फिशन बम, थर्मोन्यूक्लियर बम, न्यूट्रॉन और डर्टी बम... कितने तरह के परमाणु बम होते हैं?

परमाणु बम न्यूक्लियर हथियार हैं, जो फिशन या फ्यूजन से ऊर्जा निकालते हैं. मुख्य चार प्रकार के होते हैं. फिशन बम (हिरोशिमा जैसा धमाका), थर्मोन्यूक्लियर (हाइड्रोजन), न्यूट्रॉन (रेडिएशन) और डर्टी (प्रदूषण फैलाए). लेकिन अन्य प्रकारों को मिला लें तो 6-7 टाइप के न्यूक्लियर बम हो जाते हैं.

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ये है फैट मैन परमाणु बम जिसे नागासाकी पर गिराया गया था. ये बेसिक एटॉमिक बम है. (File Photo: AFP) ये है फैट मैन परमाणु बम जिसे नागासाकी पर गिराया गया था. ये बेसिक एटॉमिक बम है. (File Photo: AFP)

ऋचीक मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 06 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:46 AM IST

परमाणु बम दुनिया के सबसे खतरनाक हथियार हैं. ये एक झटके में लाखों लोगों की जान ले सकते हैं. शहरों को मिट्टी में मिला सकते हैं. परमाणु बम शब्द से आमतौर पर फिशन बम को समझा जाता है, लेकिन असल में न्यूक्लियर हथियार कई प्रकार के होते हैं. फिशन, थर्मोन्यूक्लियर, न्यूट्रॉन और डर्टी बम – ये चार मुख्य प्रकार हैं.

कुल मिलाकर मुख्य 4 प्रकार हैं, लेकिन उप-प्रकारों सहित 6-7 हो जाते हैं. हर बम की विशेषताएं (कैसे बनता है, सामग्री क्या), ताकत (यील्ड – कितना धमाका) और प्रभाव (क्या नुकसान) जानते हैं.  

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1. फिशन बम (Fission Bomb) – बुनियादी एटॉमिक बम

यह सबसे पुराना और सरल न्यूक्लियर बम है. इसे एटॉमिक बम कहते हैं. 

ये बम गिरने के बाद हिरोशिमा-नागासाकी क्या हाल हुआ था. (File Photo: AFP)
  • सामग्री: यूरेनियम-235 या प्लूटोनियम-239 जैसे भारी परमाणु.  
  • डिज़ाइन: दो हिस्सों को जोर से टकराकर चेन रिएक्शन शुरू किया जाता है. जैसे दो गेंदें आपस में धक्का देकर फट जाएं. दो मुख्य प्रकार: गन-टाइप (यूरेनियम के लिए) और इम्प्लोजन-टाइप (प्लूटोनियम के लिए).  
  • आकार: छोटा, 3-5 मीटर लंबा, वजन 4-5 टन.
  • ताकत (यील्ड): 10-20 किलोटन (kt) टीएनटी के बराबर. एक किलोटन मतलब 1000 टन बारूद जितना धमाका.  
  • धमाका: 1-2 किमी दायरे में सब कुछ उड़ा देता है. तापमान 10 हजार डिग्री सेल्सियस – स्टील भी पिघल जाता है.  
  • आग और झटका: 5 किमी दूर तक आग लगती है, भूकंप जैसा धक्का लगता है.   
  • विकिरण: तुरंत 70 हजार लोग मर सकते हैं, बाकी कैंसर जैसी बीमारी से सालों तक. हिरोशिमा में 1.40 लाख मौतें हुईं.   
  • कुल: छोटे शहर को तबाह कर देता है.
  • उदाहरण: हिरोशिमा (लिटिल बॉय, 15 kt) और नागासाकी (फैट मैन, 21 kt).

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2. थर्मोन्यूक्लियर बम (Thermonuclear Bomb) – हाइड्रोजन बम

यह फिशन से 1000 गुना ताकतवर है. इसे फ्यूजन बम कहते हैं.

  • सामग्री: फिशन के लिए यूरेनियम/प्लूटोनियम, फ्यूजन के लिए हाइड्रोजन के आइसोटोप (ड्यूटेरियम और ट्रिटियम).  
  • डिज़ाइन: दो चरण – पहले फिशन ट्रिगर फटता है, जो फ्यूजन शुरू करता है. तेलर-उलाम डिज़ाइन इस्तेमाल होता है. लिथियम ड्यूटेराइड से बूस्ट मिलता है.  
  • आकार: बड़ा, 5-10 मीटर लंबा, वजन 8-10 टन. मिसाइलों पर फिट होता है.
  • ताकत (यील्ड): 100 किलोटन से 50 मेगाटन (Mt) तक. एक मेगाटन मतलब 1000 किलोटन. त्सार बोम्बा 50 Mt का था.  
  • धमाका: 10-20 किमी दायरे में सब नष्ट. तापमान 1 लाख डिग्री – सूरज जैसा.  
  • आग और झटका: 50 किमी दूर तक आग, 100 किमी/घंटा तेज हवा. ईएमपी से रेडियो, बिजली सब खराब.  
  • विकिरण: 10 लाख लोग तुरंत मर सकते हैं, बाकी रेडियोएक्टिव बारिश से कैंसर. पूरा देश प्रभावित.  
  • कुल: बड़े शहर या पहाड़ को मिटा देता है.
  • उदाहरण: अमेरिका का बी-53 बम (9 Mt) या रूस का त्सार बोम्बा.

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3. न्यूट्रॉन बम (Neutron Bomb) – रेडिएशन विशेष बम

यह थर्मोन्यूक्लियर का एक प्रकार है, जो लोगों को ज्यादा मारने पर फोकस करता है. इमारतें बचाता है.

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ये है अमेरिका का MGM-Lance मिसाइल जिसमें कहा जाता था कि न्यूट्रॉन बम लगा था. (File Photo: Wikipedia/USAF)
  • सामग्री: प्लूटोनियम कोर, लेकिन कम घना टैंपर (बेरिलियम) ताकि न्यूट्रॉन बाहर निकलें. फ्यूजन स्टेज में ट्रिटियम ज्यादा.  
  • डिज़ाइन: इम्प्लोजन टाइप, लेकिन न्यूट्रॉन को ब्लास्ट से ज्यादा फैलाने के लिए. छोटा और हल्का.  
  • आकार: 2-3 मीटर लंबा, वजन 1-2 टन. तोपों या मिसाइलों के लिए.
  • ताकत (यील्ड): 1-10 किलोटन. (कम ब्लास्ट, ज्यादा रेडिएशन)  
  • धमाका: सिर्फ 0.5-1 किमी में हल्का धमाका.  
  • आग और झटका: कम, 2 किमी तक सीमित.  
  • विकिरण: न्यूट्रॉन किरणें 1-2 किमी में शरीर की कोशिकाओं को मार देती हैं. लोग 1-2 दिनों में मर जाते हैं, लेकिन घर-इमारतें बचती हैं. लंबे समय तक इलाका खतरनाक.  
  • कुल: सैनिकों के खिलाफ साफ बम कहलाता है. 10 हजार सैनिक मर सकते हैं बिना शहर नष्ट किए.
  • उदाहरण: अमेरिका का डब्ल्यू70 (1 kt). कभी बड़े युद्ध में नहीं फोड़ा.

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4. डर्टी बम (Dirty Bomb) – रेडियोलॉजिकल बम

यह असली न्यूक्लियर बम नहीं है. सिर्फ न्यूक्लियर गंदगी फैलाने वाला.

न्यूट्रॉन बम के फटने से उसमें से बैलिस्टिक पार्टिकल्स निकलते हैं. (File Photo: Brookheaven National Lab)
  • सामग्री: सामान्य बारूद + रेडियोएक्टिव कचरा (जैसे कोबाल्ट-60 या सीजियम-137). अस्पताल या प्लांट से चुराया जा सकता है.  
  • डिज़ाइन: साधारण बम में रेडियोएक्टिव पाउडर डालकर. कोई चेन रिएक्शन नहीं.  
  • आकार: छोटा, बैग साइज, वजन 10-20 किलो. आसानी से बनता है.
  • ताकत (यील्ड): बहुत कम – सिर्फ 10-50 किलोग्राम बारूद जितना. कोई न्यूक्लियर यील्ड नहीं.  
  • धमाका: 10-50 मीटर में हल्का, 10-20 लोग घायल.  
  • आग और झटका: न के बराबर.  
  • विकिरण: 1-5 किमी में प्रदूषण फैलता है. तुरंत मौत कम, लेकिन कैंसर, उल्टी जैसी बीमारी सालों तक. इलाका महीनों बंद हो जाता है. सफाई में करोड़ों खर्च.
  • मुख्य डर: घबराहट और आर्थिक नुकसान. 
  • कुल: आतंक के लिए, 100-1000 लोग बीमार हो सकते हैं.
  • उदाहरण: कोई बड़ा केस नहीं, लेकिन इराक युद्ध में डराया गया था.

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अन्य प्रकार 

  • बूस्टेड फिशन बम: फिशन + थोड़ा फ्यूजन. विशेषताएं: प्लूटोनियम + गैस बूस्टर. यील्ड: 100-500 kt. प्रभाव: फिशन से दोगुना, ज्यादा कुशल.  
  • प्योर फ्यूजन बम: सिर्फ फ्यूजन, बिना फिशन. विशेषताएं: लेजर से ट्रिगर (अभी परीक्षण में). यील्ड: 1-10 kt. प्रभाव: कम रेडिशन. 
  • टैक्टिकल बम: छोटे, युद्ध मैदान के लिए. यील्ड: 0.1-30 kt. प्रभाव: 1 किमी में मौजूद सैनिक नष्ट.

परमाणु बमों के मुख्य 4 प्रकार हैं, जो फिशन-फ्यूजन पर आधारित हैं. दुनिया में 12 हजार से ज्यादा परमाणु हथियार हैं. ज्यादातर थर्मोन्यूक्लियर. ये न सिर्फ जान लेते हैं, बल्कि पर्यावरण को भी बर्बाद करते हैं. भारत और पाकिस्तान जैसे देशों के पास भी हैं, लेकिन एनपीटी समझौता इन्हें रोकने की कोशिश करता है. 

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