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ब्रिटेन में हिंसा के बीच सड़कों पर नस्लवाद के विरोध में उतरे हजारों लोग, मुस्लिम काउंसिल ने की ये अपील

उत्तर-पश्चिम इंग्लैंड में तीन लड़कियों की हत्या के बाद, इमिग्रेशन विरोधी प्रदर्शनकारियों और इसका काउंटर करने वाले प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों के बाद ब्रिटेन में हिंसा हो रही है. देशभर में अशांति है, पत्थरबाजी और आगजनी आम हो गई है.

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नस्लवाद के विरोध और अप्रवासियों के बचाव में उतरे हजारों लोग.
नस्लवाद के विरोध और अप्रवासियों के बचाव में उतरे हजारों लोग.

ब्रिटेन में पिछले कई दिनों से हिंसा हो रही है. अप्राविसयों को निशाना बनाया जा रहा है. इसी बीच अप्रवासियों और जातीय अल्पसंख्यकों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए बुधवार को नस्लवाद के विरोध में हजारों लोग इंग्लैंड की सड़कों पर उतर आए. वहीं, अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि दंगे में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा और कड़ी सजा दी जाएगी. 

उधर, ब्रिटेन की मुस्लिम काउंसिल ने देश के मुस्लिम समुदाय से 'नफरत और हिंसा' के इस वक्त में सुरक्षित और एकजुट रहने की अपील की है. ब्रिटेन में फैली इस हिंसा पिछले 13 साल में सबसे बड़ा दंगा बताया जा रहा है. 

ब्रिटेन में क्यों हो रही हिंसा? 

उत्तर-पश्चिम इंग्लैंड में तीन लड़कियों की हत्या के बाद, इमिग्रेशन विरोधी प्रदर्शनकारियों और इसका काउंटर करने वाले प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों के बाद ब्रिटेन में हिंसा हो रही है. देशभर में अशांति है, पत्थरबाजी और आगजनी आम हो गई है. ब्रिटिश पुलिस की तरफ से चेतावनी भी दी गई है कि आने वाले समय में और भी हिंसा होने की संभावना है. मीडिया से बातचीत में पीएम स्टारमर ने कहा कि गिरफ्तारियां होंगी, आरोप लगाए जाएंगे और दोषसिद्धि होगी, "चाहे इसके पीछे कोई भी कारण हो." प्रधानमंत्री ने विरोध प्रदर्शन में शामिल लोगों को चेतावनी देते हुए कहा, "इसमें शामिल होने वालों आपको पछतावा होगा."

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यह भी पढ़ें: दंगे की चपेट में आकर झुलस रहे ब्रिटेन के कई शहर, 3 बच्चियों की हत्या के बाद अप्रवासियों के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन

हिंसा को काबू करने के लिए पुलिस को खुली छूट 

देशभर में बढ़ती हिंसा के बीच शनिवार को पीएम स्टारमर ने एक हाई लेवल मीटिंग भी बुलाई थी. इस दौरान उन्होंने अपनी पुलिस को पूरा समर्थन दिया था और हिंसा को काबू करने के लिए जो भी जरूरत हो, करने का निर्देश दिया था. अब तक पुलिस ने सैकड़ों की संख्या में लोगों को गिरफ्तार किया है. सोशल मीडिया पर हिंसा से जुड़े कई वीडियो वायरल हो रहे हैं.

अफवाह से भड़क गए उपद्रवी 

बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारी सोशल मीडिया पर फैलाई गई इस अफवाह से भड़के हुए थे कि सोमवार को चाकूबाजी की घटना में शामिल आरोपी इस्लाम से जुड़ा था. हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि 17 साल का संदिग्ध चाकूबाज, जिसे हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, उसका इस्लाम से कोई संबंध नहीं है. लेकिन इसके बावजूद अप्रवासी विरोधी और मुस्लिम विरोधी प्रदर्शनकारी रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं और लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. 

हिंसक प्रदर्शनों के दौरान आगजनी और लूटपाट भी जमकर हो रही है. आरोपी रुदाकुबाना पर 9 वर्षीय एलिस डेसिल्वा अगुइर, 7 वर्षीय एल्सी डॉट स्टैनकॉम्ब और 6 वर्षीय बेबे किंग की हत्या के लिए हत्या का आरोप है. इसके अलावा उस पर हत्या के प्रयास के 10 मामले भी दर्ज हैं. लिवरपूल पुलिस ने शनिवार को बताया कि शहर के केंद्र में पैदा हुई "गंभीर अव्यवस्था" को संभालने के दौरान कई अधिकारी घायल हुए हैं. 

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