रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक कार्यक्रम में में ऐलान किया कि भारत अब पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान (Fifth Generation Fighter Aircraft) बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. इसके साथ ही, इन विमानों के लिए इंजन भी भारत में ही बनाए जाएंगे. यह काम फ्रांस की कंपनी सैफरॉन (Safran) के साथ मिलकर होगा.
यह घोषणा भारत के आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया के सपने को हकीकत में बदलने की दिशा में एक बड़ा कदम है. साथ ही अमेरिका को करारा जवाब. क्योंकि वो तेजस के लिए जो इंजन देने वाला था, उसमें लेट कर रहा है. साथ ही टैरिफ विवाद भी चल रहा है.
यह भी पढ़ें: 97 Tejas MK-1A जुड़ने के बाद कितना बड़ा होगा भारत के फाइटर जेट्स का बेड़ा, ये है फ्यूचर प्लान
पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान: क्या हैं खास?
पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान (Fifth Generation Fighter Aircraft) आधुनिक युद्ध के लिए सबसे उन्नत विमान होते हैं. इनकी खासियतें हैं...
भारत का एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) ऐसा ही विमान होगा, जो हवा में वर्चस्व और गहरे हमले करने में सक्षम होगा. इसे 25 टन वजन और ट्विन-इंजन डिज़ाइन के साथ बनाया जा रहा है.
यह भी पढ़ें: जंगी तैयारी में आत्मनिर्भरता की ओर भारत का बड़ा कदम, 5वीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट पर प्लान को मिली मंजूरी
सैफरॉन के साथ साझेदारी: क्यों है खास?
भारत ने AMCA के लिए इंजन बनाने के लिए सैफरॉन कंपनी को चुना है, जो फ्रांस की एक प्रमुख एयरोस्पेस कंपनी है. सैफरॉन राफेल लड़ाकू विमान के लिए M88 इंजन बनाती है, जो पहले से ही भारतीय वायुसेना के पास है. इस साझेदारी की खास बातें...
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हम फ्रांस की कंपनी सैफरॉन के साथ भारत में इंजन बनाने का काम शुरू करने जा रहे हैं. यह भारत की रक्षा क्षमता को और मजबूत करेगा.
यह भी पढ़ें: फ्रेंच फाइटर जेट राफेल ने अमेरिकी F-35 को 'Kill Lock' किया, स्टील्थ फाइटर जेट खुद को बचा नहीं पाया
AMCA: भारत का स्टील्थ सपना
एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) भारत का पहला पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान होगा, जिसे एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) और निजी कंपनियों के साथ मिलकर बनाया जा रहा है. इसकी खासियतें...
दो वेरिएंट
AMCA भारत की हवाई ताकत को बढ़ाएगा और इसे चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसियों के खिलाफ रणनीतिक बढ़त देगा.
यह भी पढ़ें: रूस पर बड़े हमले की तैयारी में यूक्रेन... नई फ्लेमिंगो मिसाइल से मॉस्को-साइबेरिया तक निशाने पर
क्यों जरूरी है स्वदेशी इंजन?
भारत लंबे समय से लड़ाकू विमानों के लिए विदेशी इंजनों पर निर्भर रहा है. उदाहरण के लिए...
लेकिन विदेशी इंजनों की आपूर्ति में देरी और रखरखाव की लागत भारत के लिए चुनौती रही है. उदाहरण के लिए, GE-F404 इंजनों की डिलीवरी में 2 साल की देरी ने तेजस Mk-1A के उत्पादन को धीमा कर दिया. कावेरी इंजन प्रोजेक्ट जो भारत का स्वदेशी इंजन बनाने का प्रयास था, पर्याप्त शक्ति (थ्रस्ट) न दे पाने के कारण असफल रहा.
सैफरॉन के साथ यह साझेदारी भारत को...
भारत-फ्रांस का मजबूत रिश्ता
भारत और फ्रांस के बीच रक्षा सहयोग पहले से ही मजबूत है. कुछ उदाहरण...
2022 में सैफरॉन के CEO ओलिवियर एंड्रिएस और राजनाथ सिंह की मुलाकात में इस साझेदारी की नींव रखी गई थी. अब यह साझेदारी होराइजन 2047 रोडमैप का हिस्सा है, जो भारत-फ्रांस के रणनीतिक रिश्तों को और मजबूत करेगा.
यह भी पढ़ें: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय वायुसेना की बड़ी तैयारी... रैम्पेज मिसाइलों के लिए मेगा ऑर्डर
तेजस: आत्मनिर्भरता का प्रतीक
राजनाथ सिंह ने तेजस लड़ाकू विमान को भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमता का शानदार उदाहरण बताया. हाल ही में...
सिंह ने कहा कि हम चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, लेकिन हम हर समस्या का समाधान करेंगे और भारत में लड़ाकू विमान बनाने की पूरी क्षमता हासिल करेंगे.
मेक इन इंडिया और वैश्विक भूमिका
राजनाथ सिंह ने वैश्विक कंपनियों को भारत में निवेश करने का न्योता दिया. उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया सिर्फ भारत के लिए नहीं, बल्कि दुनिया के लिए है. भारत में बनाएं, दुनिया के लिए बनाएं. भारत ने पिछले दशक में रक्षा निर्यात को 686 करोड़ रुपये (2013-14) से बढ़ाकर 23,622 करोड़ रुपये (2024-25) तक पहुंचाया है. 2029 तक 50000 करोड़ रुपये का लक्ष्य है.
सैफरॉन के साथ यह साझेदारी भारत को वैश्विक रक्षा आपूर्तिकर्ता बनाने में मदद करेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर कहा था कि हमें प्रणोदन (प्रोपल्शन), सेमीकंडक्टर और AI जैसी महत्वपूर्ण तकनीकों में आत्मनिर्भर होना होगा. यह प्रोजेक्ट उसी दिशा में एक कदम है.
चुनौतियां और भविष्य
aajtak.in