गाजा में हमास का कोई वजूद नहीं होगा. हमास सदस्यों को गाजा छोड़ने की आजादी होगी. गाजा के कुख्यात सुरंग नष्ट होंगे. इस प्लान के लागू होने के साथ 72 घंटे में सभी जीवित इजरायली बंधक वापस किए जाएंगे. गाजा में इंटरनेशनल स्टेबलाइजेशन फोर्स की तैनाती होगी. गाजा में व्यापक शांति बहाल करने की ट्रंप की 20 सूत्री योजना के ये कुछ प्रमुख बिंदु हैं.
गाजा में 7 अक्तूबर 2023 के बाद 66 हजार लोगों की मौत हो चुकी है. यहां शांति बहाली के लिए ट्रंप ने जो बोर्ड ऑफ पीस बनाया है. इसके अध्यक्ष वे खुद हैं.
आइए समझते हैं कि गाजा का ये पीस प्लान कैसे काम करेगा. गौरतलब है कि इस प्लान के अमल में आने से पहले इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू ने कतर के अमीर से दोहा पर हमला करने के लिए माफी मांगी है.
गाजा पीस प्लान के अहम बिंदु
गाजा कट्टरपंथ-मुक्त, आतंक-मुक्त क्षेत्र होगा जो अपने पड़ोसियों के लिए कोई खतरा पैदा नहीं करेगा.
गाजा के लोगों के लाभ के लिए गाजा का पुनर्विकास किया जाएगा, जिन्होंने बहुत अधिक कष्ट सहे हैं.
यदि हमास और इजरायल इस प्रस्ताव पर सहमत हो जाते हैं, तो युद्ध तुरंत समाप्त हो जाएगा. ट्रंप ने कहा है कि इजरायल इस प्लान से सहमत है. इज़रायली सेनाएं बंधकों की रिहाई की तैयारी के लिए सहमत रेखा पर वापस लौट जाएंगी. इस दौरान, हवाई और तोपखाने की बमबारी सहित सभी सैन्य अभियान स्थगित रहेंगे.
इजरायल द्वारा इस समझौते को सार्वजनिक रूप से स्वीकार करने के 72 घंटों के भीतर, सभी बंधकों, जीवित और मृत, को वापस कर दिया जाएगा.
सभी इजरायली बंधकों वापसी के बाद इजरायल भी आजीवन उम्र कैद की सजा काट रहे 250 लोगों को रिहा करेगा. इसके अलावा 1700 उन गाजा निवासियों को भी छोड़ेगा जिन्हें 7 अक्तूबर 2023 के बाद गिरफ्तार किया गया है.
शांति में विश्वास रखने वाले हमास सदस्यों को माफी, गाजा छोड़ने की होगी आजादी
शांति समझौते में विश्वास रखने वाले हमास के सदस्यों को हथियार सौंपने का मौका दिया जाएगा. उन्हें माफी दी जाएगी और अगर कोई देश उन्हें अपने यहां रखना चाहता है तो उन्हें वहां जाने की आजादी होगी.
गाजा में पानी, बिजली और सीवरेज की सप्लाई लाइन बहाल की जाएगी.
गाजा का प्रशासन एक अस्थायी और गैरराजनीतिक समिति को सौंपा जाएगा. यह समिति योग्य फ़िलिस्तीनियों और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों से बनी होगी, जिसकी निगरानी और पर्यवेक्षण एक नए अंतर्राष्ट्रीय निकाय, "शांति बोर्ड" द्वारा किया जाएगा.
इसकी अध्यक्षता राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप करेंगे. इस बॉडी में ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर को अहम भूमिका दी जाएगी. यह संस्था गाजा के पुनर्विकास के लिए रूपरेखा तैयार करेगी और धन का प्रबंधन करेगी. ये संस्था गाजा के नागरिकों के लिए विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करने की कोशिश करेगी.
किसी को भी गाजा छोड़ने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा
किसी को भी गाजा छोड़ने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा, और जो लोग जाना चाहते हैं वे ऐसा करने और वापस लौटने के लिए स्वतंत्र होंगे. लोगों को वहीं रहने के लिए प्रोत्साहित करेंगे और उन्हें एक बेहतर गाज़ा बनाने का अवसर प्रदान करेंगे.
गाजा के शासन में हमास का कोई रोल नहीं
नए गाजा के शासन में हमास और अन्य गुटों का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कोई रोल नहीं होगा. गाजा के सुरंगों और हथियार उत्पादन सुविधाओं सहित सभी सैन्य, आतंकवादी और आक्रामक ढांचे को नष्ट कर दिया जाएगा और उनका पुनर्निर्माण नहीं किया जाएगा.
स्वतंत्र पर्यवेक्षकों की देखरेख में गाजा को डिमिलीट्राइज किया जाएगा. हथियारों को हटाया जाएगा. नया गाजा एक समृद्ध अर्थव्यवस्था के निर्माण और अपने पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध होगा.
हमास को लेकर देनी होगी गारंटी
क्षेत्रीय साझेदारों द्वारा यह गारंटी प्रदान की जाएगी कि हमास और उसके गुट अपने दायित्वों का पालन करेंगे तथा नया गाजा अपने पड़ोसियों या लोगों के लिए कोई खतरा नहीं बनेगा.
अंतर्राष्ट्रीय सेना की होगी तैनाती
संयुक्त राज्य अमेरिका अरब और अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों के साथ मिलकर एक अस्थायी अंतर्राष्ट्रीय स्थिरीकरण बल (International Stabilization Force-ISF ) विकसित करेगा जिसे तुरंत गाजा में तैनात किया जाएगा. ISF फिलीस्तीन पुलिस फोर्स को ट्रेनिंग देगी.
गाजा पर कब्जा नहीं करेगा इजरायल
इजरायल गाजा पर कब्जा नहीं करेगा. जैसे ही ISF का गाजा पर कंट्रोल स्थापित होगा, इजरायल की सेनाएं गाजा से निकलनी शुरू कर देगी. इजरायली सेना धीरे-धीरे गाजा पर कब्जा किए गए क्षेत्रों को ISF सौंपती रहेगी. इसका उद्देश्य एक सुरक्षित गाजा बनाना है जो अब इज़राइल, मिस्र या उसके नागरिकों के लिए कोई खतरा न बने.
फीलिस्तीनी अधिकारियों ने अमेरिकी राष्ट्रपति के इन प्रयासों को गंभीर और दृढ़ निश्चय वाला बताया है. एक बयान के मुताबिक फीलिस्तीनी अथॉरिटी ने कहा है कि प्रस्ताव में 'युद्ध को खत्म करने, गाजा में पर्याप्त मानवीय सहायता सुनिश्चित करने और बंधकों के साथ ही बंदियों की रिहाई को लेकर कमिटमेंट को फिर से दोहराया गया है.'