कर्टुला यानी ककोड़ा पहाड़ों पर उगने वाली सब्जी की कई राज्यों में भारी मांग है. बाजार में इसकी कीमत फिलहाल 15 हजार रुपये प्रति क्विंटल है. महाराष्ट्र के भोकर तहसील के हल्दा गांव के एक किसान आनंद बोइनवाड इसकी खेती से बढ़िया मुनाफा कमा रहे हैं. कर्टुला एक जंगली सब्जी है. यह पत्थर के रूप में दिखती है. कई तरह की बीमारियों के खिलाफ भी ये फायदेमंद है.
3 एकड़ में कर्टुला की खेती से 9 लाख तक का मुनाफा
महाराष्ट्र के भोकर तहसील के रहने वाले आनंद बोइनवाड ने 3 एकड़ में इसकी खेती की है. वह बताते हैं कि जुलाई महीने में इसकी फसल लगाई जाती है. यह सिर्फ तीन महीने की फसल है. महाराष्ट्र से भी ज्यादा कर्टुला तो तेलंगाना, हैदराबाद में है. लोग इस सब्जी को 150 से 200 रुपये प्रति किलो के हिसाब से ले जाते हैं. नांदेड़ के बाज़ार में कर्टुला प्रति किलो 200 से 300 सौ रुपये में बिक रही है. 3 एकड़ में इस सब्जी की पैदावार 60 से 70 क्विंटल तक हो जाती है. इसकी बिक्री प्रति क्विंटल 15 हजार रुपये में होती है. ऐसे में तीन एकड़ से उन्हें 9 लाख रुपये तक मुनाफा हो जाता है.
एक बार लगाया दोबारा अपने आप खुद आ जाती है इसकी फसल
कर्टुला की खेती के लिए जैविक खाद का इस्तेमाल बहुत जरूरी है. इसके अलावा दोबारा इसकी फसल लगाने के लिए रुपये खर्च नहीं करने होते. इस फल के साथ अच्छी बात ये है कि एक बार इसकी खेती करने के बाद यह खेत में खुद ही उगने लगती है. बार-बार इसकी बुआई नहीं करनी पड़ती.
स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद
ककोड़ा की सब्जी में मांस से भी 50 गुना ज्यादा ताकत और प्रोटीन होता है. इसमें मौजूद फाइटोकेमिकल्स स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है. एंटीऑक्सीडेंट भी इसमे प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होते हैं. ककोड़ा आम तौर पर मॉनसून के मौसम में बाजार में आता है. इसकी खेती मुख्य रूप से भारत के पहाड़ी इलाकों में की जाती है. इसके सेवन से सिरदर्द,बाल,झड़ना, कान दर्द, खांसी, पेट में इंफेक्शन की समस्या नहीं होती है. इसे खाने से डायबिटीज में भी बहुत फायदा होता है. इससे ब्लड शुगर लेवल नियंत्रण में रहता है.
(कुवरचंद मंडले की रिपोर्ट)