वोटर आईडी, कैंडी, जीपीएस... पहलगाम के आतंकियों के ये सबूत चिल्ला-चिल्ला कर बता रहे पाकिस्तानी हाथ

पहलगाम में 26 लोगों की हत्या करने वाले तीन आतंकी- सुलेमान शाह, अबु हमजा और यासिर जिब्रान- को 28 जुलाई 2025 को भारतीय सेना ने मार गिराया. ये पाकिस्तानी थे और लश्कर से जुड़े थे. उनके पास से पाकिस्तानी दस्तावेज मिले, जो साबित करते हैं कि यह हमला वहां से प्लान हुआ.

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ऑपरेशन महादेव में मारे गए आतंकी की पाकिस्तानी आईडी. (Photo: ITG) ऑपरेशन महादेव में मारे गए आतंकी की पाकिस्तानी आईडी. (Photo: ITG)

मंजीत नेगी / अरविंद ओझा

  • नई दिल्ली,
  • 04 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 12:58 PM IST

28 जुलाई 2025 को भारतीय सुरक्षा बलों ने पहलगाम नरसंहार के तीन मास्टरमाइंड्स को मार गिराया, जिसमें 22 अप्रैल 2025 को 26 बेकसूर लोगों की जान गई थी. हमलावरों की पहचान सुलेमान शाह, अबु हमजा और यासिर "जिब्रान" के रूप में हुई, जो पाकिस्तानी नागरिक और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के सीनियर आतंकी थे.

सुलेमान शाह, जो मास्टरमाइंड और मुख्य निशानेबाज था. एलईटी में ए++ कमांडर था. अबु हमजा, जिसे अफगान भी कहते हैं, ए-ग्रेड कमांडर था. जबकि यासिर "जिब्रान" भी ए-ग्रेड कमांडर था. तीसरा निशानेबाज और सुरक्षा संभालता था.

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बरामद हुए पाकिस्तानी दस्तावेज

सुरक्षा बलों ने कई अहम दस्तावेज बरामद किए...

  • पाकिस्तानी वोटर कार्ड: सुलेमान शाह और अबु हमजा की जेब से दो लैमिनेटेड वोटर स्लिप्स मिलीं, जो पाकिस्तान चुनाव आयोग ने जारी की थीं.
  • एनएडीआरए स्मार्ट-आईडी चिप्स: एक खराब सैटेलाइट फोन से मिले माइक्रो-एसडी में तीनों की बायोमेट्रिक रिकॉर्ड्स थीं, जो उनकी पाकिस्तानी नागरिकता की पुष्टि करती हैं.
  • पाकिस्तानी सामान: एक रकसैक में "कैंडीलैंड" और "चोकोमैक्स" चॉकलेट के रैपर मिले, जिसमें स्पेयर मैगजीन भी थी.

कश्मीर में घुसपैठ और समयरेखा

हमलावर मई 2022 में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के गु्रेज सेक्टर से घुसे थे. 21 अप्रैल 2025 को बाईसरन से 2 किलोमीटर दूर हिल पार्क में एक सीजनल झोपड़ी में रुके थे. अगले दिन सुबह वे बाईसरन मैदान पहुंचे. दोपहर 2:30 बजे गोलीबारी की.

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फोरेंसिक और तकनीकी सबूत

हमलावरों के खिलाफ सबूत बहुत मजबूत थे...

  • बैलिस्टिक्स: घटनास्थल पर मिली 7.62×39 मिमी कारतूसों का मिलान हमलावरों के बरामद AK-47 राइफलों से हुआ.
  • डीएनए: पहलगाम में मिले एक फटे शर्ट पर खून से निकाले गए माइटोकॉन्ड्रियल प्रोफाइल्स का मिलान दचिगाम से बरामद तीनों शवों के डीएनए से हुआ.
  • डिजिटल निशान: हुवेई सैटेलाइट फोन, जो तीनों इस्तेमाल करते थे, 22 अप्रैल से 25 जुलाई 2025 तक हर रात इनमारसेट-4 F1 से सिग्नल भेजता रहा.

पाकिस्तान से कमांड और कंट्रोल

लश्कर-ए-तोएबा के दक्षिण कश्मीर ऑपरेशंस चीफ सजिद सैफुल्लाह जट्ट ने समग्र रूप से हैंडलिंग की. बरामद सैट-फोन से मिले वॉयस सैंपल्स उसके पहले के इंटरसेप्टेड कॉल्स से मेल खाते हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस सबूत की अहमियत पर जोर देते हुए कहा कि पहली बार हमारे पास सरकार द्वारा जारी पाकिस्तानी दस्तावेज हैं, जो पहलगाम हमलावरों की राष्ट्रीयता को बिना शक साबित करते हैं.

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हमला कैसे हुआ?

22 अप्रैल 2025 को पहलगाम के बाईसरन घाटी में आतंकवादियों ने टूरिस्ट्स पर हमला किया. यह जगह "मिनी स्विट्जरलैंड" कहलाती है, जहां लोग शांति से घूमने आते हैं. पांच आतंकवादियों ने M4 कार्बाइन और AK-47 से गोलीबारी की, जिसमें 26 लोग मारे गए- ज्यादातर हिंदू टूरिस्ट्स, एक क्रिश्चियन टूरिस्ट और एक स्थानीय मुस्लिम भी शामिल था. यह 2008 के मुंबई हमले के बाद भारत में सबसे खतरनाक सिविलियन अटैक माना गया.

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ऑपरेशन महादेव

28 जुलाई 2025 को "ऑपरेशन महादेव" के तहत भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और पैरा कमांडो ने दचिगाम जंगलों में हमलावरों को ढूंढ निकाला. सैटेलाइट फोन की निगरानी और स्थानीय खुफिया जानकारी से इन आतंकियों का पता चला. तीनों- सुलेमान शाह, अबु हमजा और यासिर जिब्रान- को मार गिराया गया. इस ऑपरेशन में AK-47, M-4 कार्बाइन, 17 ग्रेनेड और मैगजीन बरामद हुईं.

पाकिस्तान का रोल

सबूत साफ करते हैं कि यह हमला पाकिस्तान से संचालित था. सुलेमान शाह एक पूर्व पाकिस्तानी सेना कमांडो था, जो लश्कर में शामिल हो गया था. पाकिस्तान में मौजूद सजिद सैफुल्लाह जट्ट ने इस हमले की प्लानिंग की. बरामद दस्तावेज और चॉकलेट रैपर भी पाकिस्तानी मूल के हैं, जो इसकी पुष्टि करते हैं.

भारत का जवाब

इस हमले के बाद भारत ने "ऑपरेशन सिंदूर" चलाया, जिसमें 7 मई 2025 को पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया. पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए यह कदम उठाया गया. अब "ऑपरेशन महादेव" से मास्टरमाइंड को मारना इस लड़ाई में एक बड़ी जीत है.

POK के पत्रकार के पास सबूत

पहलगाम हमले में लश्कर-ए-तोयबा और पाकिस्तान के हाथ होने के सारे सबूत POK में मौजूद पत्रकार और पेशे से एक वकील ने सोशल मीडिया पर एक एक करके डाल रखे हैं. दरअसल हाल ही में ऑपरेशन महादेव में पहलगाम हमले के एक आतंकी Habib Tahir को मार गिराया था.

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Habib Tahir POK के रावलकोट Khai Gala Koyian इलाके के रहने वाला था. लश्कर का कमांडर रिजवान हनीफ जब हबीब ताहिर के नमाज-ए-जनाजा में पहुंचा तो भीड़ ने उनका स्वागत लात-घूसों से किया. 

आतंकी हबीब ताहिर के रावलकोट इलाके के लोकल पत्रकार ने सोशल मीडिया पर POK में चल रहे आतंकी कैंप और POK में चलने वाली आतंकी फैक्ट्री की पूरी पोल खोल दी है. 

यहां तक कि हबीब ताहिर के टीचर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर POK में चलाए जा रहे लश्कर और पाक आर्मी के गंदे खेल का खुलासा किया साथ ही ये सबूत भी दे दिया कि पहलगाम हमले में पाकिस्तान का ही हाथ था.

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