रेडिएशन रिस्क से चेर्नोबिल जैसा खतरा... पुतिन की नई मिसाइल ट्रंप के लिए क्यों बड़ी चुनौती है?

रूस की बुरेवेस्तनिक (स्काईफॉल) मिसाइल परमाणु ऊर्जा से चलती क्रूज है, जो असीमित रेंज (20,000+ किमी) और परमाणु वॉरहेड ले जाती है. कम ऊंचाई पर उड़कर मिसाइल डिफेंस को चकमा देती है. 2025 का टेस्ट सफल है लेकिन रेडिएशन रिस्क से फ्लाइंग चेर्नोबिल का नाम दिया जा रहा है. पुतिन का दावा है कि ये अजेय है. नाटो के लिए खतरा, न्यूक्लियर बैलेंस बदल सकता है.

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ये है रूस की नई बुरेवेस्तनिक मिसाइल, जिसका परीक्षण हाल ही में किया गया है. (Photo: Russia MOD) ये है रूस की नई बुरेवेस्तनिक मिसाइल, जिसका परीक्षण हाल ही में किया गया है. (Photo: Russia MOD)

ऋचीक मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 27 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 1:21 PM IST

रूस ने हाल ही में एक ऐसी मिसाइल का सफल परीक्षण किया है, जिसे वह अजेय बताता है. इसका नाम बुरेवेस्तनिक (Burevestnik) है, जिसे नाटो देश स्काईफॉल (Skyfall) कहते हैं. यह परमाणु ऊर्जा से चलने वाली क्रूज मिसाइल है, जो परमाणु हथियार ले जा सकती है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दावा किया है कि यह किसी भी मिसाइल डिफेंस सिस्टम को चकमा दे सकती है. लेकिन क्या यह वाकई इतना खतरनाक है? 

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बुरेवेस्तनिक क्या है?

बुरेवेस्तनिक एक क्रूज मिसाइल है, लेकिन सामान्य मिसाइलों से बिल्कुल अलग. इसमें छोटा परमाणु रिएक्टर लगा होता है, जो इसे असीमित दूरी (अनलिमिटेड रेंज) देता है. सामान्य मिसाइलें ईंधन खत्म होने पर रुक जाती हैं, लेकिन यह हफ्तों या महीनों तक उड़ सकती है.

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  • नाम का मतलब: रूसी भाषा में बुरेवेस्तनिक का अर्थ तूफानी पक्षी (Storm Petrel) है. यह पक्षी तूफान आने का संकेत देता है, ठीक वैसे ही जैसे यह मिसाइल खतरे की घंटी बजाती है.
  • आकार और स्पीड: यह Kh-101 मिसाइल जितनी बड़ी है (लगभग 7-8 मीटर लंबी). इसकी स्पीड 1300 km/hr है. यह बहुत कम ऊंचाई (50-100 मीटर) पर उड़ती है, जिससे रडार को इसे पकड़ने में मुश्किल होती है.
  • हथियार: इसमें परमाणु वॉरहेड लगाया जा सकता है, जो बड़े विस्फोट का कारण बन सकता है. रूस का दावा है कि यह इतिहास की पहली परमाणु-चलित मिसाइल है.

यह मिसाइल अमेरिका या नाटो के मिसाइल डिफेंस को बेअसर करने के लिए डिजाइन की गई है.

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यह कैसे काम करता है?

सामान्य क्रूज मिसाइलें जेट इंजन से चलती हैं, लेकिन बुरेवेस्तनिक का राज इसका परमाणु प्रोपल्शन है.

कार्यप्रणाली: छोटा परमाणु रिएक्टर हवा को गर्म करता है, जो फैलकर मिसाइल को आगे धकेलता है. इससे ईंधन की कोई चिंता नहीं – यह पृथ्वी की परिक्रमा कई बार कर सकती है.

रेंज: 20,000 किलोमीटर या इससे ज्यादा. हाल के टेस्ट में यह 14,000 किलोमीटर उड़ी.

चालाकी: उड़ते हुए रास्ता बदल सकती है. कम ऊंचाई पर घुमावदार ट्रैजेक्टरी ले सकती है. अमेरिकी THAAD या एजिस सिस्टम बैलिस्टिक मिसाइलों के लिए बने हैं, लेकिन यह उन्हें आसानी से चकमा दे सकती है.

खतरा: अगर दुर्घटनाग्रस्त हो जाए, तो रेडियोएक्टिव लीक हो सकता है. अमेरिकी विशेषज्ञ इसे "फ्लाइंग चेर्नोबिल" कहते हैं, क्योंकि 1986 के चेर्नोबिल हादसे की तरह पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचा सकता है.

विकास की कहानी: कब शुरू हुआ और क्या चुनौतियां आईं?

रूस ने दशकों से उन्नत हथियारों पर निवेश किया है. बुरेवेस्तनिक का प्रोजेक्ट 2000 के दशक में शुरू हुआ, लेकिन पुतिन ने इसे पहली बार 1 मार्च 2018 को अपने भाषण में पेश किया. उन्होंने कहा कि यह अमेरिकी मिसाइल डिफेंस को बेअसर कर देगा.

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टेस्टिंग इतिहास...

  • 2016 से कम से कम 13 टेस्ट हुए, लेकिन सिर्फ 2 आंशिक रूप से सफल.
  • 2018: पहला सफल टेस्ट दिखाया गया, लेकिन कई लॉन्च फेल.
  • 2019: आर्कटिक में विस्फोट, 5 रूसी वैज्ञानिक मारे गए.
  • 2025: पुतिन ने फाइनल टेस्ट सफल बताया.

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चुनौतियां: परमाणु रिएक्टर को छोटा और सुरक्षित बनाना मुश्किल. रेडिएशन कंट्रोल, इंजन स्थिरता और क्रैश से बचाव बड़ी समस्या. अमेरिकी रिपोर्ट (NASIC 2020) ने कहा था कि अगर यह सफल हो गया, तो रूस को अनोखा हथियार मिलेगा. 1950-60 के दशक में अमेरिका ने भी ऐसा प्रोजेक्ट (SLAM) ट्राई किया, लेकिन खतरे की वजह से बंद कर दिया गया.  

2025 के अपडेट: नए टेस्ट और तैयारी

2025 में बुरेवेस्तनिक फिर सुर्खियों में है. सैटेलाइट इमेज से नई टेस्टिंग के संकेत मिले.

  • मुख्य टेस्ट साइट: नोवाया ज़ेमल्या (Novaya Zemlya) आर्कटिक द्वीपसमूह में पनकोवो रेंज. जुलाई-अगस्त में शिपिंग कंटेनर, जहाज और विमान इकट्ठा हुए. रोसाटॉम के जहाज रेडियोएक्टिव मटेरियल हैंडल करने के लिए तैनात.
  • दूसरी साइट: वोलोग्दा-20 (Vologda-20), मॉस्को के उत्तर में. यहां 9 लॉन्च पोजीशन बन रही हैं, न्यूक्लियर वारहेड स्टोरेज भी.

हाल के टेस्ट

अगस्त 2025 में एयरस्पेस बंद (7-12 अगस्त, फिर 6 सितंबर तक बढ़ाया). अमेरिकी WC-135 न्यूक स्निफर प्लेन ने बारेंट्स सी पर निगरानी की. 26 अक्टूबर 2025: पुतिन ने घोषणा की कि टेस्ट सफल रहा – मिसाइल 15 घंटे उड़ी, 14,000 किमी कवर किया. रूस अब इसे तैनात करने की तैयारी कर रहा है. साथ ही Yars और Sineva बैलिस्टिक मिसाइलों के टेस्ट भी हुए.

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