उम्मीदें लगाई जा रही है कि यूक्रेन-रूस के बीच जारी संघर्ष जल्द ही खत्म हो जाएगा, क्योंकि यूक्रेन ने रूस के साथ युद्ध खत्म करने के लिए प्रस्तावित अमेरिकी समझौते की रूपरेखा पर सहमति दे दी है. जबकि राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि कई मुद्दे अभी-भी अनसुलझे हैं. ये बयान अमेरिकी सेना सचिव डैन ड्रिस्कॉल के अबू धाबी में रूसी प्रतिनिधियों के साथ वार्ता के बीच आया है.
एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि यूक्रेन ने रूस के साथ युद्ध खत्म करने के लिए प्रस्तावित समझौते की रूपरेखा पर सहमति दे दी है.
अमेरिकी सेना सचिव डैन ड्रिस्कॉल की अबू धाबी में रूसी प्रतिनिधियों के साथ बातचीत के दौरान अधिकारी ने कहा, 'यूक्रेनियन शांति समझौते पर सहमत हो गए हैं. कुछ छोटी-मोटी बातें अभी सुलझाई जानी बाकी हैं, लेकिन वे शांति समझौते पर सहमत हो गए हैं.'
आम सहमति पर पहुंचे दोनो पक्ष
इसके अलावा यूक्रेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सचिव रुस्तम उमरोव ने एक्स पर लिखा कि हम जिनेवा में यूक्रेनी और अमेरिकी प्रतिनिधिमंडलों के बीच हुई उत्पादक और रचनात्मक बैठकों और युद्ध समाप्त करने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप के अथक प्रयासों की सराहना करते हैं. दोनों पक्ष (हमारे प्रतिनिधिमंडल) जिनेवा में चर्चा किए गए समझौते की मुख्य शर्तों पर एक आम सहमति पर पहुंच गए हैं.
उन्होंने आगे कहा कि कीव अब अगले कदमों में यूरोपीय सहयोगियों से समर्थन की उम्मीद करता है और अंतिम कदम पूरे करने और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ एक समझौते पर पहुंचने के लिए जेलेंस्की की अमेरिका यात्रा की व्यवस्था करने के लिए उत्सुक है.
जिनेवा वार्ता से मिले ठोस नतीजे
इससे पहले यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा था कि जिनेवा वार्ता से ठोस परिणाम मिले हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि अभी-भी बहुत काम बाकी है, जिससे ये संकेत मिलता है कि यूक्रेन अभी वार्ता को अंतिम घोषित करने के लिए तैयार नहीं है.
NATO में शामिल होने की कोशिश छोड़े यूक्रेन
अमेरिका द्वारा तैयार मूल शांति योजना में कई ऐसे विचार शामिल हैं, जिन्हें पिछली वार्ताओं में यूक्रेन ने खारिज कर दिया था. इसमें यूक्रेन से अपील की गई कि वह अपनी सशस्त्र सेनाओं के आकार पर सीमाएं स्वीकार करे, नाटो में शामिल होने की कोशिशें छोड़ दे और कुछ क्षेत्र को रूस को सौंप दे. ये सभी मांगें रूस की लंबे वक्त से चली आ रही हैं, क्योंकि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अधिकतम रियायतें हासिल करना चाहते हैं.
जेलेंस्की ने खारिज की रूस की मांगें
प्रस्ताव में कीव से डोनबास क्षेत्र के उन प्रमुख हिस्सों को भी सौंपने की भी मांग की है, जिन पर रूस ने कब्जे का ऐलान किया है, लेकिन इन जगहों पर रूस का पूरा नियंत्रण नहीं है. इस क्षेत्र में शहरों और कस्बों का एक किलाबंद क्षेत्र शामिल है जो यूक्रेन की रक्षा रणनीति के केंद्र में है.
हालांकि, जेलेंस्की ने बार-बार रूस की इन मांगों को खारिज करता रहा है कि यूक्रेन खेरसॉन और ज़ापोरिज्जिया में रूस के कब्जे वाले कुछ क्षेत्रों पर नियंत्रण के बदले में पूर्वी डोनबास को छोड़ दे.
सीमाओं को बल से नहीं बदला जा सकता
यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने चेतावनी दी कि यूक्रेन की सीमाओं को बलपूर्वक नहीं बदला जा सकता और किसी भी शांति योजना का विरोध किया जो यूक्रेन की सशस्त्र सेनाओं को कमजोर करे. उन्होंने कहा कि कोई भी समझौता ऐसी सीमाएं न लगाए जो यूक्रेन को भविष्य के हमलों के लिए असुरक्षित बना दें.
वॉन डेर लेयेन ने इस बात पर भी जोर दिया कि शांति सुनिश्चित करने में यूरोपीय संघ की भूमिका पूरी तरह से प्रतिबिंबित होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यूक्रेन को अपना भविष्य खुद तय करने का अधिकार बरकरार रखना चाहिए.
उन्होंने कहा, 'उन्होंने एक यूरोपीय नियति चुनी है' और आगे कहा कि ये रास्ता पुनर्निर्माण और यूरोप के एकल बाजार व रक्षा औद्योगिक आधार के साथ गहन एकीकरण से शुरू होता है.