जिस चीनी PL-15 मिसाइल के दम पर कूद रहा पाकिस्तान, उसकी भी भारत के पास है काट...

चीन ने पाकिस्तान को PL-15 मिसाइलों की "एक्सप्रेस" डिलीवरी की, ताकि भारतीय राफेल के खतरे को टाला जा सके. पाकिस्तान को ये नहीं पता कि वो जिस चीनी मिसाइल के दम पर उछल रहा है, उसकी काट भारत के पास है.

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ये है JF-17 ब्लॉक-III फाइटर जेट, इसमें लगी है PL-15 मिसाइल. (फोटोः Defence_IDA) ये है JF-17 ब्लॉक-III फाइटर जेट, इसमें लगी है PL-15 मिसाइल. (फोटोः Defence_IDA)

ऋचीक मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 28 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 12:53 PM IST

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच दावा किया गया है कि पाकिस्तान वायु सेना ने चीन से उन्नत PL-15 लंबी दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों की एक्सप्रेस डिलीवरी प्राप्त की है. पाकिस्तान वायु सेना ने अपने नवीनतम JF-17 ब्लॉक III लड़ाकू विमानों की तस्वीरें जारी की हैं, जिन पर PL-15 मिसाइलें लगी हुई हैं.

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क्लैशरिपोर्ट के अनुसार, PL-15 मिसाइलें जो PAF के विमानों पर देखी गई हैं, वे चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स (PLAAF) के आंतरिक भंडार से ली गई हैं, न कि निर्यात से. अगर यह बाच सच है तो यह बीजिंग और इस्लामाबाद के बीच एक महत्वपूर्ण हथियार हस्तांतरण का संकेत है. जब भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव कभी भी एक पूर्ण युद्ध में भड़क सकते हैं.

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PL-15: चीन की सबसे उन्नत हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल

PL-15 को चीन ने पिछले साल झुहाई एयर शो में प्रदर्शित किया था. PL-15 एक सक्रिय रडार-निर्देशित लंबी दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है, जो AESA रडार का उपयोग करती है. मिसाइल की गति और मैन्यूवरिंग इसे शानदार हथियार बनाता है. इसकी रेंज 200-300 किमी है. यह 5960 km/hr की गति तक पहुंच सकती है. 

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JF-17 जेट के राडार कमजोर हैं

ब्लॉक III पर KLJ-7A AESA राडार उन्नत हैं. J-10CE या भारत के राफेल (RBE2 AESA से लैस) जैसे बड़े लड़ाकू विमानों की तुलना में छोटा और कम शक्तिशाली है. PL-15E की 145 किमी की सीमा के लिए एक राडार की आवश्यकता होती है जिसमें पर्याप्त सीमा और ट्रैकिंग सटीकता हो. ताकि मिसाइल को प्रभावी ढंग से निर्देशित किया जा सके. JF-17 के छोटे नोज़ कोन रडार के एपर्चर को सीमित करते हैं, जिससे इसकी प्रभावी सीमा 100-120 किमी तक कम हो सकती है, जिससे मिसाइल की क्षमता का कम उपयोग होता है.

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सीमित विमान

PAF के पास केवल 45-50 JF-17 ब्लॉक III और 20 J-10CE विमान हैं जो PL-15E ले जा सकते हैं, जो भारत के बड़े विमान बेड़े की तुलना में कम है. जिसमें 36 राफेल जेट और 272 सुखोई-30 MKI हैं, जिनमें से कई उल्का मिसाइल (150+ किमी की सीमा) और R-77 (110 किमी) से लैस हैं. 

लॉजिस्टिक चुनौतियां

PL-15E की आपूर्ति सीमित हो सकती है, जिससे PAF की क्षमता प्रभावित हो सकती है.  2024 की रिपोर्ट्स ने संकेत दिया कि चीन शुरू में JF-17 पर PL-15E एकीकरण की अनुमति देने में हिचकिचा रहा था, जिससे आपूर्ति या एकीकरण समर्थन पर संभावित प्रतिबंधों का सुझाव दिया गया.

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केवल 65-70 विमान (20 J-10CE और 45-50 JF-17 ब्लॉक III) PL-15E ले जाने में सक्षम होने के साथ, PAF की भारत की वायु श्रेष्ठता को चुनौती देने की क्षमता सीमित है. भारत की S-400 वायु रक्षा प्रणाली, 400 किमी की सीमा के साथ, PAF के जेट को PL-15E की 145 किमी की सीमा तक पहुंचने से बहुत पहले ही रोक सकती है, जबकि राफेल-मेटियोक संयोजन JF-17 से अधिक दूरी और गतिशीलता प्रदान करता है.

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भारत के पास क्या-क्या ऑप्शन हैं? 

PL-15 शायद 2018 में PLAAF सेवा में प्रवेश कर गया था. अक्सर इसे बीजिंग के AIM-120D AMRAAM के जवाब के रूप में पेश किया जाता है, जिसकी सीमा लगभग 160 km है. भारत के सबसे उन्नत लड़ाकू जेट, राफेल, Meteor और MICA लंबी दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें ले जा सकते हैं.

अस्त्र मिसाइल

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) वर्तमान में अस्त्र Mk-III विकसित कर रहा है, जिसे गंधीव कहा जाता है. अस्त्र मिसाइल में हाई-एक्सप्लोसिव या प्री-फ्रैगमेंटेड एचएमएक्स हथियार लगा सकते हैं. यह अपने साथ 15 KG का हथियार ले जा सकती है. इसकी रेंज 160 किलोमीटर है. यह अधिकतम 66 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकती है. यह 5556.6 km/घंटा की रफ्तार से दुश्मन की ओर जाती है.  

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मेटियोर मिसाइल 

मेटियोर मिसाइल एक्टिव राडार गाइडेड बेयॉन्ड विजुअल रेंज मिसाइल है. यह हवा से हवा में मार करती है. यानी जहां तक पायलट देखता है, उसके आगे जाकर भी यह दुश्मन को निशाना बनाती है. 190 किलोग्राम वजनी इस मिसाइल की लंबाई 12 फीट और व्यास 7 इंच है. इसमें हाई एक्सप्लोसिव ब्लास्ट फ्रैगमेंटेशन वॉरहेड लगता है. 

यह मिसाइल 200 km की अधिकतम रेंज तक जा सकती है. यानी पायलट इतनी दूर से अपने टारगेट को निशाना बना सकते हैं. अगर टारगेट 60 किलोमीटर की रेंज में है तो उसका बचना नामुमकिन है. इसकी स्पीड ही इसे खतरनाक बनाती है. यह मिसाइल 4770 km/hr की स्पीड से टारगेट की तरफ बढ़ती है. 

MICA मिसाइल ... 

112 किलोग्राम वजनी यह मिसाइल 10 फीट लंबी होती है. इसमें 12 किलोग्राम वजनी वॉरहेड लगता है. यह हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है. इसकी रेंज 60 से 80 किलोमीटर है. यह वर्टिकल लॉन्च भी की जा सकती है. तब यह 20 किलोमीटर की ऊंचाई तक जा सकती है. 

इसकी गति बेहद खतरनाक है. यह 4939.2 km/hr की गति से दुश्मन की तरफ बढ़ती है. इस मिसाइल को राफेल, मिराज, सुखोई-30 एमकेआई, ग्राउंड बैटरी, सरफेस वेसल या पनडुब्बियों से दाग सकते हैं. यह एक्टिव राडार होमिंग और इंफ्रारेड होमिंग के वैरिएंट्स में आती है. टकराते ही टारगेट नष्ट हो जाता है. 

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R-73 मिसाइल... 

इस मिसाइल को रूस का टैक्टिकल मिसाइल कॉर्पोरेशन बनाता है. लेटेस्ट वर्जन की रेंज 30 km है. साथ ही उसमें RVV-MD टेक्नोलॉजी लगी है, जिससे इसकी रेंज बढ़कर 40 km हो जाती है. यह मिसाइल डॉग फाइट के लिए ही बनी है. ये बेहद आराम से हवाई टारगेट्स को किसी भी डायरेक्शन से मार कर गिरा सकती है. चाहे दिन हो या फिर रात. 

इस मिसाइल को फाइटर जेट्स, बमवर्षक या फिर अटैक हेलिकॉप्टर पर लगा सकते हैं. इस मिसाइल में कम्बाइन्ड गैस एयरोडायनेमिक कंट्रोल सिस्टम लगा है. जो लाइन ऑफ साइट पर 60 डिग्री तक की ताकत देता है. यानी दुश्मन पर हमला करते समय सीधी रेखा में जाती मिसाइल अचानक से इतने एंगल पर घूम भी सकती है. 

इसकी अधिकतम गति 2500 km/hr है. यह 2 मीटर की ऊंचाई से लेकर 20 km की ऊंचाई तक जाती है. अधिकतम 30 km की ऊंचाई तक जा सकती है. विंग कमांडर अभिनंदन ने इसी मिसाइल से पाकिस्तानी F-16 फाइटर जेट को मार गिराया था. हालांकि बाद में इनके फाइटर जेट पर हमला हुआ. 

रूस का R-37M: क्या भारत को रूस की नवीनतम हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल खरीदनी चाहिए?

PL-15 मिसाइलों की संभावित लंबी दूरी IAF के लिए एक सिरदर्द हो सकती है, लेकिन रूस की नवीनतम R-37M मिसाइलें IAF के लिए एक विकल्प हो सकती हैं. R-37M की घोषित सीमा 300-400 किमी है. यह 7160 km/hr की हाइपरसोनिक गति तक पहुंच सकती है. इन मिसाइलों का उपयोग रूस ने यूक्रेन युद्ध में बड़े पैमाने पर किया है.

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