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अमेरिका ने रातोरात बदल दिया ये वर्क परमिट नियम, संकट में भारतीयों की नौकरियां, प्रवासियों में नाराजगी

अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (DHS) ने अचानक फैसला लेते हुए कुछ प्रवासी समूहों के लिए वर्क परमिट (EAD) के ऑटोमैटिक रिन्यूअल को खत्म कर दिया है, जिससे हजारों प्रवासी चिंतित हैं. अब EAD रिन्यूअल पेंडिंग रहते हुए भी काम जारी रखने की अनुमति नहीं होगी और हर बार नई जांच होगी.

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नए नियम का सबसे बड़ा असर भारतीय H-1B वीजा धारकों के जीवनसाथियों और OPT पर काम कर रहे छात्रों पर पड़ेगा. (File Photo: ITG)
नए नियम का सबसे बड़ा असर भारतीय H-1B वीजा धारकों के जीवनसाथियों और OPT पर काम कर रहे छात्रों पर पड़ेगा. (File Photo: ITG)

अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (DHS) ने अचानक कुछ प्रवासी समूहों के लिए रोजगार प्राधिकार दस्तावेज (EAD) के ऑटोमैटिक रिन्यूअल की सुविधा खत्म कर दी है. इस फैसले ने प्रवासी समुदायों, कानूनी विशेषज्ञों और प्रवासी अधिकार समूहों के बीच चिंता बढ़ा दी है. 

विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम से अमेरिकी वर्कफोर्स प्रभावित हो सकती है और कई प्रवासियों की नौकरी खतरे में पड़ सकती है, क्योंकि EAD रिन्यूअल में पहले से ही लंबा समय लगता है. नया नियम गुरुवार (30 अक्टूबर, अमेरिकी समय) से लागू हो गया है, जिसके तहत अब जिन लोगों की EAD रिन्यूअल फाइल पेडिंग होगी, वे काम जारी नहीं रख पाएंगे.

भारत पर सबसे ज्यादा असर

यह बदलाव भारतीय कर्मचारियों पर सबसे ज्यादा असर डालने वाला है, क्योंकि H-1B वीजा धारकों और OPT प्रोग्राम के तहत पढ़ाई के बाद काम कर रहे भारतीय छात्रों की संख्या सबसे अधिक है. खास तौर पर H-1B वीजा धारकों के जीवनसाथी EAD पर काम करते हैं, जिन्हें इस कदम से सबसे बड़ा झटका लगेगा. लंबित मामलों वाले शरणार्थी भी इस फैसले से प्रभावित होंगे. हालांकि ग्रीन कार्ड धारकों, H-1B वीजा के मुख्य आवेदकों, L-1 वीजा धारकों और O-1 श्रेणी के लोगों पर इसका असर नहीं होगा, क्योंकि उन्हें EAD की जरूरत नहीं पड़ती.

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अब हर बार नई जांच होगी

नए नियम के तहत 30 अक्टूबर के बाद EAD रिन्यूअल के लिए आवेदन करने वाले लोगों को ऑटोमैटिक एक्सटेंशन नहीं मिलेगा. हर बार नए सिरे से जांच होगी. DHS का कहना है कि यह कदम सुरक्षा बढ़ाने और संभावित खतरनाक व्यक्तियों की पहचान करने के लिए उठाया गया है.

अचानक नियम बदलने की हो रही आलोचना

इमिग्रेशन विशेषज्ञों और कानूनी संगठनों ने इस फैसले की आलोचना की है. उनका कहना है कि बिना किसी पूर्व सूचना के अचानक नियम बदलने से हजारों कुशल प्रवासी और उनके नियोक्ता संकट में पड़ गए हैं. कैटो इंस्टीट्यूट के इमिग्रेशन विशेषज्ञ डेविड बीयर ने इस फैसले को सरकार की 'निष्क्रियता' बताते हुए कहा कि यह कदम लोगों को अचानक बिना नौकरी के छोड़ देगा. दक्षिण कैरोलिना की एक इमिग्रेशन फर्म ने लिखा कि यह नियम अमेरिकी कंपनियों और कर्मचारियों को नुकसान पहुंचाएगा, क्योंकि मौजूदा कर्मचारी काम नहीं कर पाएंगे.

नौकरी जाने का खतरा

इमिग्रेशन वकील कृपा उपाध्याय के अनुसार EAD रिन्यूअल में 7-10 महीने का समय लगता है और इस बीच कर्मचारियों को नौकरी खोनी पड़ सकती है, क्योंकि USCIS EAD के लिए प्रीमियम प्रोसेसिंग की सुविधा नहीं देता.

DHS का क्या तर्क है?

DHS ने कहा कि इस नियम से प्रवासी कर्मचारियों की अधिक जांच सुनिश्चित होगी. एजेंसी ने कहा कि अमेरिका में काम करना 'अधिकार नहीं बल्कि एक विशेषाधिकार' है और इस नए नियम से धोखाधड़ी रोकने और सुरक्षा बढ़ाने में मदद मिलेगी.

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