ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने आश्वासन दिया है कि उनका देश खालिस्तानी गतिविधियों या भारत के खिलाफ किसी भी हरकत का समर्थन नहीं करता है. ब्रिटिश सिख एसोसिएशन के चेयरमैन और कारोबारी लॉर्ड रामी रेंजर के मुताबिक पीएम जॉनसन ने एक बैठक में ये आश्वासन दिया. इस बैठक में कंजरवेटिव पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों के अलावा चांसलर ऋषि सुनक भी मौजूद थे.
लॉर्ड रेंजर ने आजतक/इंडिया टुडे से खास बातचीत में बताया कि, “मैंने पीएम जॉनसन से कहा कि कुछ अलगाववादी संगठन खालिस्तानी गतिविधियों में संलिप्त है. इस पर उन्होंने साफ शब्दों में आश्वासन दिया कि ब्रिटिश सरकार ऐसे किसी भी संगठन या भारत विरोधी किसी भी गतिविधि का समर्थन नहीं करती.’’
15 अगस्त को भारत विरोधी प्रदर्शनों पर बैन के लिए गृह मंत्री को लिखा
लॉर्ड रेंजर भारत के स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त को भारतीय उच्चायोग के बाहर किसी भी तरह के विरोध प्रदर्शन पर बैन लगाने के लिए ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल को भी चिट्ठी लिख रहे हैं.
लॉर्ड रेंजर ने इस बीच लेबर पार्टी की सांसद प्रीत गिल के साथ ट्विटर वॉर का जिक्र करते हुए आजतक/इंडिया टुडे को बताया, "आप 5,000 मील दूर बैठकर ट्विटर पर आत्मनिर्णय प्राप्त नहीं कर सकते, आपको अपने कारण के लोगों के बीच जाना होगा. कितना समर्थन आपके साथ है, वहीं आपकी लोकप्रियता की परीक्षा होगी.” उन्होंने आगे कहा कि जो लोग या संगठन खालिस्तान की बात करते हैं, उन्हें सबसे पहले अपना ब्रिटिश पासपोर्ट त्याग कर भारत जाना चाहिए और वहां राजनीतिक दल बनाना चाहिए.”
PM Boris Johnson tells Lord Ranger, Chairman of British Sikh Association that he does not support the movement of Khalistan in the UK. Lord Ranger said Home Secretary will be written to call off the protest outside HCI on the 15th of August. @loveenatandon's #ReporterDiary pic.twitter.com/qXZ4pL0QAO
— IndiaToday (@IndiaToday) August 12, 2020
बता दें कि लॉर्ड रेंजर की ओर से पीएम जॉनसन के समर्थन की बात कहने पर उन्हें ट्रोल किया जा रहा था. लेबर पार्टी की सांसद प्रीत गिल ने इसी संबंध में ट्विटर पर लिखा था- “आत्मनिर्णय का सिद्धांत संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के अनुच्छेद 1 में प्रमुखता से उल्लेखित है.”
.@PreetKGillMP does it mean you support the case of #Khalistan . @RamiRanger @BorisJohnson https://t.co/CZjkDZMp5W
— loveena tandon (@loveenatandon) August 6, 2020
बता दें कि ब्रिटेन में कई संगठन और गुरुद्वारे ‘सिख फेडेरेशन यूके’ की छतरी के नीचे काम कर रहे हैं. इस तरह के संगठन पाकिस्तान समर्थक कश्मीरी संगठन से हाथ मिला कर भारत विरोधी प्रदर्शनों को अंजाम देते हैं. अतीत में इनकी ओर से 15 अगस्त को भारतीय उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन किए जाते रहे हैं.
ब्रिटिश सिख एसोसिएशन की ओर से विरोध प्रदर्शन की निंदा करते हुए लॉर्ड रेंजर ने आजतक/इंडिया टुडे से कहा, "मैं गृह मंत्री से ऐसे प्रदर्शनों पर बैन लगाने के लिए कहूंगा, जो किसी तीसरे देश में देशद्रोह को बढ़ावा देते हैं."
अलगाववादियों को पाक ISI से फंडिंग
इस तरह के अलगाववादी संगठनों को धन और समर्थन के बारे में अतीत में कई सवाल उठाए गए हैं. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई पर ऐसे संगठनों को फंडिंग करने के आरोप लगते रहे हैं. इन संगठनों को लेकर विरोध प्रदर्शनों में किराए के वाहनों पर लोगों को लाने, उन्हें खिलाने और भुगतान करने जैसी बातें की जाती हैं.
लॉर्ड रेंजर ने कहा, "यह कोई छिपा राज नहीं है, ऐसी विदेशी शक्तियां हैं जो भारत में समस्याएं पैदा करना चाहेंगी क्योंकि भारत की तरक्की उन्हें नहीं पचती.”
पाकिस्तान के साथ प्रो-खालिस्तान संगठनों की साठगांठ भी कोई छिपी बात नहीं है. भारत विरोधी गतिविधियां खालिस्तानी संगठनों और पाकिस्तान समर्थक कश्मीरी संगठनों की ओर से मिलकर चलाई जाती हैं.
चैरिटी संगठन के बैनर तले चलने वाले गुरुद्वारों को राजनीतिक गतिविधियों की इजाजत नहीं है. लेकिन इसके बावजूद कानून का उल्लंघन देखा जाता रहा है. ग्रेटर लंदन के स्लो क्षेत्र में स्थित एक गुरुद्वारे में खालिस्तान के समर्थन में लगाए गए बैनर की घटना को आजतक/इंडिया टुडे ने पहले रिपोर्ट किया था. ये जगह लंदन से 20 मील (करीब 32 किलोमीटर) दूर है.
इस मामले को चैरिटी कमीशन के ध्यान में लाया गया, जिन्होंने गौर करने का आश्वासन दिया, लेकिन कार्रवाई का इंतजार किया जा रहा है.
इसी तरह ब्रिटेन में राष्ट्रीय सिख यूथ फेडेरेशन की वेबसाइट खुले तौर पर ‘बब्बर खालसा’ जैसे अलगाववादी संगठन का समर्थन करती है जबकि ये संगठन ब्रिटेन में घोषित आतंकी संगठन के तौर पर सूचीबद्ध है. इस पर आजतक/इंडिया टुडे ने मेट्रोपॉलिटन पुलिस को लिखा तो वहां से जवाब आया. मेट्रोपॉलिटन पुलिस काउंटर टेररिज्म इंटरनेट रेफरल यूनिट (CITRU) हर साल हजारों ऑनलाइन सामग्री का आकलन करती है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि वे मेजबान साइट की नियम शर्तों या ब्रिटेन के आतंक विरोधी कानूनों का उल्लंघन तो नहीं कर रहे, जहां उपयुक्त हो, CTIRU सामग्री को हटाने के लिए कदम उठायेगा. लेकिन हम सामग्री विशेष पर चर्चा नहीं करते हैं कि क्या CTIRU की ओर से उसका आकलन किया जा रहा है या नहीं. अगर किसी को ऐसा कुछ ऑनलाइन दिखता है जो आतंकवाद या उग्रवाद को बढ़ावा दे सकता है, उसे यहां रिपोर्ट करना चाहिए.
ब्रिटेन ने भी 5G नेटवर्क से चीनी कंपनी हुआवेई पर प्रतिबंध लगाया
कई संगठन प्रतिबंधित हैं लेकिन वो नाम बदल बदल कर सामने आते रहते हैं. क्या उनके खिलाफ कोई कार्रवाई की जाएगी? जैसा कि पीएम जॉनसन ने कहा है कि ऐसे संगठनों या भारत विरोधी गतिविधियों का ब्रिटेन समर्थन नहीं करता? यह सवाल किए जाने पर लॉर्ड रेंजर ने कहा कि वे अपनी तरफ से इस संबंध में दबाव बनाए रखेंगे.
कौन हैं लॉर्ड रामी रेंजर?
ब्रिटेन में कारोबार में नाम बनाने वाले रामी रेंजर का जन्म गुजरावाला (अब पाकिस्तान में) में हुआ. भारत-पाकिस्तान बंटवारे का विरोध करने की वजह से उनके पिता नानक सिंह की हत्या हुई. अमृतसर में उनके नाम से शहीद नानक सिंह मार्ग और मूर्ति भी है.