सिर्फ रूसी तेल ही नहीं... ये भी कारण, ट्रंप इसलिए भारत पर लगा रहे इतना टैरिफ!

डोनाल्‍ड टंप (Donald Trump) ने भारत के खिलाफ सख्‍त रुख अपनाते हुए अब यह तक कह दिया है कि जबतक टैरिफ को लेकर मसला नहीं सुलझ जाता है, तबतक कोई बातचीत नहीं होगी.

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भारत पर ट्रंप क्‍यों बढ़ा रहे इतना टैरिफ. (Photo: AP) भारत पर ट्रंप क्‍यों बढ़ा रहे इतना टैरिफ. (Photo: AP)

आजतक बिजनेस डेस्क

  • नई दिल्‍ली,
  • 08 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 9:51 AM IST

भारत पर टैरिफ लगाने का सिर्फ एक ही कारण नहीं दिखाई दे रहा है, बल्कि इसके पीछे कई कारण हैं. डोनाल्‍ड ट्रंप (Donald Trump) ने भारत पर 25% टैरिफ लगा दिया है, जो 7 अगस्‍त से प्रभावी है. वहीं इस टैरिफ (Tariff on India) को बढ़ाकर 50 फीसदी करने की चेतावनी दे चुके हैं और यह भी कहा है कि यह 27 अगस्‍त तक भारत पर लागू कर दिया जाएगा, जिसके पीछे की वजह भारत द्वारा रूसी तेल खरीदना बताया जा रहा है. 

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डोनाल्‍ड टंप (Donald Trump) ने भारत के खिलाफ सख्‍त रुख अपनाते हुए अब यह तक कह दिया है कि जबतक टैरिफ को लेकर मसला नहीं सुलझ जाता है, तबतक कोई बातचीत नहीं होगी. अमेरिका का यह बयान ऐसे वक्‍त में आया है, जब अमेरिकी टीम व्‍यापार वार्ता के लिए भारत (India-US Trade Talk) आने वाली है. ऐसे में साफ नजर आ रहा है कि अमेरिका हर तरह से भारत पर दबाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है, ताकि भारत दबाव में आकर US की शर्तों पर समझौता कर ले. 

भारत से क्‍या चाहते हैं ट्रंप? 
रूस का तेल तो ठीक है, लेकिन ट्रंप यह भी चाहते हैं कि भारत अमेरिकी कृषि उत्‍पाद और डेयरी प्रोडक्‍ट्स पर टैरिफ कम करे, ताकि भारत जैसे बड़े मार्केट में अमेरिका के इन प्रोडक्‍ट्स को एंट्री मिल सके. लेकिन भारत इन सेक्‍टर्स को ज्‍यादा प्राथमिकता देता है. एक्‍सपर्ट्स का कहना है कि अगर भारत इन सेक्‍टर्स को अमेरिका के लिए खोलता है तो किसानों की आय पर असर होगा, जिसे लेकर भारत समझौता नहीं करना चाहेगा. 

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वहीं अमेरिका एग्री, डेयरी प्रोडक्‍ट्स के लिए Tariff 100 फीसदी कम करने की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा, अमेरिका यह भी चाहता है कि भारत रूसी तेल इम्‍पोर्ट को कम करे और अमेरिका से ज्‍यादा तेल का आयात करे. जबकि भारत को अमेरिका की तुलना में सस्‍ता तेल रूस से मिल रहा है. 

डॉलर को लेकर क्‍यों परेशान हैं ट्रंप?
अमेरिकी डॉलर दुनियाभर में इस्‍तेमाल की जाने वाली करेंसी है. बीते आठ दशक यानी 1944 से ही US Dollar का इस्‍तेमाल सभी देश व्‍यापार के लिए कर रहे हैं. दुनियाभर के सेंट्रल बैंक डॉलर का रिजर्व रखते हैं. रिपोर्ट्स की मानें तो करीब 90 फीसदी विदेशी मुद्रा लेनदेन डॉलर में ही होती है. लेकिन ब्रिक्‍स देशों ने इसपर निर्भरता कम करने के लिए कदम उठाये, जिसे लेकर ट्रंप बौखलाए हुए हैं. 

ट्रंप इसलिए भी ब्रिक्‍स देशों से डरे हुए हैं, क्‍योंकि इस संगठन के देश मिलकर वर्ल्‍ड इकोनॉमी में 35 फीसदी का योगदान देते हैं. ऐसे में अगर इन देशों ने अमेरिका और डॉलर का विरोध किया तो अमेरिका के सुपरपॉवर बने रहने का पोजिशन छिन सकता है. साथ ही डॉलर वर्ल्‍ड करेंसी से हट सकता है. 

रूस से कितना तेल मंगाता है भारत? 
साल 2022 से भारत ने रूसी तेल का आयात बढ़ाया है. भारत अभी रूस से हर दिन 1.7 से 2.2 मिलियन बैरल तक का रूसी तेल आयात करता है. भारत रूसी तेल का करीब 37 फीसदी हिस्‍सा आयात कर रहा है. वहीं सबसे ज्‍यादा चीन रूसी तेल खरीद रहा है. साल 2024 में भारत ने रूस से 4.1 लाख करोड़ रुपये का कच्‍चा तेल आयात किया है. 

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