अमेरिका की ट्रंप सरकार ने प्रवासी कामगारों को लेकर नियम रातोरात बदल दिए हैं. इससे अमेरिका में रह रहे और काम कर रहे प्रवासी कामगारों पर सीधा-सीधा असर पड़ेगा.
अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट ने एक आदेश जारी किया. इस आदेश के तहत अब ऐसे प्रवासियों को ऑटोमैटिक रूप से काम करने की अनुमति नहीं मिलेगी. यानी विदेशी कामगारों का रोजगार कार्ड का ऑटोमैटिक एक्सटेंशन नहीं होगा.
इससे सबसे अधिक दिक्कत H-1B वीजाधारक पति-पत्नी, अमेरिका में पढ़ाई के बाद काम करने वाले छात्र और शरण मांगने वालों को होगी. नए नियम के तहत अब हर बार नया कार्ड बनवाने से पहले सुरक्षा जांच होगी.
भारतीयों पर पड़ेगा सबसे ज्यादा असर?
कहा जा रहा है कि इसका सबसे ज्यादा असर भारतीयों पर पड़ेगा क्योंकि 71 फीसदी H-1B वीजाधारक भारतीय हैं. अमेरिका में सबसे ज्यादा विदेशी छात्र भी भारत से ताल्लुक रखते हैं.
H-4 वीजा पर आने वाले ज्यादातर लोग H-1B कर्मचारियों के पति या पत्नी होते हैं. वे घर की आर्थिक मदद करते हैं. अब उनकी नौकरी भी खतरे में है. लोगों को सलाह दी गई है कि कार्ड खत्म होने से 180 दिन पहले नया आवेदन दे दें. जितनी देर करेंगे, उतना काम रुकेगा.
दरअसल पहले पहले ऐसा होता था कि अगर नया आवेदन समय पर दे दिया जाए तो पुराना कार्ड खत्म होने के बाद भी चलता रहता था, लेकिन अब यह सुविधा बंद हो गई.
इसे लेकर अमेरिकी सरकार का कहना है कि अमेरिका में काम करना कोई हक नहीं बल्कि सुविधा है. इस बदलाव से भारतीय कामगारों पर सबसे अधिक असर पड़ेगा, क्योंकि H-1B वीजा धारकों और अंतरराष्ट्रीय छात्रों में सबसे बड़ा हिस्सा भारतीयों का ही है.