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ड्रोन पर किसानों को सब्सिडी के साथ-साथ बेरोजगारों को भी रोजगार, सरकार का ये है प्लान

खेती-किसानी में टेक्नोलॉजी के आने बाद किसानों का काम आसान हो गया है. सरकार अब किसानों को ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. इसी कड़ी में किसानों ड्रोन पर सब्सिडी के साथ-साथ बेरोजगारों को इसे उड़ाने की ट्रेनिंग देकर उन्हें रोजगार दिया जा रहा है.

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Drone pilot training program
Drone pilot training program

हरियाणा सरकार ने ड्रोन टेक्नोलॉजी के जरिए युवाओं को रोजगार देने का फैसला किया है. युवाओं को प्रदेश सरकार द्वारा ड्रोन उड़ाने का बकायदे प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके लिए कृषि विभाग ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है. कृषि विभाग प्रगतिशील युवाओं को बिना कोई शुल्क लिये ड्रोन पायलट बनने का प्रशिक्षण देगा. इसके लिए किसानों और बेरोजगार युवाओं से 13 जून तक विभागीय  पोर्टल www.agriharyana.gov.in आनॅलाईन आवेदन आमत्रिंत किए गए है.

ट्रेनिंग के लिए युवाओं का 10वीं पास होना जरूरी

ड्रोन टेक्नोलॉजी उड़ाने की ट्रेनिंग लेने के लिए युवाओं को 10वीं पास होना जरूरी है. इसके अलावा आवेदन की अधिकतम आयु 40 वर्ष रखी गई है. अधिकारियों की माने तो सभी को एक सप्ताह की ट्रेनिंग दी जाएगी. इसमें किताबी ज्ञान और प्रैक्टिकल भी शामिल होगा. करनाल में कृषि उप निदेशक आदित्य प्रताप डाबस ने इसकी जानकारी दी.

सरकार ड्रोन टेक्नोलॉजी के उपयोग पर दे रही है जोर

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डॉ. आदित्य प्रताप डबास के मुताबिक किसानी की टेक्नोलॉजी में परिवर्तन ने किसानों का काम आसान कर दिया है. सरकार अब किसानों को खेती में ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग करने पर जोर दे रही है. ड्रोन से यूरिया और दवाई का छिड़काव करने से स्प्रे से मनुष्य पर पड़ने वाले बुरे प्रभाव से भी बचा जा सकता है. इसके अलावा छिड़काव के वक्त होने वाले पानी के इस्तेमाल में भी कमी आती है.

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कम वक्त में दवाओं और कीटनाशकों का छिड़काव

परंपरागत तरीके से एक एकड़ में दवा और यूरिया का छिड़काव करने में एक घंटे से ज्यादा का समय लगता है, जबकि इस तकनीक से 6 से 8 मिनट में छिड़काव किया जा सकता है. इसके अलावा ऊंचाई वाली फसलों पर भी आसानी से दवा का छिड़काव किया जा सकता है. बता दें कि सरकार ड्रोन खरीदने पर किसानों को 40 से 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी भी दे रही है.

इस तकनीक का इंसानों पर नहीं होगा कोई दुष्प्रभाव 

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डॉ. आदित्य प्रताप डबास बताते है कि इस तकनीक के द्वारा इंसान पर दवा का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता. इसके अलावा फसलों पर एक समान छिड़काव होता है. इस तकनीक को भविष्य के लिए काफी आशाजनक बताया गया और किसानों से इस तकनीक को अपनाने की बात कही. बशर्ते सरकार ड्रोन पर अच्छी सब्सिडी मुहैया करवाए. कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डॉ. आदित्य प्रताप डबास बताते है कि ड्रोन स्प्रे  तकनीक सब्जी, गेहूं और धान सहित सभी तरह की फसलों में कारगर है. यह आने वाले समय में खेतीबाड़ी का स्वरूप बदल देगी.

(करनाल से कमलदीप की रिपोर्ट)


 

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