Sunflower Cultivation: देश में फूलों की खेती की एक अलग ही अहमियत है. त्योहारों से लेकर शुभ अवसरों तक पर इसकी महत्वता बढ़ जाती है. हालांकि कुछ फूल ऐसे भी है जिनसे तरह-तरह के प्रोडक्ट भी बनाए जाते हैं. इनकी खेती कर किसान बढ़िया मुनाफा भी कमा सकता है. सूरजमुखी भी इन्हीं फूलों में से एक है.
तीनों मौसम में की जाती है इसकी खेती
सूरजमुखी सदाबहार है, जिसकी खेती रबी, खरीफ और जायद तीनों सीजनों में की जाती है. इसके बीज से तेल भी बनाया जाता है. इनका इस्तेमाल सुगंधित प्रोडक्ट्स को बनाने में इस्तेमाल किया जाता है.
90 से 100 दिनों में फसल तैयार हो जाती है
यह फसल 90 से 100 दिनों के बीच पककर तैयार हो जाती है. इसके बीजों में 40 से 50 फीसदी तेल पाया जाता है. बलुई और हल्की दोमट मिट्टी इसकी खेती के लिए सबसे ज्यादा उपयुक्त मानी जाती है. बता दें कि सूरमुखी के पौधे मधुमक्खियों के परागण की वजह से बेहद तेजी से विकास करते हैं. इसके लिए किसानों फसल के आसापास मधुमक्खी पालन की भी सलाह दी जाती है. ऐसा करने से किसान शहद उत्पादन के जरिए अतिरिक्त आमदनी भी हासिल कर सकते हैं.
उन्नत बीजों का करें चयन
इसके बाद बुवाई के लिये सूरजमुखी की हाइब्रिड और उन्नत किस्मों का ही चुनाव करें. अच्छी पैदावार के लिये खेत में गोबर की सड़ी खाद या वर्मी कंपोस्ट डालने की सलाह दी जाती है. जानवरों से फसल की सुरक्षा के लिये किसानों के लिए मेड़बंदी बेहद जरूरी है.
कब काटी जाती है सूरजमुखी की फसल
जाहिर है कि सूरजमुखी की खेती तेल के उद्देश्य से की जाती है. कई कंपनियां इसके ब्यूटी प्रॉडक्ट्स भी बनाती है. खाद्य तेल और औषधीयय तेल के तौर पर भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. बता दें कि सूरजमुखी की फसल तब काटी जाती है जब सभी पत्ते सूख जाते हैं और सूरजमुखी के सिर का पिछला भाग नींबू पीला हो जाता है. देर करने पर दीमक का हमला हो सकता है.
तीन गुना तक मुनाफा
एक हेक्टेयर में सूरजमूखी की बुवाई में तकरीबन 25-30 हजार रुपये का खर्च आता है. इस एक हेक्टेयर में करीब 25 कुंतल फूल निकलते हैं. बाजार में इन फूलों की कीमत 4000 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास रहती है. इस हिसाब से आप 25-30 हजार रुपये लगाकर एक लाख रुपये से ज्यादा मुनाफा आराम से निकाला जा सकता है.