राजस्थान में ऊंट पालन से बड़ी संख्या में ग्रामीण अपना जीवनयापन कर रहे हैं. किसान और पशुपालक आर्थिक तौर पर मजबूत हो सके, इसके लिए उन्हें आर्थिक मदद भी दी जा रही है. राज्य में ऊंटों की घटती संख्या को गंभीरता से लेते हुए "उष्ट्र संरक्षण योजना के तहत टोडियों (ऊंट के बच्चे) के जन्म के अवसर पर 5000-5000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दो किश्तों में पशुपालकों को देने का फैसला किया है.
पंजीयन और टैगिंग
पशुपालन विभाग के शासन सचिव कृष्ण कुणाल ने उष्ट्र संरक्षण योजना एवं वेब एप्लीकेशन की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि इस एप्लीकेशन में ऊंट पालक का पंजीयन, पशु चिकित्सक द्वारा ऊंटनी व टोडियो की टैगिंग तथा जिला स्तरीय वित्तीय स्वीकृति का प्रावधान किया गया है.
1 नवंबर के बाद जन्मे टोडियों का किया जा सकता है पंजीयन
उन्होंने बताया कि ऊंट पालक 1 नवंबर या उसके बाद जन्मे टोडियों का योजना के अंतर्गत 28 फरवरी तक पंजीयन करवा सकते हैं. 2 माह तक के टोडिये के ऊंट पालक योजना के अंतर्गत आवेदन कर सकेंगे. यह पंजीयन ऑनलाइन एप्लीकेशन के माध्यम से किया जा सकेगा व किसी भी प्रकार की असुविधा होने पर ऊंट पालक नजदीकी ई मित्र व पशु चिकित्सा केंद्र के अधिकारियों से मदद ले सकते है.
यहां करना होगा आवेदन
10 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि को इच्छुक ऊंट पालक वेबसाइट www.pashuaushadh.com/iomms पर निर्धारित आवेदन फॉर्म भर सकते हैं. पशुपालन विभाग के सत्यापन के बाद पशुपालक के खाते में दो किस्तों में ये राशि भेज दी जाएगी.