मछलियों का पालन मैदानी और समुद्री इलाकों में बड़े स्तर पर होता है. पहाड़ी इलाकों में काफी कम लोग इस व्यवसाय में दिलचस्पी दिखाते हैं. इन इलाकों में मछली पालन के लिए बेहतर परिस्थितियां न होना भी एक मुख्य वजह है. पहाड़ी क्षेत्रों में बड़े स्तर पर मछलियों का पालन किया जा सके, इसके लिए एक विकल्प भी उभर कर सामने आया है. पहाड़ों पर ट्राउट मछलियों का पालन कर किसान बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं.
वाटर टैंक में पाली जा सकती है ये मछलियां
ट्राउट मछली बाजार में तकरीबन 1000 से 1500 रुपये किलो में बिकती है. ये मछली ठंडे जलवायु में भी पाली जा सकती है. अगर आप उत्तराखंड जैसे इलाकों में ट्राउट मछली पालन करना चाहते हैं, तो सबसे पहले वाटर टैंक बनवाएं. टैंक बनवाने के लिए किसानों को सब्सिडी भी दी जाती है.
इस तरह पाली जा सकती हैं ये मछलियां
एक टैंक में 3000 ट्राउट मछलियों के बीज डालने पर आधे टन से अधिक मछलियां प्राप्त की जा सकती है. इन्हें बड़ा होने में 4 महीने का समय लग जाता है. अगर टैंक बनाने के लिए आपके पास पैसे कम हैं, तो आप तलाई तकनीक का भी सहारा ले सकते हैं. किसानों के मुताबिक खेत के ही किसी एक भाग को बरसात के मौसम से पहले तलाई में बदला जा सकता है. तलाई बनाने के लिए वर्गाकार या आयताकार आकार में गड्ढे का निर्माण करना है. इस आकार में बारिश का पानी जमा हो जाता है और फिर इसमें मछलियों को आसानी से पाला जा सकता है.इन मछलियों का स्वास्थ्य ध्यान रखें. अगर कोई मछली बीमार पाई जाती है, तो उन्हें तुरंत अलग कर दें. ऐसा नहीं करने पर अन्य मछलियां भी बीमार पड़ सकती हैं.
सेहत के लिए भी ट्राउट मछली फायदेमंद
सेहत के लिए ट्राउट मछलियों का सेवन काफी फायदेमंद माना जाता है. दिल के मरीजों और कैंसर जैसी बीमारियों के खिलाफ इस मछली का सेवन काफी फायदेमंद माना जाता है. जिन लोगों में खून की कमी है, उन्हें भी ट्राउट मछली खाने की सलाह दी जाती है.इसमें फैटी एसिड नामक तत्व होता है, जो हमारे शरीर के लिए बहुत लाभकारी है.