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कोरोना संकट: मोदी सरकार ने बदला ये नियम, 75 करोड़ लोगों पर असर

aajtak.in
  • 19 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 8:23 AM IST
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कोरोना वायरस की वजह से भारत समेत दुनियाभर में तालाबंदी की नौबत आ गई है. लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं और राशन को स्टॉक कर रहे हैं.  इन हालातों के बीच केंद्र की मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है.

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इसकी जानकारी देते हुए खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने बताया कि नए नियम का फायदा देश के 75 करोड़ लोगों को मिल सकेगा. आइए विस्तार से जानते हैं इसके बारे में..

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रामविलास पासवान के मुताबिक सस्ता आनाज पाने के हकदार 75 करोड़ लोगों को छह माह का राशन एक साथ उठाने की छूट दी जाएगी. अभी उन्हें ज्यादा से ज्यादा दो माह का अनाज समय से पहले उठाने की छूट है.

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रामविलास पासवान ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया, ‘हमारे गोदामों में अनाज का पर्याप्त भंडार है. हमने सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि वे गरीब लोगों को छह माह के अनाज का कोटा एक साथ उठाने की छूट दें.’’ 

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पासवान ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के बीच यह निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि आगे किसी प्रकार की पाबंदी के लागू होने पर गरीब लोगों को अनाज पाने में दिक्कत न हो. यहां बता दें कि सिर्फ पंजाब सरकार ने अभी लागों को छह माह का कोटा एक साथ उठाने की अनुमति दे रखी है.

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पासवान के मुताबिक इस समय सरकारी गोदामों में 4.35 करोड़ टन अधिक अनाज पड़ा हुआ है जो सुरक्षित बफर स्टाक की जरूरत से अधिक है.

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इसमें से 272.19 लाख टन चावल और 162.79 लाख टन गेहूं है. सार्वजनिक वितरण प्रणाली यानी पीडीएस के लिए अप्रैल में बफर में 135 लाख टन चावल और 74.2 लाख टन गेहूं का भंडार सुरक्षित माना जाता है.

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बहरहाल, सरकार का ये फैसला ऐसे समय में आया है जब लोग  भारत में कोरोना वायरस के डर से घरों में राशन-पानी जुटा रहे हैं. हालांकि, राम विलास पासवान ने कहा कि कोरोना वायरस संकट के बीच सरकार के पास पर्याप्त मात्रा में अनाज उपलब्ध हैं और लोगों को इसके लिए चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है.

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