
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानेस ने कहा कि बॉन्डी बीच पर आतंकियों की ओर से की गई गोलीबारी का मकसद “इस्लामिक स्टेट (ISIS) की विचारधारा” हो सकता है. यह घटना ऑस्ट्रेलिया में आतंकी गतिविधियों के बढ़ते खतरे को फिर से उजागर करती है.
2019 में, नेवेद अकरम बैंक्सटाउन में स्ट्रीट दुआ आंदोलन के तहत कुरान और पैम्फलेट्स लेकर प्रचार करते नज़र आ चुका है. वह कट्टरपंथी प्रचारक विस्सम हद्दाद के साथ जुड़ा रहा, जिस पर नस्लवादी और यहूदी विरोधी संदेश ऑनलाइन फैलाने का आरोप है.
कट्टरपंथी प्रचारक हद्दाद ने बैंक्सटाउन के अल मदिना दुआ केंद्र की अगुवाई की, जहां युवाओं को कट्टर विचारों का प्रचार किया जाता था. इस प्रचार में हद्दाद और नेवेद को कई तस्वीरों में साथ देखा गया. तस्वीरों में हद्दाद नेवेद का कंधों पर हाथ रखा हुआ भी नज़र आता है.

उसके विचार कैसे थे? यूट्यूब पर पोस्ट किए गए वीडियो में उसने बताया था कि मेरी क्रिसमस की बधाई देना हत्या करने से भी बुरा है. वीडियो में यहूदियों को बंदर और सुअर तक का वंशज बताया. उसके बयानों में यहूदियों को अपमानजनक शब्दों से रेफरेंस किया गया, जिसे बाद में फ़ेडरल कोर्ट ने बैन किया था.
तो बॉन्डी बीच शूटर का इस्लामिक स्टेट से आखिर क्या संबंध था?
सोशल मीडिया पोस्ट्स और वीडियोज, जिन्हें इंडिया टुडे ने भी वेरीफाई किया है जिसमें कई मौकों पर विस्म हद्दाद और नेवेद अकरम को साथ देखा जा चुका है.

तो बॉन्डी बीच शूटर का इस्लामिक स्टेट से आखिर क्या संबंध था?
सोशल मीडिया पोस्ट्स और वीडियोज, जिन्हें इंडिया टुडे ने भी वेरीफाई किया है जिसमें कई मौकों पर विस्म हद्दाद और नेवेद अकरम को साथ देखा जा चुका है.
हालांकि, हद्दाद के ख़िलाफ़ कभी भी आतंकवाद से जुड़े मामलों में कोई केस दर्ज नहीं हुआ. हालांकि, एक दशक पहले उसने खुलकर ऑस्ट्रेलिया के आतंकवादी मोहम्मद एलोमार और खालिद शर्रुफ से दोस्ती को लेकर बातचीत की थी.
2009 में जेल से रिहा होने के बाद खालिद शरूफ के बारे में रिपोर्ट सामने आई थीं कि वह विस्साम हद्दाद द्वारा संचालित प्रेयर सेंटर में जाने लगा था. बाद में हद्दाद ने ऑस्ट्रेलियाई ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (ABC News) से कहा था कि शरूफ 2013 में ऑस्ट्रेलिया से निकलकर इस्लाम के लिए लड़ने की अपनी पुरानी इच्छा पूरी करने गया था.
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इंडिया टुडे की जांच में यह भी सामने आया कि हद्दाद से जुड़े संगठनों स्ट्रीट दावाह मूवमेंट और अल मदीना दावाह सेंटर ने ऑनलाइन कट्टरपंथी कंटेंट साझा किया था. 2019 में स्ट्रीट दावाह मूवमेंट द्वारा पोस्ट किए गए कई वीडियो में ईसा मसीह और बुद्ध की मूर्तियों को तोड़ते हुए दिखाया गया था. बाद में इनमें से कई वीडियो हटा दिए गए.
बैंकस्टाउन में स्ट्रीट दावाह मूवमेंट की एक सभा में जोसेफ सादीह भी नजर आया था, जो एक दोषी आईएसआईएस सहयोगी है. उसकी तस्वीर 2021 में, गिरफ्तारी से कुछ समय पहले ली गई थी.
सोमवार देर रात अल मदीना दावाह सेंटर ने एक बयान जारी कर सफाई दी कि हद्दाद, जिन्हें उस्ताद अबू उसैद के नाम से भी जाना जाता है, अब अल मदीना ग्रुप में किसी भी तरह की भूमिका में नहीं हैं, सिवाय कभी-कभार अतिथि वक्ता के रूप में बुलाए जाने के.
संगठन ने यह भी कहा कि बैंकस्टाउन स्थित सेंटर अब “नए प्रबंधन” के तहत काम कर रहा है और मीडिया द्वारा संगठन या उसके नेतृत्व को बदनाम करने की कोशिशों को वे सिरे से खारिज करते हैं.

अल मदीना दावाह सेंटर के फेसबुक पेज पर पहले पोस्ट किए गए एक वीडियो में, जो अब हटा दिया गया है, एक युवा अकरम को यह कहते हुए सुना गया था कि “अल्लाह तुम्हारे हर उस काम का इनाम देगा जो तुम उसके नाम पर करोगे.” हालांकि ऐसे ही कई अन्य वीडियो, जिनमें कट्टर विचार रखे गए हैं, अब भी फेसबुक पेज पर उपलब्ध हैं.
हद्दाद को इस्लामिक स्टेट से जोड़ने वाला एक अहम बयान ऑस्ट्रेलियाई खुफिया एजेंसी ASIO के एक पूर्व अंडरकवर एजेंट से भी आया है, जिनका कोडनेम ‘मार्कस’ था. उन्होंने ABC News को बताया कि उन्होंने कई बार अधिकारियों को चेतावनी दी थी कि हद्दाद बैंकस्टाउन स्थित अल मदीना दावाह सेंटर में युवाओं को कट्टरपंथ की ओर ले जाने की कोशिश कर रहे हैं और वैश्विक आतंकी नेताओं के साथ मिलकर ऑस्ट्रेलिया में जिहादियों की नई पीढ़ी को प्रेरित कर रहे हैं.
अल मदीना दावाह सेंटर के कई वीडियो में यह भी देखा गया है कि हद्दाद के भाषणों में शामिल होने वालों को मुफ्त पिज्जा बांटा जाता था, जिसे युवाओं को आकर्षित करने के तरीके के तौर पर देखा गया.
भारत से क्या रिश्ता?
तेलंगाना पुलिस के अनुसार, दूसरे हमलावर साजिद अकरम भारतीय मूल का था और हैदराबाद से 1998 में ऑस्ट्रेलिया गया था. पुलिस मुठभेड़ में उनकी मौत हो गई, जबकि नवीद अकरम गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती है.
सिडनी पुलिस के अनुसार, साजिद अकरम इस दौरान भारत 6 बार आया, पारिवारिक मामलों और ज़मीन से जुड़े प्रॉपर्टी को लेकर. हालांकि, साजिद के पास भारत का पासपोर्ट था, नवीद ऑस्ट्रेलिया में पैदा हुआ और वह ऑस्ट्रेलियन सिटिज़न है.