हनीप्रीत की बड़ी साजिश का खुलासा: ऐसे बर्बाद किया राम रहीम के बेटे का कारोबार

बलात्कारी बाबा राम रहीम की खास राजदार हनीप्रीत इंसान के जेल की सलाखों के पीछे पहुंचते ही उससे जुड़े राज एक-एक करके बाहर आ रहे हैं. हनीप्रीत राम रहीम के परिवार से किस कदर जलती थी वो तो हाल ही में सामने आई एक वीडियो से साफ हो चुका है. इसमें वह गुरमीत राम रहीम की पत्नी का हाथ झटक कर उसके बाल ठीक करते हुए दिखाई दे रही है. वह ना केवल राम रहीम की पत्नी हरजीत कौर से जलती और नफरत करती थी, बल्कि बाबा को उसके परिवार से दूर रखने की कोशिश में भी लगी रहती थी.

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बलात्कारी बाबा राम रहीम की खास राजदार हनीप्रीत इंसान बलात्कारी बाबा राम रहीम की खास राजदार हनीप्रीत इंसान

मुकेश कुमार / मनजीत सहगल

  • चंडीगढ़,
  • 06 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 11:54 AM IST

बलात्कारी बाबा राम रहीम की खास राजदार हनीप्रीत इंसान के जेल की सलाखों के पीछे पहुंचते ही उससे जुड़े राज एक-एक करके बाहर आ रहे हैं. हनीप्रीत राम रहीम के परिवार से किस कदर जलती थी वो तो हाल ही में सामने आई एक वीडियो से साफ हो चुका है. इसमें वह गुरमीत राम रहीम की पत्नी का हाथ झटक कर उसके बाल ठीक करते हुए दिखाई दे रही है. वह ना केवल राम रहीम की पत्नी हरजीत कौर से जलती और नफरत करती थी, बल्कि बाबा को उसके परिवार से दूर रखने की कोशिश में भी लगी रहती थी.

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अब राम रहीम के परिवार के प्रति हनीप्रीत इंसान की एक बहुत बड़ी साजिश का पर्दाफाश हुआ है.राम रहीम के बेटे जसमीत इंसान के कारोबार को चौपट करने के पीछे भी हनीप्रीत का ही हाथ सामने आया है. वह जसमीत की हैसियत को मिट्टी में मिलाना चाहती थी. इसी के चलते उसने एक साजिश के तहत जसमीत की फैक्ट्रियों को बंद करवा दिया और उसके बाद में उसका पूरा कारोबार अपने कब्जे में ले लिया था. हनीप्रीत को जसमीत से तब जलन होने लगी, जब एक बार राम रहीम ने अचानक उसे अपना वारिस घोषित कर दिया था.

हनीप्रीत नहीं चाहती थी कि जसमीत राम रहीम का वारिस बने. इसी जलन के चलते उसने अपने फेसबुक अकाउंट में एक बार खुद को अपने आप ही राम रहीम का वारिस घोषित कर दिया था. हनीप्रीत के प्रेमजाल में फंसा राम रहीम उसकी हर बात को पत्थर की लकीर मानता था. राम रहीम की इसी कमजोरी के चलते हनीप्रीत ने उस पर साल 2011 के बाद यह कहकर दबाव बनाना शुरू कर दिया था कि जसमीत की फैक्ट्रियों में बन रहे बिस्कुट, अचार और दूसरे उत्पाद घटिया हैं. उसकी फैक्ट्रियों को बंद कर दिया जाना चाहिए.

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फादर और किंग थ्री नाम से निकाले नए उत्पाद

जसमीत ने साल 1998 में फादर नाम से बिस्कुट की एक फैक्ट्री लगाई थी. महज 50 कर्मचारियों के साथ शुरू किए गए इस व्यापार को धीरे-धीरे पंख लगने लगे. जसमीत के बिस्कुट पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के अलावा कई शहरों में बिकने लगे. उसके बाद जसमीत ने अपने उत्पादों में नमकीन, जैम, अचार और दूसरे उत्पादों का निर्माण भी शुरू कर दिया. इनको किंग थ्री के नाम से बाजार में उतारा गया. सूत्रों के मुताबिक साल 2015 में जसमीत का सालाना कारोबार 15 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया था.

जसमीत के खिलाफ साजिश में जुटी रही हनीप्रीत

जसमीत से जलने वाली हनीप्रीत को उसकी सफलता नहीं भा रही थी. वह उसके खिलाफ साजिश करने में जुटी रही. वह जसमीत की फैक्ट्रियों में बने बिस्कुट, नमकीन, अचार, जैम और दूसरे उत्पादों को घटिया बता कर उसे बदनाम करने में लग गई. हनीप्रीत की साजिश के चलते धीरे-धीरे जसमीत का कारोबार सिमटने लगा. हनीप्रीत ने आखिर साल 2015 में जसमीत की सभी फैक्ट्रियां बंद करवा दीं. जसमीत ने अपना कारोबार बचाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया, लेकिन वह इसमें कामयाब नहीं हो पाया.

जसमीत की कंपनी बंद कराकर बनाया MSG

शातिर हनीप्रीत ने साल 2015 में जसमीत की फैक्ट्रियों में बने सभी उत्पाद वापस मंगवा लिए. साल 2016 में राम रहीम के नाम से MSG नाम की कंपनी बनाकर साजिश के तहत जसमीत के सभी ब्रांड और कारोबार नई कंपनी में मर्ज करवा दिए. MSG समूह की सभी कंपनियों की कमान हनीप्रीत के हाथों में थी. जसमीत का इनसे कोई वास्ता नहीं था. हालांकि राम रहीम के जेल पहुंचते ही MSG समूह बंद पड़ा है, क्योंकि डेरा के पास कच्चा माल खरीदने और 70 लाख रुपये बिजली का भुगतान करने के लिए नहीं है.

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MSG समूह की सभी कंपनियों का बुरा हश्र

सूत्रों के मुताबिक, गुरमीत राम रहीम और हनीप्रीत MSG नाम से मार्केट में उतारे गए उत्पादों को ऑर्गेनिक बता कर बेचते थे, जबकि इनमें से ज्यादातर उत्पाद ऑर्गेनिक थे ही नहीं. अब राम रहीम का सारा काला कारोबार ठप पड़ा है. उसकी हकीकत उजागर होने के बाद अब उसके उत्पादों के खरीददार उनसे किनारा कर चुके हैं. इन उत्पादों को बेचने वाले धीरे-धीरे अपनी दुकानें बंद कर रहे हैं. कुल मिलाकर साजिश के तहत खड़ी की गई MSG समूह की सभी कंपनियों का बुरा हश्र हुआ है. उसकी फैक्ट्रियां भी अब बंद हो चुकी हैं.

हनीप्रीत इंसान को न बाबा मिला, न माया

हनीप्रीत ना केवल गुरमीत राम रहीम बल्कि डेरा की पूरी माया पर भी कब्जा जमाना चाहती थी. दरअसल हनीप्रीत न केवल डेरा में आने वाले चढ़ावे पर बल्कि डेरा के पूरे कारोबार को हड़पना चाहती थी. इसी साजिश के चलते जसमीत इंसान की सभी फैक्ट्रियां बंद करवाई गई थी. उसे जसमीत की तरक्की से चढ़ थी ताकि वह किसी भी तरह डेरा का वारिस न बन पाए. लेकिन किस्मत का खेल देखिए हनीप्रीत को न बाबा मिला और न उसकी माया. कभी एक रानी की तरह जिंदगी बिताने वाली हनीप्रीत इंसान आज ओर से जेल के फर्श पर आ गिरी है.

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