वैश्विक शांति के लिए खतरा पैदा कर सकता है. रूस यूक्रेन युद्ध में फंसा है, लेकिन वह लैटिन अमेरिका में अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है. वेनेजुएला को मजबूत हथियार मिलने से क्षेत्रीय संतुलन बिगड़ सकता है. विशेषज्ञ कहते हैं कि अमेरिका को अब कूटनीतिक कदम उठाने होंगे.
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