जेट इंजन से चलने वाला रूसी ड्रोन बना यूक्रेन की मुसीबत... गेरान-3 के हमले में 13 की मौत

रूस का जेट-पावर्ड गेरान-3 ड्रोन यूक्रेन पर हमले कर रहा है, जो 600 किमी/घंटे की रफ्तार से 9000 मीटर ऊंचाई तक उड़ता है. 30-31 जुलाई 2025 को 8 ड्रोन का इस्तेमाल हुआ, जिसमें 13 मौतें हुईं. यह रक्षा को चुनौती देता है, लेकिन यूक्रेन तेज ड्रोन और मिसाइलों से जवाब दे रहा है.

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ये है गेरान ड्रोन की फैक्ट्री. (File Photo: Russian State TV) ये है गेरान ड्रोन की फैक्ट्री. (File Photo: Russian State TV)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 05 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 7:58 AM IST

रूस ने यूक्रेन पर हाल के बड़े हमलों में जेट-पावर्ड शाहेद-238 ड्रोन का इस्तेमाल शुरू कर दिया है, जो यूक्रेन की हवाई रक्षा के लिए नई मुसीबत बन रहा है. RBC यूक्रेन की रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेनी वायु सेना के प्रवक्ता यूरी इह्नाट ने बताया कि 30-31 जुलाई की रात को कीव और उत्तरी इलाकों में हुए हमले में कम से कम 8 ऐसे ड्रोन का इस्तेमाल हुआ. इसे गेरान-3 नाम से जाना जाता है, जो ईरान के शाहेद-238 से बना है. यह ड्रोन 2023 में पहली बार पेश किया गया था. 

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गेरान-3 क्या है?

गेरान-3 एक ऐसा ड्रोन है, जो जेट इंजन से चलता है. रूस ने इसे ईरान के शाहेद-238 की मदद से बनाया है. इसके खास फीचर्स हैं...

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  • रफ्तार: यह 600 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है, जो इसे मिसाइल जैसा बनाता है.
  • ऊंचाई: यह 9,000 मीटर तक ऊंचाई तक जा सकता है, जहां आम हथियार इसे नहीं मार सकते.
  • वजन और साइज: इसका वजन 380 KG है. लंबाई 3.5 मीटर, पंखों का फैलाव 3 मीटर है. पहले वाले गेरान-2 (250 किलोग्राम) से यह भारी है.
  • हथियार: इसमें 50 से 300 किलोग्राम का वॉरहेड हो सकता है, जिसमें थर्मोबैरिक चार्ज भी शामिल हैं.
  • ध्वनि: इसका जेट इंजन तेज आवाज करता है, जो पुराने ड्रोन की हल्की आवाज से अलग है. पहचान मुश्किल करता है.
  • इंजन: यह टोलू-10 या टोलू-13 इंजन से चलता है, जो चेक गणराज्य के PBS TJ100 और TJ150 के नकल माने जाते हैं.

यह ड्रोन 2 घंटे तक हवा में रह सकता है. ट्रक से लॉन्च होता है या सॉलिड-फ्यूल बूस्टर से उड़ान भरता है. जून 2025 में इसके मलबे (सीरियल नंबर U-36) मिले, जो रूस के तातारस्तान में अलाबुगा जोन में बन रहे हैं.

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यूक्रेन पर हमला कैसे हुआ?

30-31 जुलाई 2025 की रात रूस ने कीव और अन्य इलाकों पर हमला किया, जिसमें...

  • कुल 78 शाहेद ड्रोन लॉन्च हुए।
  • इनमें से 51 को इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, इंटरसेप्टर ड्रोन, मोबाइल फायर टीम्स और एंटी-एयर मिसाइलों से रोका गया.
  • 8 ड्रोन जेट-पावर्ड थे, जो पहली बार बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हुए.
  • साथ में 8 इस्कंदर-के क्रूज मिसाइल और डेकोय UAVs भी थे.
  • नतीजा: 13 लोगों की मौत और 130 से ज्यादा घायल.

यह हमला कई इलाकों को निशाना बनाया गया, जिसमें कीव सबसे बड़ा टारगेट था.

यूक्रेन की रक्षा के लिए खतरा क्यों?

  • रडार पर मुश्किल: गेरान-3 की रफ्तार 500 किमी/घंटे से ज्यादा होने की वजह से यह रडार पर मिसाइल जैसा दिखता है, जिसे रोकना मुश्किल है.
  • ऊंचाई और रेंज: 9000 मीटर की ऊंचाई और 1200-2500 किलोमीटर की रेंज से यह आम हथियारों से बाहर है.
  • पहचान में दिक्कत: इसका छोटा रडार क्रॉस-सेक्शन (0.05 वर्ग मीटर) और जेट की आवाज से ध्वनि सिस्टम भी इसे ट्रैक करने में नाकाम हैं.
  • मिश्रित हमले: इसे धीमे ड्रोन और मिसाइलों के साथ इस्तेमाल कर रूस यूक्रेन की रक्षा को भ्रमित कर रहा है.

यूक्रेन की मोबाइल फायर टीमें, जो मशीन गनों पर निर्भर हैं, इसे रोकने में असमर्थ हैं. हालांकि, इसकी गर्मी का पता लगाने वाले मिसाइल जैसे स्टिंगर और पियोरुन इसे निशाना बना सकते हैं.

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गेरान-3 की खासियतें और वैरिएंट

इस ड्रोन के कई रूप हैं...

  • बेसिक वर्जन: GPS और GLONASS से मार्गदर्शन.
  • इन्फ्रारेड सीकर: गर्मी के स्रोतों को निशाना बनाता है.
  • रडार होमिंग: एयर डिफेंस रडार को ट्रैक करता है.
  • इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल: रेकी या विजुअल गाइडेंस के लिए.

इनमें से कुछ ड्रोन ट्रक से लॉन्च होते हैं. कुछ बूस्टर से. हवा से लॉन्च की बातें हैं, लेकिन अभी सबूत नहीं मिले.

रूस की तैयारी और उत्पादन

  • अलाबुगा जोन: तातारस्तान में रूस ईरान की किट से शुरूआत कर अब स्थानीय उत्पादन बढ़ा रहा है.
  • पार्ट्स: इसमें कनाडा, स्विट्जरलैंड और अमेरिका के सिविलियन कंपोनेंट्स हैं, जो सैंक्शंस के बावजूद गैरकानूनी तरीके से आए.
  • उत्पादन सीमा: ईरान ने 2023 में 100 ड्रोन प्रति माह देने की पेशकश की थी, लेकिन जेट इंजन और मजबूत बॉडी की वजह से उत्पादन धीमा है.
  • लागत: शाहेद-136 ($20,000-$50,000) के मुकाबले गेरान-3 की कीमत $1.4 मिलियन हो सकती है.

रूस 2000 से 5000 ड्रोन प्रति माह बनाने की योजना बना रहा है, लेकिन जेट वर्जन की संख्या कम रहेगी.

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यूक्रेन का जवाब

  • इंटरसेप्टर ड्रोन: यूक्रेन ने तेज FPV ड्रोन बनाए हैं, जिनकी 1000 प्रति दिन उत्पादन की योजना है, लेकिन जेट ड्रोन के खिलाफ इनकी सीमा है.
  • पायलट और मिसाइल: वेस्टर्न फाइटर जेट्स (साइडवाइंडर और MICA मिसाइलों) से इसे रोका जा सकता है.
  • जागरूकता: राष्ट्रपति जेलेंस्की और मंत्री फेडोरोव ने रूस की रणनीति से निपटने के लिए जल्दी जवाब देने की बात कही.
  • लागत का संतुलन: एक AIM-120 मिसाइल ($500,000-$1 मिलियन) या पैट्रियट ($4 मिलियन) की कीमत गेरान-3 से कहीं ज्यादा है, जो रक्षा को चुनौती देता है.

क्या है रणनीति और भविष्य?

रूस का मकसद यूक्रेन की रक्षा को कमजोर करना और सस्ते हथियारों से दबाव बनाना है. गेरान-3 को क्रूज मिसाइल की तरह इस्तेमाल कर वह यूक्रेन के मिसाइल स्टॉक को खत्म करना चाहता है. उत्पादन की जटिलता और सैंक्शंस से इसकी संख्या सीमित हो सकती है. यूक्रेन के विश्लेषकों का कहना है कि यह ड्रोन अभी टेस्टिंग स्टेज में है और बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होने में समय लगेगा.

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