पूर्वी चीन सागर और ताइवान के आसपास पिछले कुछ सालों में चीन और जापान के फाइटर जेट एक-दूसरे के बहुत करीब आ चुके हैं. कई बार खबर आती है कि चीनी J-10, J-16 या J-20 जेट ने जापानी F-15 या F-35 जेट पर फायर कंट्रोल रडार लॉक कर लेते हैं. जापान इसे बहुत गंभीर और खतरनाक मानता है.
6 दिसंबर को पूर्वी चीन सागर में दो चीनी J-15 फाइटर जेट ने जापानी F-15 जेट पर दो बार फायर कंट्रोल रडार लॉक किया. यह ओकिनावा के पास मियाको द्वीप के ऊपर हुआ, जहां ताइवान विवाद के कारण तनाव पहले से ही चरम पर है. जापान के रक्षा मंत्री शिंजिरो कोइजुमी ने इसे बहुत खेदजनक और खतरनाक बताया.
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यह पहली बार माना जा रहा है जब चीनी विमान ने जापानी सैन्य विमानों पर ऐसा सीधा रडार फोकस किया है. जापान ने तुरंत चीन के राजदूत को बुलाकर विरोध दर्ज कराया. ऑस्ट्रेलिया ने भी शांति की अपील की, जबकि अमेरिका ने चुप्पी साध रखी है लेकिन पीछे से जापान का साथ दे रहा है. आखिर यह रडार लॉक होता क्या है और यह इतना खतरनाक क्यों है?
लड़ाकू जेट में दो मुख्य रडार होते हैं...
यह दो काम करता है... लगातार दूरी मापता है (Continuous Wave Illuminator). लक्ष्य की सटीक दिशा, ऊंचाई और स्पीड पता करता है. जब पायलट लॉक बटन दबाता है, तो रडार का बीम सिर्फ एक ही विमान पर केंद्रित हो जाती है. हर मिली-सेकंड में हजारों बार उस पर रेडियो तरंगें भेजता और प्राप्त करता है. इसी को लॉक-ऑन कहते हैं.
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हर आधुनिक जेट में RWR (Radar Warning Receiver) लगा होता है. जैसे ही कोई फायर कंट्रोल रडार उस पर लॉक करता है...
कॉकपिट में तेज 'बीं-बीं-बीं' आवाज शुरू हो जाती है. स्क्रीन पर लाल हीरा (Diamond) चमकने लगता है. दिशा दिखाई देती है कि लॉक कहां से आ रहा है. रडार का प्रकार भी दिख जाता है, मिसाल के लिए चीनी KLJ-7A या जापानी J/APG-1. पायलट को 2-3 सेकंड में पता चल जाता है कि मुझ पर मिसाइल आने वाली है.
प्रतिक्रिया समय की सीमा: न्यूरोसाइंस के अनुसार, पायलट का ब्रेन 200-300 मिलीसेकंड में खतरे को प्रोसेस करता है. लॉक के बाद सिर्फ 5-8 सेकंड में मिसाइल (जैसे PL-15, 200 किमी रेंज, मैक 4 स्पीड) दागी जा सकती है. इसमें हाई G-फोर्स (9G) टर्न से ब्लड फ्लो ब्रेन में रुक जाता है, जिससे फैसला लेना मुश्किल होता है.
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इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर: जैमिंग से रडार सिग्नल को 50-70% कमजोर किया जा सकता है, लेकिन अगर दोनों तरफ AESA (एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे) रडार हैं तो बर्न-थ्रू हो जाता है – सिग्नल इतना मजबूत कि जैमिंग फेल हो जाती है.
साइकोलॉजिकल प्रभाव: लगातार लॉक से पायलट का स्ट्रेस हार्मोन (कोर्टिसोल) बढ़ता है, जो गलत फैसला लेने का कारण बन सकता है. 2025 की घटना में जापानी F-15 ने इमरजेंसी मैन्यूवर किया, लेकिन करीब 15 किमी दूरी पर थे.
जापान के रक्षा मंत्रालय के अनुसार...
22 मई 2025 – एक चीनी J-20 स्टेल्थ जेट ने जापानी F-35A पर सिर्फ 18 किलोमीटर की दूरी से 28 सेकंड तक रडार लॉक रखा. जापानी पायलट ने इमरजेंसी में सुपरसॉनिक स्पीड से भागना पड़ा.
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हॉटलाइन शुरू करें (जैसे भारत-चीन के बीच है). 50 किलोमीटर से ज्यादा दूरी पर ही उड़ान भरने का नियम फॉलो करें. रडार लॉक करने से पहले रेडियो पर चेतावनी देना अनिवार्य करें.
फायर कंट्रोल रडार लॉक कोई मजाक नहीं है. यह हवा में बंदूक तानने जैसा है. जब तक चीन और जापान के बीच विश्वास नहीं बनेगा, तब तक पूर्वी चीन सागर में कभी भी एक छोटी सी चिंगारी बहुत बड़ा युद्ध शुरू कर सकती है.
ऋचीक मिश्रा