
Indians in US: अमेरिका में बड़ी संख्या में भारतीय मूल के नागरिक रहते हैं. ऐसे में सामाजिक सद्भावना बनाए रखने के लिए अमेरिका के मिनेसोटा (Minnesota) राज्य में पहली बार दिवाली कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दिवाली कार्यक्रम में मिनेसोटा के गवर्नर टिम वॉल्ज और लेफ्टिनेंट गवर्नर पेगी फ्लैनिगन भी शामिल हुईं.
अमेरिका में प्रवासी भारतीयों के संगठन एसोसिएशन ऑफ इंडियंस इन अमेरिका (एआईए) की मदद से आयोजित दिवाली कार्यक्रम की शुरुआत शांति मंत्रों के साथ हुई. लेकिन खास बात यह भी रही कि इन मंत्रों का अंग्रेजी में भी अनुवाद किया गया.
कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक तौर पर दीप प्रज्जवलन से हुई. इस दौरान गवर्नर को गणेश की प्रतिमा भी भेंट की गई जबकि लेफ्टिनेंट गवर्नर को भगवदगीता की प्रति भेंट की गई.

मिनेसोटा में रहने वाले भारतीयों की संख्या लगभग 40,000 है. यहां भारतीय अमेरिकी नागरिकों के योगदान को सराहते हुए गवर्नर टिम वॉल्ज ने कहा कि मिनेसोटा में ऐतिहासिक तौर पर पहली बार दिवाली कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जो समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है. यह विभिन्नता में एकता का प्रतीक है, जिसमें अमेरिका में रह रहे प्रवासी भारतीयों की अहम भूमिका है.
अक्टूबर 'हिंदू हेरिटेज मंथ' घोषित
इस दौरान मिनेसोटा के गवर्नर वॉल्ज ने हर साल अक्टूबर को 'हिंदू हेरिटेज मंथ' के तौर पर मनाने का ऐलान किया. अमेरिका में बड़ी संख्या में रहने वाले हिंदुओं, सिखों, जैन और बौद्धों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है. विज्ञान, शिक्षा, मेडिसिन, कानून, राजनीति, कारोबार, तकनीक और खेल जैसे क्षेत्रों में भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिकों के योगदान की इसमें अहम भूमिका है.
भेंट के रूप में गणेश की मूर्ति मिलने पर गवर्नर ने कहा कि अब से गवर्नर हाउस में यह मूर्ति हमेशा रहेगी क्योंकि यह मिनेसोटा में पहली बार मनाई गई दिवाली का प्रतीक है.
व्हाइट हाउस में 2003 से मनाई जा रही है दिवाली
एआईए की मदद से सबसे पहले 1987 में न्यूयॉर्क सिटी में दिवाली कार्यक्रम का आयोजन किया था. तभी से न्यूयॉर्क में दिवाली बड़े धूमधाम से मनाई जाती है. 2003 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने व्हाइट हाउस में दिवाली की परंपरा शुरू की थी, जो बाद में ओबामा, ट्रंप और बाइडेन के कार्यकाल में भी बदस्तूर जारी रही.