राजस्थान के बाड़मेर में अचानक आई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के चलते ईसबगोल, जीरा, रायडा, तारामीरा जैसी फसलें बर्बाद हो गईं. इसका असर दर्जन भर से ज्यादा किसानों पर हुआ है. ये किसान अब अपनी मांगों के साथ झुलसी हुई फसलों को लेकर जिला मुख्यालय पहुंचे. इस दौरान किसानों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर खराब हुई फसलों की गिरदावरी करवाने और उसपर मुआवजा दिलाने की मांग की.
बेरंग हुई बाड़मेर के किसानों की होली
किसानों का कहना है कि सरकारी समितियों और बैंकों से लोन लेकर ईसबगोल, जीरे समेत अन्य फसलों की बुवाई की थी. चार महीने के दौरान फसलों पर खूब मेहनत की थी. बारिश और ओलावृष्टि के फसलें पूरी तरह से नष्ट हो गईं. कहीं 80 फीसदी तो कहीं 90 फीसदी तक फसल बर्बाद हुई. इन किसानों की होली बेरंग होती नजर आ रही है.
लोन चुकाने को लेकर किसान चिंतित
किसी किसान ने ईसबगोल और जीरे की फसल के लिए 7 लाख तो किसी ने 5 का कर्ज ले रखा था. उम्मीद थी कि खर्चे से तीन गुना अधिक मुनाफा होगा तो आमदनी अच्छी होगी. बाड़मेर में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने इस कदर तबाही मचाई कि किसानों की उम्मीदें धरी की धरी रह गई. अब किसान इस बात से चिंतित हैं कि वे बैंकों से लिए गए लोन को कैसे चुकाएंगे और होली कैसे मनाएंगे.
किसानों के अरमानों पर फिरा पानी
बाड़मेर जिला मुख्यालय के आसपास के गांवों समेत चौहटन, बायतु, गुड़ामालानी, सेड़वा, धोरीमन्ना में बारिश और ओलावृष्टि से दर्जनों गांवों में किसानों की फसलें चौपट हो गई. होली पर्व के ठीक बाद फसलों की कटाई होनी थी. किसान अच्छी आमदनी की आस लगाए बैठे थे. लेकिन बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया.