ETF से पैसे बनाने का सबसे आसान तरीका... 7,14,21,28 वाला फॉर्मूला कर जाएगा काम

अगर आप खास रणनीति के तहत ETF में निवेश करेंगे, तो दूसरों के मुकाबले ज्यादा प्रॉफिट निकाल पाएंगे. जहां तक म्यूचुअल फंड से ETF की तुलना की बात है, तो बीते कुछ साल में ETF ने मोटा पैसा बनाकर दिया है.

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ETF Investment Formula ETF Investment Formula

अमित कुमार दुबे

  • नई दिल्ली,
  • 24 जून 2024,
  • अपडेटेड 2:41 PM IST

आजकल ETF की खूब बात हो रही है. कुछ लोग तो ETF को म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) से निवेश के लिए बेहतर विकल्प बता रहे हैं. हालांकि अभी भी देश में ETF के मुकाबले म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों की संख्या काफी ज्यादा है. हालांकि पिछले कुछ वर्षों से ETF में निवेश को लेकर लोगों में रुचि बढ़ी है, लोग अब ETF के बारे में जानना चाहते हैं.

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अगर आप भी ETF में निवेश करना चाहते हैं तो हम आपको बताते हैं कि कब और कैसे निवेश कर पैसा बना सकते हैं. अगर आप खास रणनीति के तहत ETF में निवेश करेंगे, तो दूसरों के मुकाबले ज्यादा प्रॉफिट निकाल पाएंगे. जहां तक म्यूचुअल फंड से ETF की तुलना की बात है, तो बीते कुछ साल में ETF ने मोटा पैसा बनाकर दिया है, जो कि म्यूचुअल फंड के मुकाबले ज्यादा है. जिस वजह से हाल के दिनों ETF ने लोगों को आर्कषित किया है. 

ETF क्या है?
आसान तरीके से समझें तो ETF एक निवेश का विकल्प है. एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) के जरिये शेयर बाजार में निवेश किए जाते हैं. ETF के माध्यम से शेयरों के एक सेट में निवेश किया जाता है. ये आमतौर पर एक खास इंडेक्स को ट्रैक करता है.

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ETF कैसे खरीदें?
स्टॉक की तरह ही ETF को स्टॉक एक्सचेंजों पर खरीदा और बेचा जाता है. ईटीएफ को ट्रेडिंग अवधि के दौरान किसी भी समय बेचा जा सकता है. बिल्कुल जिस तरह आप शेयर खरीद और बेचते हैं.  ETF में निवेश के लिए आपके पास एक डिमैड अकाउंट होना जरूरी है.

ETF में कब निवेश करें? 
ETF में  निवेश करने वालों के लिए यही समय चुनना सबसे जरूरी होता है. आप बिना जानकारी के ईटीएफ में पैसे लगाकर फंस सकते हैं. इसलिए ETF निवेश का सबसे आसान तरीका है- 'Buy on Dips', यानी जब-जब बाजार में या ETF इंडेक्स में गिरावट आए आप ETF में पैसे लगाएं. 

उदाहरण के लिए अगर महीने में 5 दिन ही शेयर बाजार में गिरावट आती है, तो आप इन 5 दिन में ही ईटीएफ में पैसे लगाएं. अगर आपको 50000 रुपये ईटीएफ में लगाना है, तो आप उसे 5 भागों में बांट दें, और जिस-जिस दिन इंडेक्स में गिरावट देखने को मिले, उस-उस दिन 10-10 हजार करके निवेश कर दें. 
 
इसके अलावा एक और खास फॉर्मूला है- 7, 14, 21, 28. आप महीने की ये 4 तारीख को नोट कर लें. अगर आपको ETF में हर महीने 20 हजार रुपये लगाना है तो आप 7 तारीख को 5 हजार, 14 तारीख को 5 हजार, 21 तारीख को 5 हजार और 28 तारीख को 5 हजार अपने पसंदीदा ETF में लगा दें, आपको औरों के मुकाबले बेहतर रिटर्न मिलेंगे. अगर 7, 14, 21, 28 तारीख को शनिवार या रविवार रहता है तो फिर एक दिन आगे पीछे कर सकते हैं. लेकिन इस फॉर्मूले में जब आप लगातार कई महीने तक ETF में पैसे लगाएंगे, तो जब-जब बाजार ऊपर जाएगा, आपका पोर्टफोलियो ज्यादा ग्रीन दिखेगा.   

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बता दें, रिटेल निवेशकों में धीरे-धीरे ETF लोकप्रिय हो रहा है. इसका कारण है कि इसका शानदार रिटर्न. कुछ ETF ने बीते एक साल में ही 100 फीसदी तक रिटर्न दिया है. ETF के जरिये इंडेक्स, कमोडिटी, बॉन्ड्स में निवेश किए जाते हैं. एम्फी के अनुसार ETF वे फंड हैं, जो CNX Nifty या BSE Sensex जैसे इंडेक्स को ट्रैक करते हैं. हर ईटीएफ के लिए फंड मैनेजर होते हैं, जिससे निवेशक को शेयरों की खरीदारी या बिकवाली नहीं करनी पड़ती है. 

आइए जानते हैं, म्यूचुअल फंड के मुकाबले ईटीएफ में निवेश करना क्यों फायदेमंद है. 

- जिस तरह से शेयर की खरीद-बिक्री करते हैं, ठीक उसी तरह से EFT की भी खरीद-बिक्री कर सकते हैं. 
- शेयर बाजार में ट्रेडिंग के दौरान ETF पर नजर रख सकते हैं. इसमें निवेश ज्यादा पारदर्शी होता है. 
- ईटीएफ को आसानी से बेचा जा सकता है, जिस तरह से शेयर को बेचते हैं. 
- ETF के जरिये अलग-अलग सेक्टर में निवेश किया जा सकता है.
- ईटीएफ से मिलने वाले डिविडेंड पर कोई आयकर नहीं लगता है. 
- म्यूचुअल फंड के मुकाबले  ईटीएफ में निवेश पर कम एक्सपेंस रेशियो लगता है. 
- ETF की निकासी पर निवेशकों को कोई एग्जिट लोड नहीं देना पड़ता है.

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