
पुलिस हेलिकॉप्टर से बम बरसा रही है तो ड्रग माफिया ड्रोन से बम गिराकर पुलिस पर हमला कर रही है, गोलियों की आवाज से रियो डी जेनेरो की गलियां दहल उठी हैं. गलियों में 'ड्रग लॉर्ड्स' की लाशें जहां-जहां पड़ी हैं. ब्राजील पुलिस ने ड्रग माफिया 'रेड कमांडो' के खिलाफ ब्राजील के हाल के इतिहास का सबसे बड़ा ऑपरेशन छेड़ दिया है.
ड्रग लॉर्ड वे व्यक्ति होते हैं जो अवैध मादक पदार्थों के व्यापार या तस्करी के एक बड़े नेटवर्क के प्रमुख होते हैं.
पुलिस की गोलियों से 60 ड्रग तस्कर मारे गए हैं, जबकि दबंग और समानांतर सरकार चलाने वाले ड्रग तस्करों ने भी पुलिस को शिकार बनाया है और इस ऑपरेशन में चार पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं. इस ऑपरेशन में अबतक कुल 64 लोग मारे गए हैं.
ब्राजील पुलिस का ये ऑपरेशन रियो डी जेनेरो शहर में चल रहा है. यहां युद्ध जैसी स्थिति बनी है. रियो डी जेनेरो लंबे समय से Comando Vermelho (CV), Terceiro Comando Puro (TCP) जैसे 'ड्रग लॉर्डस' के कब्जे में रहा है. ड्रग तस्करी का सिंडिकेट चलाने वाले Comando Vermelho को ब्राजील में रेड कमांडो कहा जाता है.
ये गिरोह न केवल ड्रग तस्करी बल्कि अवैध हथियार, भूमि कब्ज़ा, और स्थानीय लोगों से “सुरक्षा टैक्स” वसूलते हैं.
अक्टूबर 2025 के अंत में रियो के मेयर और राज्य सरकार ने “ऑपरेशन रियो पैसिफिकाडो” (Operation Rio Pacificado) नाम से एक अभियान शुरू किया है.
मंगलवार को गवर्नर क्लाउडियो कास्त्रो ने एक वीडियो बयान जारी कर कहा कि 60 अपराधियों को 'न्यूट्रलाइज' कर दिया गया है. यह कार्रवाई एक बड़े पैमाने पर पुलिस अभियान के तहत की गई, जिसमें पुलिस ने 250 से अधिक गिरफ्तारी और तलाशी वारंट जारी किए हैं.

रियो की सरकार के अनुसार इस ऑपरेशन में लगभग 2,500 पुलिसकर्मी और सैन्यकर्मी शामिल थे. इस अभियान का उद्देश्य रियो की प्रमुख ड्रग तस्करी गिरोह 'Comando Vermelho' (लाल कमांडो) को निशाना बनाना था. ये गैंग कि शहर के गरीब इलाकों में सक्रिय है.
हेलिकॉप्टर और बख्तरबंद वाहन से हमला
पुलिस ने ड्रग तस्करों के खिलाफ कार्रवाई के लिए हेलीकॉप्टरों और बख्तरबंद वाहनों के साथ छापा मारा. इस दौरान भारी गोलीबारी हुई और ऑपरेशन के दौरान कई जगहों पर आग लग गई. पुलिस ने करीब 81 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है, जबकि माफिया के लगभग 60 सदस्य मारे गए. इसमे 4 पुलिसकर्मियों की भी मौत हुई. पुलिस ने 75 से अधिक राइफलें और बड़ी मात्रा में ड्रग्स भी जब्त की. इस ऑपरेशन को रियो के इतिहास का सबसे बड़ा और खूनी अभियान बताया जा रहा है. पुलिस ड्रग माफिया का समूल विनाश का मिशन लेकर चल रही है और उनके हर ठिकानों पर छापे मारे जा रहे हैं.
पुलिस ने बड़ी मात्रा में कोकीन (200 किलो) जब्त किया, उसके हाथ नगदी भी लगी है और कुछ हथियार भी उनके हाथ लगे हैं.
माफिया की प्रतिक्रिया और हिंसा
गिरोह के सदस्यों ने पुलिस पर ड्रोन से हमले किए. उन्होंने कई जगह सड़कें बंद कर दी और 50 से अधिक बसों पर कब्जा कर लिया और रास्ते बंद कर दिया. रियो की गलियों में युद्ध जैसा दृश्य दिख रहा था. कई गुडों की लाशें गलियों में गिरी हुई पाई गई. खौफ और दहशत का माहौल ऐसा बना कि आस-पास के स्कूल और विश्वविद्यालय बंद कर दिए गए.

रेड कमांडो का खूनी अतीत
'Comando Vermelho' यानी कि रेड कमांडो ब्राजील का सबसे पुराना और प्रभावशाली माफिया गिरोह है. इसकी स्थापना 1970 के दशक में जेलों में राजनीतिक बंदियों के समूह के रूप में हुई थी, लेकिन आज यह एक ट्रांसनेशनल ड्रग तस्करी नेटवर्क बन चुका है. यह अभियान माफिया के क्षेत्रीय विस्तार को रोकने के लिए एक साल से अधिक समय तक योजना बनाकर चलाया गया है.
रियो में UN का इवेंट
ब्राजील के रियो डी जनेरे में ड्रग माफिया के खिलाफ बड़ी कार्रवाई इसलिए की जा रही है क्योंकि इस शहर में जल्द ही COP30 (संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन) से जुड़ी महत्वपूर्ण ग्लोबल इवेंट्स होने वाली हैं. रियो में नवंबर के पहले सप्ताह में C40 ग्लोबल मेयर्स समिट और प्रिंस विलियम का अर्थशॉट प्राइज कार्यक्रम आयोजित होने वाला है, जो COP30 के लिए प्री-इवेंट के रूप में गिना जाता है.
इन बड़े आयोजन के पहले शहर की सुरक्षा को कंट्रोल करने के लिए उपद्रव रोकने के लिए और मादक पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए ऐसी सख्त कार्रवाई जरूरी मानी जा रही. ड्रग माफिया और संगठित अपराधों के बढ़ते प्रभाव के कारण यहां पहले से ही चिंता बनी हुई है, इसलिए पुलिस अब ये कार्रवाई कर रही है ताकि अंतरराष्ट्रीय मेहमानों और पर्यावरण सम्मेलनों के दौरान रियो की सुरक्षा और शांति बनी रहे.