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ब्रिटिश दंपति को एजेंसी की सलाह- गोरा बच्चा गोद नहीं ले सकते, भारत में ढूंढो

बर्कशायर निवासी संदीप और रीना मंदेर एक बच्चे को गोद लेना चाहते थे. वे किसी भी पृष्ठभूमि के बच्चे को गोद लेने को तैयार थे. लेकिन एजेंसी ने उन्हें यह कहते हुए मना कर दिया कि इन गोरे बच्चों के लिए ब्रिटिश और यूरोपियन लोगों को ध्यान में रखा जाएगा. इसका साफ-साफ मतलब यह कि उन्हें बच्चे मिलने की संभावना बहुत कम है.

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संदीप और मीना मंदेर
संदीप और मीना मंदेर

बच्चे को गोद लेने आए ब्रिटेन के एक सिख जोड़े को एजेंसी ने मना कर दिया. बच्चे को गोद देने वाली एजेंसी ने उनके भारतीय मूल के होने की वजह से बच्चे को देने से मना कर दिया है. एजेंसी ने यहां तक कह डाला कि उन्हें भारत के बच्चे को गोद लेने की कोशिश करनी चाहिए. इस घटना ने ब्रिटेन में भारतीयों के साथ हो रहे रंगभेद को सबके सामने ला दिया है.

बर्कशायर निवासी संदीप और रीना मंदेर एक बच्चे को गोद लेना चाहते थे. वे किसी भी पृष्ठभूमि के बच्चे को गोद लेने को तैयार थे. लेकिन एजेंसी ने उन्हें यह कहते हुए मना कर दिया कि इन गोरे बच्चों के लिए ब्रिटिश और यूरोपियन लोगों को ध्यान में रखा जाएगा. इसका साफ-साफ मतलब यह कि उन्हें बच्चे मिलने की संभावना बहुत कम है.

ब्रिटिश मीडिया ने मंगवार को बच्चे को गोद लेने में हुए रंगभेद के इस मुद्दे को बहुत अहमियत के साथ उठाया. ऑफिशियली बच्चे को गोद लेने में उसकी पृष्ठभूमि कोई माइने नहीं रखता है.

संदीप मंदार का कहना है कि 'हम उस बच्चे को एक प्यार भरा घर देना चाहते है. इससे कोई फ्रक नहीं पड़ता वह किस रंग का है. हमने यह सोचा भी नहीं था कि हमें अप्लाई करने से भी रोक दिया जाएगा. हम उसे पालने में सक्षम है. लेकिन सिर्फ हमारी विरासत भारतीय/पाकिस्तानी है इसलिए हम धक्का लगा.'

यूके में जन्मे इस जोड़े ने इसके खिलाफ कानूनी कारवाई के लिए कोर्ट का रुख किया है. यूके के एजेसियों को बच्चा गोद देने में माता-पिता के पृष्ठभूमी को तवज्जो देने की अनुमती है. संदीप की कानूनी कारवाई के पक्ष में मानवता और मानवाधिकार आयोग (ईएचआरसी) भी आ गया है.

ईएचआरसी प्रमुख डेविड आइजक ने कहा कि 'ऐसे बहुत सारे बच्चे हैं जो संदीप और रीना जैसी फैमली चाहते हैं. इससे उन्हें बेहतर जिंदगी मिल सके. संस्कृतिक विरासत के कारण इससे मना करना गलत है.'

गोद लेने का यह केस पहली बार थेरेजा पास गया था. उस समय वह वहां कि एमपी थी. संदीप ने कहा कि 'मे यह मामला सुनकर हैरान रह गई थीं और वह इससे काफी हैरान भी हुई थी. इसके बाद उनकी ऑफिस ने पत्र भी लिखा था. लेकिन कुछ हुआ नहीं.'

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