तो क्या Russia-Ukraine युद्ध रोकने के लिए लगा भारत पर 50% टैरिफ? व्हाइट हाउस से आया बड़ा बयान

Donald Trump द्वारा भारत पर टैरिफ को बढ़ाकर डबल करने को लेकर व्हाइट हाउस का बड़ा बयान आया है. प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने दावा किया है कि इसके पीछे मकसद Russia-Ukraine War को समाप्त करना है.

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कैरोलिन लेविट ने बताया भारत पर डबल टैरिफ करने के पीछे का मकसद (File Photo: Reuters) कैरोलिन लेविट ने बताया भारत पर डबल टैरिफ करने के पीछे का मकसद (File Photo: Reuters)

आजतक बिजनेस डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 20 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 11:06 PM IST

रूसी तेल (Russian Oil) की खरीद को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाया गया एक्स्ट्रा टैरिफ दरअसल, रूस और यूक्रेन के बीच बीते तीन साल से ज्यादा समय से जारी युद्ध (Russia-Ukraine War) को खत्म करने के लिए लगाया गया. ये हम नहीं कह रहे बल्कि ट्रंप के इस कदम पर हो रही आलोचनाओं के जवाब में अब व्हाइट हाउस (White House) की ओर से ये बड़ा दावा किया गया है. प्रेस सेक्रेटरी कैरोलिन लेविट ने इसकी पुष्टि करते हुए स्पष्ट किया है कि राष्ट्रपति ट्रंप इस युद्ध का समाप्त होते देखना चाहते हैं और इसलिए भारत पर प्रतिबंध लगाए गए हैं.    

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युद्ध रोकने को सोच-समझकर लिया फैसला
भारत पर अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ को 50% करने के रूस-यूक्रेन युद्ध कनेक्शन के बारे में बताते हुए व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट (Karoline Leavitt) ने कहा कि, 'जैसा कि आपने देखा है, राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर एक्स्ट्रा टैरिफ समेत अन्य कई कदम भी उठाए हैं और उन्होंने खुद ही ये स्पष्ट किया है कि वह इस युद्ध को समाप्त होते देखना चाहते हैं.' कैरोलिन ने आगे कहा कि Russia-Ukraine War को समाप्त करने में मदद के लिए ही भारत पर प्रतिबंध लगाए गए हैं. उन्होंने इस कदम को यूक्रेन पर हमले रोकने के लिए रूस पर दबाव डालने की एक सोची-समझी कोशिश बताया है.

रूस पर दबाव डालना इसका मकसद
कैरोलिन लेविट ने ये बड़ा दावा करते हुए कहा कि भारत पर अमेरिकी टैरिफ जो अब दोगुना होकर 50% हो गया है. ये टैरिफ रूसी कच्चे तेल (Russian Crude Oil) के प्रमुख खरीदार भारत के माध्यम से रूस पर दोहरा दबाव डालने के लिए एक जानबूझकर किया गया प्रयास था. उन्होंने कहा कि इस 50 फीसदी टैरिफ में 25% आयात कर में 25% अतिरिक्त शुल्क (रूसी तेल खरीद को लेकर) शामिल है. जो सीधे तौर पर मॉस्को के साथ भारतीय ऊर्जा संबंधों के जवाब में भारतीय वस्तुओं पर लगा है.

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ट्रंप की युद्ध समाप्त करने की कोशिश 
White House सचिव लेविट ने आगे कहा कि ट्रंप प्रशासन रूस और यूक्रेन, दोनों के साथ सीधी बातचीत की व्यवस्था करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है. उन्होंने Donald Trump के उस पुराने दावे का भी समर्थन किया कि अगर वह पद पर बने रहते, तो इस युद्ध की शुरुआत ही नहीं होती. लेविट के मुताबिक, ट्रंप अब इस युद्ध को जल्द से जल्द समाप्त करना चाहते हैं और उन्होंने उन्होंने इस युद्ध को समाप्त करने में अविश्वसनीय समय, ऊर्जा और प्रयास लगाया है. 

भारत-PAK संघर्ष का भी जिक्र
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार को व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव लेविट ने ये भी दावा किया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने बीते 22 अप्रैल 2025 को श्रीनगर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद भारत-पाकिस्तान संघर्ष (India-Pakistan Conflict) को समाप्त करने के लिए भी व्यापार को एक ताकत के रूप में इस्तेमाल किया था.

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए लेविट ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) शुरू होने और पड़ोसी देशों के बीच परमाणु संघर्ष का खतरा बढ़ने के बाद शांति स्थापित करने पर ट्रंप को बहुत गर्व है. हालांकि, यहां बता दें कि भारत ने सीजफायर में किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को बार-बार खारिज कर दिया है.

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