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सिंगापुर: नाबालिग लड़की से यौन उत्पीड़न मामले में भारतीय नागरिक को 14 साल की जेल

सिंगापुर हाईकोर्ट ने 58 वर्षीय भारतीय नागरिक को नाबालिग लड़की के साथ दो बार यौन उत्पीड़न करने के जुर्म में 14 साल से ज्यादा की सजा सुनाई है. अदालत ने 15 कोड़े की सजा के बदले अतिरिक्त कारावास की सजा को रामलिंगम की सजा में शामिल किया है. वहीं, सजा सुनाए जाने के बाद अदालत ने शख्श को सशर्त जमानत दे दी.

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सिंगापुर कोर्ट ने भारतीय नागरिक को सुनाई 14 साल की सजा. (Photo: Representational)
सिंगापुर कोर्ट ने भारतीय नागरिक को सुनाई 14 साल की सजा. (Photo: Representational)

सिंगापुर की एक अदालत ने गुरुवार को 58 वर्षीय भारतीय नागरिक को नाबालिग लड़की के साथ दो बार यौन उत्पीड़न करने के जुर्म में 14 साल से ज्यादा की जेल की सजा सुनाई है. अदालत के फैसले के बाद दोषी भारतीय नागरिक ने कहा कि वह सजा के खिलाफ अपील करेंगे.

सिंगापुर के समाचार पत्र स्ट्रेट्स टाइम्स ने बताया कि सिंगापुर हाईकोर्ट द्वारा सुनाई गई इस सजा में 15 कोड़े की सजा के बदले अतिरिक्त कारावास की सजा को शामिल किया है. हाईकोर्ट ने कहा कि दोषी रामलिंगम सेल्वासेकरन की उम्र 50 साल से ज्यादा है और ऐसे में उन्हें कोड़े की सजा नहीं दी जा सकती. हालांकि, 14 साल, तीन महीने और दो सप्ताह की सजा सुनाई है.

'सजा के खिलाफ करेंगे अपील'

दरअसल, रामलिंगम को 7 जुलाई को तीनों आरोपों, जिसमें एक बलात्कार और दो महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के मामले शामिल हैं. इन मुकदमों में से एक मुकदमे में उन्होंने खुद अपना पक्ष रखा. 30 जुलाई को सजा पर बहस के दौरान रामलिंगम ने अपनी बेगुनाही का दावा किया और कहा कि वह अपनी सजा के खिलाफ अपील करेंगे.

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वहीं, सजा सुनाए जाने के बाद उन्हें 80,000 सिंगापुर डॉलर की जमानत दे दी, लेकिन उन्होंने जमानत की शर्तों, जैसे इलेक्ट्रॉनिक टैग हटाने और पुलिस कैंटोनमेंट कॉम्प्लेक्स में नियमित चेन इन की शर्त को हटाने की मांग की. इसके जज जस्टिस एडन जू ने खारिज कर दिया.

रामलिंगम ने आपत्ति जताई कि अदालत द्वारा जब्त किए गए सामानों में से 8 डॉलर नकद लड़की को वापस करने का प्रस्ताव गलत है, क्योंकि ये राशि उनकी दुकान से ली गई थी. जज ने अभियोजन पक्ष को मामले की जांच करने को कहा.

2021 की है घटना

बता दें कि ये घटना 28 अक्टूबर 2021 को शाम लगभग 4.50 बजे से 5.05 बजे के बीच सिंगापुर के पश्चिमी तट पर जुरोंग वेस्ट स्थित उसके प्रोविजन स्टोर पर हुए. लड़की उसके स्टोर पर गई थी और उसी दिन बाद में आइसक्रीम खरीदने के लिए लौटी.

अभियोजन पक्ष के अनुसार, रामलिंगम ने लड़की को दुकान के अंदरूनी हिस्से में ले जाकर उसके साथ छेड़छाड़ की और उससे ओरल सेक्स करवाया.

यौन उत्पीड़न के बाद नाबालिग ने रास्ते से जा रहे एक व्यक्ति से मदद मांगी, जिसने पुलिस को फोन किया. 16 जनवरी को शुरू हुए मुकदमे के अंत में रामलिंगम ने तर्क दिया कि लड़की की गवाही पर विश्वास नहीं किया जाना चाहिए.

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उन्होंने कहा कि ये अविश्वसनीय है कि वह मदद के लिए किसी अजनबी के पास गई, जबकि वह किसी ऐसे व्यक्ति के पास जा सकती थी जिसे वह जानती थी. उन्होंने तर्क दिया कि ये संदिग्ध है कि घटना के बाद उसके घर लौटने का कोई पुलिस कैमरा फुटेज नहीं है.

'वह नहीं कर सकता बलात्कार'

उन्होंने ये भी दावा किया कि वह नपुंसकता से पीड़ित थे, इसलिए वह बलात्कार नहीं कर सकता और उनके डीएनए का लड़की के शरीर पर न मिलना उनकी बेगुनाही का सबूत है.

जज ने ये भी बताया कि रामलिंगम ने अपने शुरुआती बयान में स्वीकार किया था कि उन्होंने लड़की को गले लगाया, चूमा और उसने उनके साथ ओरल सेक्स किया. बाद में उनके इनकार को जज ने उनके बयान से पीछे हटने की कोशिश माना. कैमरा फुटेज की अनुपस्थिति को जज ने लड़की के सबूतों को कमजोर करने वाला नहीं माना.

न्यायाधीश ने कहा कि पीड़िता पर रामलिंगम के DNA की अनुपस्थिति तटस्थ थी और इससे लड़की के इस साक्ष्य को कमजोर नहीं किया जा सकता कि उसके साथ यौन उत्पीड़न हुआ था.

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