खेती-किसानी में नई-नई तकनीकें आने लगी हैं. इन तकनीकों का उपयोग कर किसान बढ़िया मुनाफा भी कमा रहे हैं. इंटर क्रॉपिंग फॉर्मिंग भी इन्हीं तकनीकों में से एक है. हरियाणा के गुरुग्राम के रहने वाले प्रगतिशील किसान चरण सिंह इंटर क्रॉपिंग फॉर्मिंग को अपनाकर बढ़िया मुनाफा कमा रहे हैं.
सुनिए किसान की सफलता की कहानी उसी की जुबानी
चरण सिंह अदरक प्याज, टमाटर, हरा धनिया, लहसुन समेत कई अन्य फलों और सब्जियों की खेती से अच्छा-खासा पैसा बना रहे हैं. चरण सिंह कहते हैं कि पहले आर्थिक रूप से वह कमजोर थे. खेती की इंटर क्रॉपिंग तकनीक अपनाने से अब उनकी आर्थिक स्थिति भी सही हो गई. इसी खेती के सहारे ही उनके बच्चे भी अच्छे स्कूलों में पढ़ने लगे हैं. इसके अलावा घर के अन्य सदस्यों का खर्च भी इसी खेती के सहारे चल रहा है.
आज हरियाणा के किसान आधुनिक इंटरक्रॉपिंग तकनीक अपनाकर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।
— MyGovHaryana (@mygovharyana) April 5, 2023
ऐसी ही उन्नत खेती का एक उदाहरण गुरुग्राम जिले के प्रगतिशील किसान चरण सिंह ने भी पेश किया।
लीजिये! सुनिये चरण सिंह की सफलता की कहानी उन्हीं की जुबानी। pic.twitter.com/JlyuVf8fzg
क्या है इंटर क्रॉपिंग फॉर्मिंग?
इंटर क्रॉपिंग फॉर्मिंग का सबसे बड़ा फायदा यह है कि किसानों को अपने लाभ और मुनाफे के लिए किसी सीज़न का इंतज़ार नहीं करना पड़ता है. इस तकनीक की खेती से वह साल भर बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं. इंटर क्रॉपिंग फार्मिंग में किसान एक ही खेत में एक से अधिक फसलें लगा सकते हैं. मुख्य फसल की एक कतार के बाद अंतरफसल की तीन कतारें लगाकर किसान बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं.
खेत की मिट्टी की उर्वरता बनी रहेगी
इंटरक्रॉपिंग, एकल फसल की तुलना में अधिक लाभ देती है. साथ ही ये खेत की मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने में भी मदद करती है. दरअसल, पोषक तत्वों का अवशोषण मिट्टी की दोनों परतों से होता है. ऐसे में इंटरक्रॉपिंग तकनीक मृदा अपवाह में कमी और खरपतवारों को नियंत्रित करता है. नकदी फसलों के साथ अंतरफसल करना अधिक लाभदायक है.