NSE Scam: अज्ञात 'योगी' को भारी पड़ी ये छोटी गलती, CBI ने धर दबोचा

NSE Scam: देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज के कामकाज से जुड़ी अनियमितताओं की जांच में कई तरह की नई जानकारियां सामने आई हैं. इसके मुताबिक आनंद सुब्रमण्यम ही अज्ञात 'योगी' बनकर चित्रा रामकृष्णा के फैसलों को प्रभावित कर रहा था.

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प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर

सिद्धार्थ ज़राबी

  • नई दिल्ली,
  • 28 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 12:28 PM IST
  • आनंद के आईडी पर मार्क किए गए थे कुछ ईमेल
  • आईपी एड्रेस से मिली अहम जानकारी

मार्केट रेगुलेटर SEBI ने इस महीने की शुरुआत में 190 पेज एक रिपोर्ट जारी कर बताया कि देश के सबसे स्टॉक एक्सचेंज NSE पर एक समय में किस तरह का फर्जीवाड़ा चल रहा था. इस रिपोर्ट में यह कहा गया था कि 2013 से 2016 के बीच एनएसई (NSE) की एमडी और सीईओ चित्रा रामकृष्णा (Chitra Ramakrishna) ने किस प्रकार एक अज्ञात 'योगी' के इशारे पर 20 साल तक कई बड़े पर्सनल और प्रोफेशनल फैसले किए.  

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आनंद ही था अज्ञात 'योगी!'

कंसल्टिंग फर्म अर्न्स्ट एंड यंग (EY) की निजी और गोपनीय फॉरेंसिंग जांच के चार पेज के एग्जीक्यूटिव समरी से इस बात के पुख्ता सबूत मिले हैं कि एक समय में भारत के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज की सबसे शक्तिशाली महिला रहीं चित्रा रामकृष्णा के फैसलों को प्रभावित करने वाला शख्स कोई और नहीं बल्कि NSE का पूर्व ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर (Anand Subramanian) ही था. 'Project Apostle' नामक इस जांच की रिपोर्ट से यह साफ हो जाता है कि आनंद ही अज्ञात 'योगी' था.

'हिमालयन योगी' एक वर्चुअल कैरेक्टर

जांच में ऐसी चीजें सामने आई हैं, जिससे लगता है कि आनंद ने डिजिटली 'हिमालयन योगी' ('Himalayan Yogi')  नामक एक शख्सियत तैयार किया. इसके बाद उसने रामकृष्णा को बड़े फैसले लेने में 'आध्यात्मिक रूप से मार्गदर्शन' किया. 

मौजूद हैं कई डिजिटल फुटप्रिंट

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इस ड्राफ्ट समरी रिपोर्ट के अनुसार, चित्रा और आनंद दोनों ने कई डिजिटल फुटप्रिंट छोड़ रखे हैं, जिससे आने वाले समय में इस मामले की पूरी तस्वीर साफ हो सकती है. इसी डिजिटल फुटप्रिंट की वजह से सीबीआई को सुब्रमण्यम तक पहुंचने और उसे गिरफ्तार करने में मदद मिली. 

आनंद के पर्सनल आईडी पर मार्क किए गए थे कुछ ईमेल

EY की रिपोर्ट के अनुसार rigyajursama@outlook.com द्वारा भेजे गई कई ईमेल को आनंद के पर्सनल ईमेल आईडी aanand_s@hotmail.com पर मार्क किया गया था. ईमेल के जरिए एनएसई के पांच साल के फाइनेंशियल प्रोजेक्शन, डिविडेंड पे-आउट रेशियो, बिजनेस प्लान, बोर्ड मीटिंग का एजेंडा और कर्मचारियों के अप्रेजल जैसे डेटा शेयर किए गए थे.

आईपी एड्रेस से मिली यह जानकारी

EY के जांचकर्ताओं ने जब सोर्स आईपी (इंटरनेट प्रोटोकॉल) को ट्रेस करने की कोशिश की तो उन्हें एक माइक्रोसॉफ्ट आउटलुक सर्वर से जुड़ी जानकारी मिली. इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्टोर कुछ और इंफॉर्मेशन से यह बात सामने आती है कि चित्रा के ऑफिशियल ईमेल आईडी और rigyajursama@outlook.com के बीच हुआ संवाद किसी और से नहीं बल्कि आनंद से ही हुआ था.     

रिपोर्ट में इस सिद्धांत को सपोर्ट करने वाले तथ्य भी शामिल हैं, जो यह कहते हैं कि आनंद के एनएसई के डेस्कटॉप प्रोफोइल पर जिस स्काइप प्रोफाइल का इस्तेमाल किया गया वह 'rigyajursama' वाले ईमेल आईडी से लिंक था.
जांचकर्ताओं ने आनंद को उनके चेन्नई स्थित आवास पर असाइन किए गए डेस्कटॉप का भी रिव्यू किया है. इस डेस्कटॉप के रिव्यू में यह बात सामने आई है कि "sanand" नामक विंडोज यूजर प्रोफाइल पर दो स्काइप अकाउंट Configure किए गए थे.

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"sanand" नामक विंडोज प्रोफाइल पर 'anand subramaniang' और 'sironmani.10' यूजर नेम के साथ दो स्काइप अकाउंट लिंक किए गए थे. 

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