कनाडा के विपक्षी नेता पियरे पोइलीवर और कंजरवेटिव पार्टी ने 2024 दिवाली उत्सव को रद्द कर दिया है, जिससे हिंदू, सिख, बौद्ध और जैन समुदायों में नाराजगी है. कनाडा में हिंदू फोरम ने कहा कि यह फैसला कनाडा के विविध सांस्कृतिक समुदायों के प्रति असंवेदनशीलता का प्रतीक है. आगामी चुनावों में, समुदायों को अपनी आवाज बुलंद करने के लिए सही नेता चुनने की जरूरत है.
हिंदू फोरम ने विपक्षी नेता पियरे पोइलीवर और कंजरवेटिव पार्टी के फैसले पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि दिवाली, जो वैश्विक स्तर पर एकता और प्रकाश का पर्व माना जाता है उसका सेलिब्रेशन रद्द करना एक बड़े सामुदायिक हिस्से को छोड़ने जैसा है.
यह भी पढ़ें: विशेष: राम मंदिर बनने के बाद पहली दिवाली, देखें चमकती अयोध्या की खूबसूरत तस्वीर
राजनीति से प्रेरित तुष्टीकरण का नतीजा है ऐसा फैसला!
कनाडा हिंदू फोरम ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने भी इस त्योहार का सम्मान किया है, फिर भी, सीपीसी नेता ने कनाडाई हिंदुओं, सिखों, बौद्धों और जैनियों के प्रति उपेक्षा दिखाई है. कनाडा हिंदू फोरम ने कहा कि यह फैसला राजनीति से प्रेरित तुष्टीकरण का नतीजा है, जो कनाडाई समाज के एक अहम हिस्से को नजरअंदाज करता है.
कनाडा के समाज का अहम हिस्सा है समुदाय!
हिंदू, सिख, बौद्ध और जैन समुदायों को राजनीतिक तौर पर अलग करना इस निर्णय का प्रमुख कारण माना जा रहा है. लगभग 2.5 मिलियन की आबादी वाले ये समुदाय कनाडा के समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और विज्ञान, शिक्षा आदि क्षेत्रों में अमूल्य योगदान देते रहे हैं. इन समुदायों के प्रति सम्मान की कमी को हिंदू फोरम ने कनाडा के लिए एक कमजोर पहलू बताया है.
यह भी पढ़ें: अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने व्हाइट हाउस में मनाई दिवाली, देखिए VIDEO
सही नेता चुनने की सलाह
कनाडा हिंदू फोरम ने कहा कि आगामी चुनावों में, यह अहम हो जाता है कि ये समुदाय संयुक्त होकर अपनी संस्कृति और मूल्यों के प्रति सम्मान की आवाज उठाएं. विपक्षी नेता का यह फैसला उनकी भविष्य की राजनीतिक रणनीतियों के प्रति चिंता की बात है. चुनावों में ऐसे नेताओं का चयन करना चाहिए जो वास्तविक इनमें सम्मान और समावेशी का समर्थन करते हों.